नई दिल्ली, एजेंसी. भारत में एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट का खुलासा हुआ है। जांच में 1000 करोड़ रुपये से अधिक के हवाला लेनदेन का खुलासा हुआ है। शेल कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग का खेल जारी था।
रैकेट में कई चइना के नागरिक, उनके भारतीय सहकर्मी और बैंक कर्मचारी आदि लोग शामिल थे। आईटी डिपार्टमेंट ने 1,000 करोड़ रुपये के हवाला रैकेट को लेकर भारत में कुछ चाइन के लोगों और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की। इस खेल में शेल कंपनियां शुरू कर हवाला लेनदेन को अंजाम दिया गया। सीबीडीटी ने मंगलवार को यह बात कही है।
हवाला कारोबार शेल कंपनियों के माध्यम से चल रहा है
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा कि चीनी कंपनियों के सहायक और संबंधित लोगों ने भारत में नकली व्यापार (रिटेल शोरूम) करने के नाम पर शेल कंपनियों से लगभग 100 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि ली है। जांच में पाया गया कि इन पैसों के लिए हवाला कारोबार किया गया था। सीबीडीटी ने कहा कि गुप्त सूचना मिली थी कि चीन में कुछ लोग, भारत में अपने साझेदारों के साथ मिलकर फर्जी कंपनियों की मदद से मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला लेनदेन कर रहे हैं। इसी आधार पर छापेमारी की गई।
शेल कंपनियों के नाम पर ट्रेडिंग के लिए 40 बैंक खाते खोले गए
कुछ बैंक अधिकारियों के खिलाफ भी छापे मारे गए हैं। हवाला कारोबार में शामिल कंपनियों के नाम को गुप्त रखते हुए CBDT ने एक बयान जारी कर कहा है कि चीनी लोगों के इशारे पर फर्जी कंपनियों के नाम पर 40 से अधिक बैंक खाते खोले गए। इन बैंक खातों में एक हजार करोड़ रुपये से अधिक जमा किए गए थे। हवाला लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े दस्तावेज और छापे में बैंक कर्मचारियों और चार्टर्ड अकाउंटेंट की संलिप्तता पाई गई है।
विदेशी मुद्रा में लेनदेन का प्रमाण भी है
सीबीडीटी ने कहा है कि विदेशी हवाला लेनदेन के सबूत भी मिले हैं। जानकारी के अनुसार, यूएस और हांगकांग डॉलर का लेन-देन हुआ है।