क्या आप जानते हैं? भारत में कार्य घंटों के कानूनी नियम, तय मानकों से ज्‍यादा कार्य कराया तो हो सकती है एम्‍प्‍लाॅयर को सजा Read it later

Working Hours in India: हाल ही में, लार्सन एंड टूब्रो (L&T) के चेयरमैन एस. एन. सुब्रह्मण्यन ने अपने कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम करने की सलाह दी, जिससे देशभर में कार्य घंटों को लेकर बहस छिड़ गई है। इससे पहले, इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति ने भी युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी। इन बयानों के बाद, यह जानना महत्वपूर्ण है कि भारत में कार्य घंटों को लेकर क्या कानूनी प्रावधान हैं और ओवरटाइम के लिए क्या नियम हैं।

भारत में कार्य घंटों के कानूनी प्रावधान

भारत में कार्य घंटों को ‘फैक्ट्री अधिनियम, 1948’ द्वारा विनियमित किया गया है।

इस अधिनियम के अनुसार:

  • दैनिक कार्य घंटे: किसी भी कर्मचारी से प्रतिदिन अधिकतम 9 घंटे तक काम कराया जा सकता है।
  • साप्ताहिक कार्य घंटे: सप्ताह में कुल कार्य घंटे 48 से अधिक नहीं होने चाहिए। अर्थात, छह दिन के कार्य सप्ताह में प्रतिदिन 8 घंटे काम का प्रावधान है।
  • अवकाश: प्रत्येक सप्ताह में एक दिन का अवकाश अनिवार्य है।
ओवरटाइम के नियम

यदि किसी कर्मचारी से निर्धारित कार्य घंटों से अधिक काम लिया जाता है, तो ‘फैक्ट्री अधिनियम, 1948’ की धारा 59 के अनुसार:

  • ओवरटाइम भुगतान: अतिरिक्त कार्य घंटों के लिए कर्मचारी को उसके सामान्य वेतन की दोगुनी दर से भुगतान किया जाना चाहिए।
  • अधिकतम ओवरटाइम घंटे: ओवरटाइम सहित, सप्ताह में कुल कार्य घंटे 60 से अधिक नहीं होने चाहिए। अर्थात, ओवरटाइम के साथ भी अधिकतम 12 घंटे प्रति सप्ताह अतिरिक्त काम कराया जा सकता है।
काम के घंटों को लेकर क्या हैं नियम?

किसी भी कर्मचारी के दिन में अधिकतम 9 घंटे तक काम करने की अनुमति है।

साप्ताहिक कार्य अवधि 48 घंटे से ज्यादा नहीं हो सकती।

हर हफ्ते एक दिन का अवकाश अनिवार्य रूप से दिया जाना चाहिए।

9 घंटे से अधिक कार्य को ओवरटाइम माना जाएगा।

ओवरटाइम समेत साप्ताहिक कार्य सीमा 60 घंटे से अधिक नहीं हो सकती।

लगातार 5 घंटे काम के बाद कम से कम 30 मिनट का ब्रेक अनिवार्य है।

📌 सोर्स: फैक्ट्रीज एक्ट, 1948

कानून का उल्लंघन करने पर दंड

यदि कोई कंपनी इन प्रावधानों का उल्लंघन करती है, तो ‘फैक्ट्री अधिनियम, 1948’ की धारा 92 के तहत:

  • कंपनी पर ₹1 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • कंपनी के मालिक या जिम्मेदार व्यक्ति को एक वर्ष तक की सजा हो सकती है, या दोनों दंड एक साथ दिए जा सकते हैं।
शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

यदि कोई कर्मचारी ओवरटाइम का उचित भुगतान नहीं प्राप्त करता है या कार्य घंटों के नियमों का उल्लंघन होता है, तो वह निम्नलिखित स्थानों पर शिकायत दर्ज करा सकता है:

  • स्थानीय पुलिस स्टेशन: लिखित शिकायत दर्ज कराएं।
  • श्रम आयुक्त कार्यालय: राज्य सरकार के श्रम आयुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज की जा सकती है, जो कानूनी कार्रवाई करके बकाया भुगतान दिला सकता है।
  • श्रम न्यायालय: कानूनी सहायता के लिए श्रम न्यायालय में मामला दायर किया जा सकता है।

विकसित देशों में कार्य घंटे

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों के अनुसार, कई विकसित देशों में साप्ताहिक कार्य घंटे 40 से भी कम हैं। उदाहरण के लिए:

  • अमेरिका: सप्ताह में 40 घंटे।
  • ब्रिटेन: सप्ताह में 37.5 घंटे।
  • जर्मनी: सप्ताह में 35-40 घंटे।

इन देशों में कार्य संतुलन और कर्मचारियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कार्य घंटों को सीमित किया गया है।

भारत में प्रति सप्ताह औसत कार्य घंटे: जानिए पूरी जानकारी

भारत उन देशों में से एक है जहां कर्मचारी अत्यधिक कार्य घंटे पूरे करते हैं। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रति कर्मचारी सप्ताह में औसतन 46.7 घंटे कार्य करने का प्रचलन है। इसके अलावा, लगभग 51% कर्मचारी सप्ताह में 49 घंटे या उससे अधिक समय तक काम करते हैं।

इस मामले में भारत दुनिया के सबसे ज्यादा कार्य घंटे वाले देशों की सूची में दूसरे स्थान पर आता है। वहीं, भूटान पहले स्थान पर काबिज है, जहां 61% कर्मचारी प्रति सप्ताह 54.4 घंटे कार्य करते हैं।

 

सैलरी या ओवरटाइम का भुगतान न हो तो क्या करें?

1️⃣ राज्य सरकार या प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारी लेबर कमिश्नर ऑफिस में शिकायत कर सकते हैं।
2️⃣ केंद्र सरकार के कर्मचारी रीजनल लेबर कमिश्नर ऑफिस में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
3️⃣ शिकायत में कंपनी मैनेजर को पार्टी नंबर 1 बनाकर आवेदन करें और प्रमाण स्वरूप शिकायत पत्र की कॉपी अटैच करें।
4️⃣ 30 दिनों के भीतर सुनवाई होगी, और कर्मचारी व कंपनी को नोटिस भेजा जाएगा।
5️⃣ इसके बाद शिकायत पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
6️⃣ इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कर्मचारी से कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा।

📌 सोर्स: राष्ट्रीय अपराध जांच ब्यूरो (NCIB)

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि भारत में काम और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने की जरूरत है। बढ़ते कार्य घंटों को लेकर विभिन्न संगठनों और विशेषज्ञों द्वारा समय-समय पर चर्चा की जाती रही है ताकि कर्मचारी अधिक उत्पादकता के साथ-साथ बेहतर जीवनशैली भी अपना सकें।

दुनिया के विकसित देशों में कितने घंटे काम होता है?

अमेरिका – 38 घंटे/सप्ताह
ब्रिटेन – 35.9 घंटे/सप्ताह
जापान – 36.6 घंटे/सप्ताह
फ्रांस – 35.9 घंटे/सप्ताह
रूस – 39.2 घंटे/सप्ताह
ऑस्ट्रेलिया – 32.3 घंटे/सप्ताह
इटली – 36.3 घंटे/सप्ताह
स्विट्जरलैंड – 35.7 घंटे/सप्ताह

📌 सोर्स: इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO)

 

Image credit: freepik

 

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