प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को राजधानी दिल्ली में पार्लियामेंट के नए भवन का भूमि पूजन करेंगे। 10 दिसंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम प्रकाश बिड़ला ने शनिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने पीएम मोदी से उनके घर पर मुलाकात की और उन्हें इसके लिए आमंत्रित किया। इस सिलसिले में ओम बिरला ने पिछले सप्ताह अधिकारियों के साथ नए भवन की साइट की भी समीक्षा की थी।
ओम बिरला ने कहा कि 2022 में देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर, हम नए संसद भवन में दोनों सदनों का सत्र शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि नए भवन में लोकसभा सांसदों के लिए लगभग 888 सीटें और राज्यसभा सांसदों के लिए 326 सीटें होंगी। पार्लियामेंट हॉल में कुल 1,224 सदस्य एक साथ बैठ सकेंगे।
विपक्ष में विपक्ष, लेकिन सरकार अडिग
जब देश में कोरोना फैला, तो विपक्ष ने ऐसे समय में एक नई संसद भवन के निर्माण के लिए सरकार की आलोचना की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने नई इमारत के निर्माण के समय और खर्च पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा कि सरकार को इस समय नए भवन बनाने के बजाय कोरोना से लड़ने पर ध्यान देना चाहिए। इस वर्ष की शुरुआत में, सरकार ने एक नए संसद भवन के निर्माण के अपने निर्णय को बरकरार रखा।
टाटा को मिली जिम्मेदारी
टाटा के अधिकारियों ने सितंबर में कहा था कि संसद के नए भवन को एक त्रिकोण आकार में डिजाइन किया गया हैै। इस संसद को मौजूदा संसद परिसर के पास बनाया जाएगा। इस पर 861.90 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। नए संसद भवन का काम एक साल में पूरा होने की उम्मीद जाताई जा रही है। इसे बनाने की जिम्मेदारी टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की है।
देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L & T) ने 865 करोड़ रुपये की बोली लगाई। वहीं, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) द्वारा 940 करोड़ रुपये की लागत बताई गई। आखिर में, शर्त टाटा ने जीती।
संसद भवन सिर्फ ब्रिटिश शासन के तहत बनाया गया था। इसे एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया था। उन्होंने नई दिल्ली का निर्माण और योजना भी की। गोल आकार में संसद भवन भारत की सबसे बेहतरीन इमारतों में से एक है। इसके सामने महात्मा गांधी की प्रतिमा बनी है। इसी तरह से और भी कई हैं।
गर्वनमेंट ने सेंट्रल विस्टा का मास्टर प्लान भी बनाया
सरकार ने राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच नई इमारतों के निर्माण के लिए सेंट्रल विस्टा का मास्टर प्लान तैयार किया है।
इस क्षेत्र में केंद्रीय सचिवालय के लिए 10 भवन बनाए जाएंगे। राष्ट्रपति भवन, मौजूदा संसद भवन, इंडिया गेट और राष्ट्रीय अभिलेखागार भवन को एक ही रखा जाएगा।
सेंट्रल विस्टा के मास्टर प्लान के अनुसार, नया तिकोना संसद भवन पुराने संसद भवन के सामने गांधीजी की प्रतिमा के पीछे बनाया जाएगा।
इसमें लोकसभा और राज्यसभा के लिए एक-एक भवन होगा, लेकिन सेंट्रल हॉल नहीं बनाया जाएगा। भवन 13 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा।