Sachin Pilot को बड़ा झटका, जानिए किस की शिकायत पर सचिन से खफा हुआ हाईकमान Read it later

राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच की रााजनीतिक तनातनी अब कांग्रेस आलाकमान के लिए माथा पच्‍ची बन गई है। इधर हाल ही 11 अप्रैल को जयपुर में अनशन पर बैठने के बाद सचिन पायलट की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं। पहले तो पायलट प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के निर्देशों को दरकिनार कर अनशन पर बैठ गए। इसके बाद जयराम रमेश जैसे पार्टी के राष्ट्रीय नेता भी गहलोत के सपोर्ट में आए। इसके बाद से माना जा रहा है कि अब आलाकमाान भी अब पायलट को चुनावी दौर में ज्‍यादा भाव देता नजर नहीं आ रहा है।

इसकी एक बानगी फ‍िर से देखने को मिली है। दरअसल कर्नाटक में कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में से पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) का नाम हटा दिया गया है। वहीं इस लिस्‍ट में सीएम गहलोत का नाम शामिल है। बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची में 40 नेताओं को जगह दी गई है।

sachin pilot
सचिन को स्‍टार प्रचारक न बनाने की भूल तो नहीं कर रहा हाईकमान

गौरतलब है कि बीते दिनों गुजरात व हिमाचल प्रदेश में हुए विधान सभा चुनावों में अशोक गहलोत को गुजरात व सचिन पायलट (Sachin Pilot) को हिमाचल प्रदेश में स्‍टार प्रचारक बनाया गया था, जिसमें गुजरात में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा, वहीं हिमाचल में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। राजनीतिक गलियारों में ये सुगबुगाहट फैल चुकी थी कि हिमाचल में सचिन पायलट की सभाओं के कारण कांग्रेस ने जीत का डंका बजाया था। ऐसे में राजनीतिक विश्‍लेषकोंं का मानना है कि कर्नाटक में सचिन पायलट को स्‍टार प्रचारक के तौर पर शामिल नहीं करना पार्टी के लिए बड़ी विफलता सा‍ब‍ित हो सकता है।

पिछले साल हुए हिमाचल चुनाव में कांग्रेस की जीत में पायलट की अहम भूमिका बताई गई थी। जबकि वरिष्ठ पर्यवेक्षक और राजस्‍थान अशोक गहलोत के नेतृत्व में गुजरात की लड़ाई हारने के बाद राजस्थान की राजनीति में गहलोत और पायलट के बीच राजनीतिक जंग की आग फ‍िर से सुलगी। जिसके बाद पायलट की ताजपोशी का समर्थन करने वाले नेताओं ने आवाज उठाई। ऐसे में सचिन पायलट का कर्नाटक चुनाव के लिए लिस्ट से बाहर होना उनके लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

 

क्‍या रंधावा को मिली है हाइकमान से निर्देश

वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा एक बार फिर कड़े तेवर में नजर आ रहे हैं। रंधावा ने जयपुर में कांग्रेस वर्कशॉप में कहा कि कौन कांग्रेस का भला कर रहा है और कौन बुरा चाहता है, मेरी सभी पर नजर है और समय आने पर सबका हिसाब कर दिया जाएगा। रंधावा ने कहा कि फिलहाल हमारी प्रायोरिटी ये है कि कांग्रेस पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए।

रंधावा ने भी सचिन पायलट के अनशन पर अपना रिएक्‍शन देते हुए कहा कि यदि भ्रष्टाचार का मुद्दा आपको उठाना होता तो विधानसभा से अच्छी जगह कोई हो ही नहीं सकती थी, सचिन पायलट यदि सवाल पूछना चाह रहे थे तो उन को सवाल पूछना होता तो विधानसभा में खड़े होकर सबसे सवाल कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। रंधावा के रुख से माना जा रहा है कि आलाकमान ने उन्हें सख्‍त निर्णय लेने के लिए कहा है। यही कारण है कि शायद इसलिए रंधावा अब कांग्रेस की कलह पर कड़े निर्णय ले रहे हैं।

 

ये चेहरे हैं लिस्‍ट में

राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, डीके शिवकुमार, सिद्धारमैया, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला, जयराम रमेश, राजस्‍थान के सीएम अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, पी चिदंबरम, पृथ्वीराज चव्हाण, शशि थरूर, कन्हैया कुमार समेत 40 नाम सूची में शामिल किए गए हैं।

इधर, पायलट प्रदेश की संभाओं में भीड़ जुटा कर लगातार अपनी ता‍कत दिखा रहे हैं

बीते दिनों शेखावाटी में एक कार्यक्रम में सचिन पायलट ने इशारों में गहलोत पर हमला बोला था, हालांकि इस कार्यक्रम के दौरान सचिन पूर्व सीएम राजे के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार को लेेकर खाफी मुखर होकर बोले थे। इस दौरान पायलट (Sachin Pilot) ने गहलोत सरकार की ओर से इस भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं करने की बात भी कही थी। अनशन के बाद भी भ्रष्टाचार के मामले में गहलोत सरकार की ओर से कार्रवाई नहीं होने से नाराज पायलट ने कहा था कि आने वाले समय में न तो हम डरने वाले हैं और न ही पीछे हटने वाले हैं। हम सिद्धांत और ईमानदारी की राजनीति करना चाहते हैं।

 

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