Rajasthan CM Declare: राजस्थान में पहली बार एमएलए बने भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी हाईकमान ने छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के बाद एक बार फिर से चौंका दिया। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब वसुंधरा राजे ने भजनलाल का नाम प्रस्ताव रखा तो विधायक दल की बैठक में कुछ देर के लिए खामोशी छा गई। इससे भी हैरानी की बात तो यह है कि खुद भजन लाल को नहीं पता था कि वे सीएम बनने वाले हैं।
विधायक दल की बैठक में राजनाथ सिंह ने कहा- यदि कोई और भी नाम हो तो विधायक बता सकते हैं। एक भी विधायक ने कोई तर्क-वितर्क नहीं किया और इस तरह 15 मिनट के भीतर नए सीमए के तौर पर भजन लाल के नाम पर मुहर लग गई।, लेकिन भजन लाल के नाम की स्क्रिप्ट तो दिल्ली में पहले ही लिखी जा चुकी थी।
भजनलाल के नाम की स्क्रिप्ट तो दिल्ली में ही लिखी जा चुकी थी
भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाने के फैसले की स्क्रिप्ट तो दिल्ली में पहले से ही बन चुकी थी। पार्टी सूत्रों के अनुसार पर्यवेक्षकों को भी एक सीलबंद लिफाफा थमाया गया था, जिसे विधायक दल की बैठक में ही खोला जाना था और ऐसा ही हुआ।
विधायक दल की बैठक से पूर्व पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह ने होटल में वसुंधरा और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी से चर्चा के दौरान बता दिया था कि वसुंधरा इस बार सीएम नहीं होंगी। बैठक में भजनलाल के नाम का प्रस्ताव खुद वसुंधरा राजे से रखवाया गया।
जब बैठक शुरू हुई तो राजनाथ सिंह ने वहीं बंद लिफाफे से निकाल कर वसुंधरा को एक पर्ची दी, जिसमें नए मुख्यमंत्री का नाम था। यह भी तय था कि नए सीएम के नाम का ऐलान वसुंधरा राजे से ही करवाना है। इसी तरह की रूपरेखा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी अपनाई गई थी।
आलाकमान ने भी राजनाथ को मैसेज दे दिया था कि वसुंधरा से ही नए सीएम का प्रस्ताव रखवाना है
राजनाथ सिंह को पर्यवेक्षक के तौर पर भेजने का एक खास कारण भी यही था। दरअसल आलाकमान ने राजनाथ सिंह को जिम्मेदारी दी थी कि वे वसुंधरा के माध्यम से ही नए सीएम का नाम घोषित कराएं।
यही कारण है कि जयपुर पहुंचते ही राजनाथ सिंह ने वसुंधरा से चर्चा की और सीएम के तौर पर नए चेहरे के नाम की घोषणा की बात उन्हें बताई। कुछ बड़े नामों पर वसुंधरा सहमत नहीं थीं।
लेकिन वसुंधरा ने जब पर्ची खोली तो एक बार वे स्वयं चकित रह गई। फिर उन्होंने भजनलाल शर्मा के नाम पर कोई आपत्ति नहीं जताई। इससे आलाकामन ने एक तीर से दो निशाने चले, पहला ये कि सीएम के तौर पर नया चेहरे का ऐलान तय स्क्रिप्ट के अनुसार हो गया और वसुंधरा राजे से ही घोषणा करवा कर वसुंधरा को ही सीएम की कुर्सी से साइडलाइन कर दिया। वैसे उपमुख्यमंत्री बनाए गए प्रेमचंद बैरवा भी वसुंधरा खेमे के माने जाते हैं। राजनाथ सिंह से चर्चा करने के बाद वसुंधरा प्रस्तावक बनने के लिए तैयार हो गईं।
15 मिनट की बैठक और भजन लाल बन गए सीएम
बीजेपी विधायक दल की बैठक में 15 मिनट के भीतर ही फैसला सुना दिया गया। बैठक शुरू होते ही प्रदेश अध्यक्ष जोशी ने सभी का स्वागत कर संक्षिप्त भाषण दिया। जोशी ने कहा- बीजेपी एक अनुशासित पार्टी है और यहां संगठन की रीति-नीति के मुताबिक फैसले होते हैं। पार्टी के अनुशासित कार्यकर्ता होने के नाते हम सभी केंद्री नेतृत्व का जो भी फैसला हो वो स्वीकार करते रहे हैं और यह हमारी पार्टी की परंपरा रही है। आज भी इसी परंपरा को हम निभाना निभाएंगे।
राजनाथ सिंह भी बोले भाजपा एक अनुशासित पार्टी
सीपी जोशी ने भाषण के लिए राजनाथ सिंह को आमंत्रित किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपने संक्षिप्त भाषण में यही कहा कि- बीजेपी न सिर्फ दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है बल्कि एक अनुशासित पार्टी भी है। यहां संगठन का हर फैसला नेताओं और कार्यकर्ताओं को स्वीकार होता है और पार्टी को यहां तक पहुंचाने में इन्हीं रीति-नीति ने बड़ी भूमिका निभाई है।
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