राहुल गांधी की रूपनगढ़ की ट्रैक्टर रैली और सभा में सचिन पायलट को मंच से उतारने पर कांग्रेस में विवाद हो गया है। कुछ दिन पहले ही सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद देने वाले प्रियंका गांधी के नजदीकी कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सचिन पायलट को राहुल गांधी के मंच से उतारने पर सवाल उठाए हैं। किसानों के मुद्दे पर राहुल गांधी के दो दिन के दौरे में अब बहस कृषि कानूनों से ज्यादा सचिन पायलट को महत्व मिलने या न मिलने पर हो रही है। प्रमोद कृष्णम की टिप्पणी के बाद विवाद गहरा गया है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट करके सचिन पायलट को मंच से उतारने पर तल्ख तेवर दिखाए।
प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट किया,
किसानों की “पंचायत” में किसान नेता को मंच से उतार कर किसानों का भला कैसे हो पायेगा, सवाल सचिन पायलट की तौहीन और इज़्ज़त का नहीं है, सवाल कांग्रेस के “भविष्य”
का है.@RahulGandhi @ashokgehlot51 @SachinPilot.— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) February 14, 2021
प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी, अशोक गहलोत और सचिन पायलट को टैग भी किया है। प्रमोद कृष्णम के इस ट्वीट के बाद सचिन पायलट समर्थकों ने भी सोशल मीडिया पर नाराजगी जाहिर करना शुरू कर दिया है। पायलट समर्थक अनदेखी पर सवाल उठा रहे हैं।
विवाद की वजह
रूपनगढ़ में राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली के मंच पर शुरूआत में सचिन पायलट और कई नेता थे। राहुल गांधी के मंच पर आते ही पहले मंच संचालन कर रहे विधायक रामलाल जाट और इसके बाद प्नेरभारी अजय माकन ने चार नेताओं को छोड़ अन्य नेताओं से नीचे बैठने को कह दिया। राहुल गांधी के साथ अशोक गहलोत, केसी वेणुगोपाल और गोविंद सिंह डोटासरा के अलावा बाकी नेताओं को मंच से नीचे उतरने की माइक से घोषणा कर दी। जिस वक्त यह घोषणा की जा रही थी पायलट मंच पर थे। राहुल गांधी ने जैसे ही भाषण देना शुरू किया, सचिन पायलट और अजय माकन ने आपस में बात की और दोनों ही मंच से नीचे उतर गए। इस घटना को ही सचिन पायलट को मंच से उतारने से जोड़कर देखा गया। आचार्य प्रमोद कृष्णम के ट्वीट के बाद यह घटना को अब मुद्दा बना लिया है।
रूपनगढ़ में ट्रैक्टर रैली के मंच पर नीचे उतरने से पहले अजय माकन से बात करते सचिन पायलट, इसके बाद दोनों मंच से उतर गए।
बड़ा सवाल, क्या सचिन पायलट की अनदेखी की गई ?
राहुल गांधी के दौरे में सचिन पायलट की अनदेखी पर अब उनके समर्थक सोशल मीडिया पर सवाल उठा रहे हैं। राहुल गांधी की दो सभाओं—पदमपुर और मकराना में सचिन पायलट को बोलने का मौका मिला। जनसभाओं में मंच पर तो जगह मिली लेकिन राहुल गांधी के अगल-बगल की सीट पर जगह नहीं मिली। मकराना में भी राहुल गांधी के पास थोड़ी देर उन्हें तभी बैठने का मौका मिला, जब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भाषण देने चले गए थे। सुरसुरा तेजाजी मंदिर में पायलट साथ लेकिन राहुल गांधी के ट्रैक्टर में उन्हें जगह नहीं मिली। राहुल गांधी के साथ कार में भी पायलट को जगह नहीं मिली।
राहुल के दौरे में पायलट को पहले वाला सम्मान नहीं मिलना बना बहस का इश्यू
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि राहुल गांधी की दो दिवसीय यात्रा के बाद, कांग्रेस को किसानों के पक्ष में खड़े होने के लिए सक्रिय हो जाना चाहिए, वह एक बहस का मुद्दा नहीं बना और सचिन पायलट को उचित सम्मान नहीं दिया, वह पायलट की उपेक्षा कर रहा है। । इसके साथ ही यह आने वाले दिनों में मूड को पकड़ सकता है।
पायलट के पक्ष में आचार्य प्रमोद कृष्णम का क्या मतलब
आचार्य प्रमोद कृष्णम को प्रियंका गांधी का करीबी माना जाता है, कांग्रेस में उनके सचिन पायलट का खुलकर समर्थन करने के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। जनता से प्रियंका की टिप्पणी राहुल गांधी की सार्वजनिक बैठक पर सार्वजनिक टिप्पणी करती है जब सचिन पायलट को मंच से हटा दिया गया था। इसे सचिन पायलट के पक्ष में माहौल बनाने की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन राहुल गांधी के दौरे के बाद गुटबाजी और बढ़ने के आसार है।