Lakshmi Puja 2025: दिनभर की खरीदारी के बाद, जब शाम को पूजा‑समय आता है, तो Lakshmi Puja 2025 में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियों को पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर मुख करके स्थापित करना शुभ माना जाता है। पूजा‑चौकी पर माहालक्ष्मी और गणेश जी को इस तरह रखें कि उनके मुख की दिशा दिशा‑निर्देशों के अनुसार हो, जिससे positive energy और wealth blessings आएँ।
Lakshmi Puja 2025: कलश, नारियल और अन्य पूजा सामग्री कैसे रखें
पूजा‑चौकी पर लक्ष्मी‑गणेश के साथ कलश चावल पर रखा जाना चाहिए। नारियल को लाल वस्त्र में इस तरह लपेटें कि उसका सामने का भाग दिखाई दे, और उसे कलश पर स्थापित करें। यह कलश स्वयं Varuna Dev और स्मरणीय तीर्थों का प्रतीक माना जाता है। इससे दृश्य रूप से पूजा स्थान और भी पवित्र बनता है।
दीपक लगाने का सही क्रम और सामग्री
पूजा करते समय दो बड़े दीपक लगाना आवश्यक है — एक घी का और दूसरा तेल का। एक दीपक चौकी के दाहिनी ओर रखें, दूसरा मूर्तियों के चरणों के पास लगाएँ। इसके अतिरिक्त, गणेश जी के पास भी एक दीपक अवश्य रखें। इस प्रकार दीप‑प्रदान से divine presence को आमंत्रित किया जाता है।
छोटी चौकी पर नवग्रह एवं मातृका प्रतीक बनाएँ
एक छोटी चौकी भी सजाएँ। लाल वस्त्र बिछाकर उस पर चावल की नौ‑नौ की नवग्रह ढेरियाँ तीन लाईनों में बनाएं। गणेश जी की ओर सोलह मातृका की ढेरियाँ बनाएं, और इनके बीच में स्वस्तिक चिह्न बनाकर सुपारी रखें। चौकी के चारों कोनों में चावल की ढेरी लगाएं। यह समस्त सेट‑अप पूजा की गहराई में अर्थ जोड़ता है।
श्री, त्रिशूल और ब्रह्माजी प्रतीक सहित अन्य पवित्र चिन्ह
महालक्ष्मी के निकट श्री का चिह्न बनाएं। गणेश जी की ओर त्रिशूल रखें। ब्रह्माजी के प्रतीक के रूप में एक चावल की ढेरी लगाएं। सबसे नीचे मातृका की नौ ढेरियाँ सेवित करें। चौकी के शीर्ष पर “ॐ” का चिह्न अक्षुण्ण रूप में बनाना सद‑भावना का प्रतीक है।
पूजा‑चौकी पर अतिरिक्त सामग्री एवं समृद्धि चिन्ह
पूजा‑चौकी पर कलम‑दवात, बहीखाता, सिक्कों की थैली भी रखें। ये समृद्धि, लेखांकन‑साक्षरता और आर्थिक स्थिरता का प्रतीक हैं। इस प्रकार व्यवस्थित पूजा स्थान बनाने से Lakshmi Puja 2025 की सफलता संभव होती है।
दीपावली पर कौन-सी चीज़ें भूलकर भी ना रखें पूजा में
लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Puja 2025) में शुद्धता और सावधानी अत्यंत आवश्यक मानी जाती है। कई बार लोग अनजाने में ऐसी चीज़ें चौकी पर रख देते हैं जो पूजा में वर्जित होती हैं। जैसे – टूटी हुई मूर्तियां, पुराने या जले हुए दीपक, कटे-फटे वस्त्र या गंदे सिक्के। लक्ष्मीजी को शुद्धता और भव्यता प्रिय है, इसलिए हमेशा नई या साफ सुथरी चीजें ही उपयोग में लें। ध्यान रहे कि पूजा स्थल पर जूते-चप्पल या चमड़े से बनी कोई वस्तु नहीं होनी चाहिए।
लक्ष्मी पूजन के साथ कौन से देवी-देवताओं की करें पूजा
दीपावली के दिन केवल लक्ष्मी और गणेशजी की ही नहीं, बल्कि विष्णुजी, सरस्वती, कुबेर और राम दरबार की पूजा भी अत्यंत शुभ मानी जाती है। गणेशजी विघ्नहर्ता हैं, लक्ष्मीजी धन-संपत्ति की देवी हैं, सरस्वतीजी ज्ञान और बुद्धि देती हैं, जबकि भगवान विष्णु लक्ष्मी के स्वामी होने के कारण साथ में पूजित होते हैं। राम दरबार की पूजा करने से सुख-शांति और पारिवारिक समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
दीपावली के दिन कौन-सी चीज़ें खरीदना बेहद शुभ
धनतेरस से लेकर दीपावली तक सोना, चांदी, तांबा, पीतल और स्टील के बर्तन खरीदना शुभ होता है। इसके अलावा लक्ष्मी जी की कृपा पाने के लिए झाड़ू खरीदना, कमल का फूल, श्रीयंत्र, चांदी का सिक्का, कुबेर यंत्र और दक्षिणावर्ती शंख खरीदने की परंपरा भी है। मान्यता है कि इन चीज़ों को दीपावली पर खरीदकर लक्ष्मी पूजन में शामिल करने से वर्षभर समृद्धि बनी रहती है।
कमल के आसन पर बैठी मां लक्ष्मी की करें पूजा
दीपावली के दिन Lakshmi Puja करते समय देवी लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर चुनें, जिसमें वे कमल पर विराजमान हों। यह स्वरूप न सिर्फ धार्मिक रूप से श्रेष्ठ माना गया है, बल्कि यह Life Management का संकेत भी देता है।
![]()
कमल का प्रतीकात्मक संदेश
कमल कीचड़ में उगता है, लेकिन फिर भी अपनी सुंदरता, शुद्धता और गुणों को बनाए रखता है। यह हमें यह सिखाता है कि चाहे हम किसी भी परिस्थिति में हों, अपने मूल्यों और अच्छाइयों को नहीं छोड़ना चाहिए। जैसे कमल कीचड़ को छूता नहीं, वैसे ही हमें भी बुराइयों से दूर रहना चाहिए।
कमल पर लक्ष्मी का होना क्यों शुभ?
मां लक्ष्मी को कमल प्रिय है। जब देवी कमल पर विराजित होती हैं, तो यह संकेत होता है कि वे पवित्रता और वैराग्य में भी धन और समृद्धि लाती हैं। ऐसे स्वरूप में पूजा करने से न केवल लक्ष्मी कृपा प्राप्त होती है, बल्कि धर्म और सफलता का मार्ग भी स्पष्ट होता है।
लक्ष्मी पूजन में कैसी फोटो न रखें?
दीपावली पर लक्ष्मी पूजा करते समय महालक्ष्मी की तस्वीर चुनते वक्त विशेष सावधानी रखनी चाहिए। मान्यता है कि खड़ी हुई लक्ष्मी की तस्वीर पूजा में नहीं रखनी चाहिए। यह स्वरूप चंचलता का प्रतीक माना गया है, जिससे लक्ष्मी स्थायी रूप से घर में नहीं ठहरतीं।
![]()
बैठी हुई लक्ष्मी की तस्वीर क्यों होती है शुभ?
महालक्ष्मी का बैठा हुआ स्वरूप स्थायित्व और समृद्धि का प्रतीक है। ऐसी तस्वीरें घर में सुख, शांति और धन की वर्षा लाती हैं। इसी कारण पूजा स्थल पर हमेशा देवी लक्ष्मी को कमल के फूल पर बैठे हुए रूप में स्थापित करना चाहिए। यह पूजा को पूर्ण फल प्रदान करती है।
उल्टे फोटो और केवड़े जैसी आकृति से बचें
वास्तु और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, उल्टे चित्रों में मां लक्ष्मी की पूजा करना अशुभ होता है। खासतौर पर वो चित्र जिसमें लक्ष्मीजी केवड़े जैसे आकृति में दिखें, या उनका मुख स्पष्ट न हो, उन्हें पूजा में स्थान नहीं देना चाहिए। इससे धनहानि और नकारात्मकता आने का डर रहता है।
ये भी पढ़ें :
लक्ष्मी मां सदैव इन्हीं लोगों के पास रहती हैं, ये है आमंत्रित करने का तरीका
Like and follow us on :
| Telegram | Facebook | Instagram | Twitter | Pinterest| Linkedin
