पीएम नरेंद्र मोदी(PM Modi) ने शनिवार को अपनी मां के जीवन के 100वें वर्ष में प्रवेश करने की खुशी में मां को समर्पित कर एक ब्लॉग(blog) लिखा। इसमें उन्होंने मां हीराबेन के बलिदान और उनके जीवन से जुड़ी विभिन्न बातें बताई। पीएम ने बताया कि कैसे मां के समर्पण ने पुत्र नरेंद्र मोदी के दिमाग, व्यक्तित्व और खुद पे भरोसा बढ़ाया।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) 2 दिन की हमने होम स्टेट गुजरात के दौरे पर हैं। इसी कड़ी में वे 18 जून की सुबह अपनी मां हीराबेन से मिलने घर गए। PM मोदी की मां अपने जीवन का 100वां साल मना रही हैं। माोदी ने ब्लॉग लिखा है, जिसमें उन्होंने मां से मिलीं शिक्षा के बारे में खुल कर बताया।
पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार को अपनी मां हीराबेन के जन्मदिन पर अहमदाबाद पहुंचे। यहां पीएम ने मां के पैर धोए, फिर उस पानी को अपने नेत्रों पर लगाया। मोदी ने मां के साथ बैठकर पूजा भी की, शॉल ओढ़ाकर उनका आशीर्वाद लिया। जन्मदिन पर उनसे मिलने आए बेटे नरेंद्र का मुंह मां ने भी मीठा किया।
#WATCH | Gujarat: Prime Minister Narendra Modi reaches the residence of his mother Heeraben Modi, in Gandhinagar.
PM Modi’s mother will enter the 100th year of her life today. pic.twitter.com/sCVXA9RsSo
— ANI (@ANI) June 18, 2022
मां, मात्र शब्द नहीं ये भावनाओं की अनं श्रृंखला है…
पीएम मोदी ने tweet के माध्यम से कहा-“मां… यह केवल एक शब्द नहीं है, बल्कि यह भावनाओं की एक अनंत श्रृंखला है। आज 18 जून, वो दिन है जब मेरी मां हीराबेन अपने 100वें वर्ष में प्रवेश कर रही हैं। इस खास दिन पर मैंने खुशी जाहिर करते हुए कुछ विचार साझा किए हैं। मोदी का यह ब्लॉग हिंदी और अंग्रेजी के अलावा विभिनन क्षेत्रीय भाषाओं में भी मौजूद है।
At Gujarat Gaurav Abhiyan in Vadodara, multiple development initiatives are being launched to enhance ease of living for the people. https://t.co/NRpgJoRT9M
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2022
प्रधानमंत्री मोदी लिखते हैं…”मेरी मां जितनी सरल हैं…, उतनी ही असाधारण भी हैं…। सभी माताओं की तरह…।” मां ने मुझे हमेशा एक मजबूत संकल्प और गरीब कल्याण (garib kalyan) पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया…, जो मेरी पार्टी की सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं का एक विषय है…। 2001 में जब बीजेपी ने मुझे गुजरात का मुख्यमंत्री चुना…, तो मां ने खुश होकर कहा था-“मैं सरकार में आपके काम को नहीं समझती हूं…, लेकिन मैं चाहती हूं कि आप कभी रिश्वत न लें…।”
पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार को अपनी मां हीराबेन के जन्मदिन पर अहमदाबाद पहुंचे। यहां पीएम ने मां के पैर धोए। Photo | PTI |
प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल दो उदाहरण रहे हैं…, जब मां सार्वजनिक रूप से मेरे साथ थीं। एक बार, अहमदाबाद में एक सार्वजनिक समारोह में, जब मां ने श्रीनगर से लौटने के बाद मेरे माथे पर तिलक लगाया था…। मोदी तब एकता यात्रा पूरी करने के बाद लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर लौटे थे…। दूसरा उदाहरण तब था, जब मोदी ने पहली बार 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
मां ने कहा भले ही आपको मैंने जन्म दिया हो लेकिन उस सर्वशक्तिमान ने आपको पाला और देश सेवा के लिए काबिल बनाया है: पीएम मोदी
मोदी ने ब्लॉग में लिखते हैं कि.. मां ने मुझे जीवन का एक सबक सिखाया कि औपचारिक शिक्षा के बगैर भी जीवन से सीखा जा सकता है…। एक बार पीएम मोदी अपनी सबसे बड़ी टीचर यानी कि मां सहित बाकी टीचर्स को सार्वजनिक रूप से सम्मानित करना चाह रहे थे। लेकिन मां ने यह कहते हुए मना कर दिया कि वे एक सामान्य महिला हैं…। मोदी ने उन्हें याद करते हुए मां के शब्द कहे, “मां ने कहा कि मैंने भले ही आपको जन्म दिया हो, लेकिन आपको उस सर्वशक्तिमान ने सिखाया और पाला है।”
जन्मदिन पर उनसे मिलने आए बेटे नरेंद्र का मुंह मां ने भी मीठा किया। Photo | PTI |
रोजमर्रा की परेशानियों का भी मां ने बेहतर तरीके से सामना किया
मोदी ने लिखा कि मेरी मां इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं, लेकिन उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि वह स्थानीय शिक्षक जेठाभाई जोशी के परिवार से किसी को आमंत्रित करें…, जिन्होंने मोदी को वर्णमाला सिखाई थी। मोदी लिखते हैं कि मां के विचार और दूर की सोच ने मुझे हमेशा से हैरान किया है। प्रधानमंत्री ने याद किया कि उनका परिवार वडनगर में एक छोटे से मिट्टी के घर में रहता था..। यहां रोजमर्रा की परेशानियों का भी मां ने बेहतर तरीके से सामना किया और सफलतापूर्वक विजय हासिल की।
बरिश में छत टपकती तो मां घर मेंं बाल्टी बर्तन रखा करतीं
मोदी ने लिखा-बारिश के समय में हमारे घर की छत टपकती थी…। बाढ़ आने पर घर में पानी जमा हो जाता था। मां बारिश का पानी इकट्ठा करने के लिए लीक के नीचे बाल्टी और बर्तन रखती थीं। इस प्रतिकूल स्थिति में भी, मां ने शांति से जीवन का प्रबंधन किया। मां न केवल घर का सारा काम खुद करती थीं, बल्कि घर की कम कमाई को पूरा करने के लिए भी काम करती थीं। वह कुछ घरों में बर्तन धोतीं और घर के खर्चों को पूरा करने के लिए ‘चरखा’ चलातीं थीं।
Photo | PTI |
मोदी ने बताया कि मां के मन में सफाई और सफाई के काम में लगे लोगों के प्रति भी गहरा आदर हमेशा से रहा। साफ-सफाई एक ऐसी आदत है जो मां में हमेशा से रही। वडनगर में जब भी कोई सफाईकर्मी घर के बाहर नाला साफ करने आता तो मां बिना चाय पिलाए उसे नहीं जाने देती थीं।
अब्बास के पिता गुजरे तो वो हमारे साथ ही रहा
मोदी ने याद किया कि मेरे पिता अपने करीबी मित्र की असामायिक मौत के बाद उनके बेटे अब्बास को घर लाए थे। वह हमारे साथ रहा और उसने अपनी पूरी पढ़ाई हमारे साथ घर में रहकर ही की। मां ने अब्बास के प्रति उतनी ही स्नेह और ममता दिखाई जितना वो हम सभी भाई-बहनों के लिए करती थी। हर साल ईद पर वो अपने पसंदीदा व्यंजन बनाती थीं। त्योहारों पर, पड़ोस के बच्चों के लिए यह आम घटना थी कि वे हमारे घर आएं और मां की खास तैयारियों का लुत्फ उठाएं।
भारतीय महिलाओं के लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं
मोदी ने बताया कि मां के जीवन की कहानी में मुझे भारत की मातृशक्ति की तपस्या, बलिदान और योगदान नजर आता है। जब भी मैं मां और उनके जैसी करोड़ों महिलाओं से मिलता हूं, तो मुझे लगता है कि भारतीय महिलाओं के लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं है। प्रधानमंत्री ने मां हीराबेन को एक कर्तव्यपरायण शखसियत बताया, जिन्होंने पंचायत चुनाव से लेकर आम चुनाव तक हर चुनाव में मतदान किया।
मोदी ने कहते हैं मां बेहद सरल जीवन शैली जीती हैं…। आज भी उनके नाम पर कोई संपत्ति नहीं है…। मोदी ने लिखा-“मैंने उन्हें कभी भी सोने के गहने पहने हुए नहीं देखा है… और न ही उन्हें कोई दिलचस्पी है…। पहले की तरह, वह अपने छोटे से कमरे में एक बेहद साधारण जीवन शैली में जीवन जीती हैं…।”
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मां की याददाश्त कमला की
मोदी लिखते हैं… मां वर्तमान में सभी घटनाक्रमों से परिचित हैं और उनकी याददाश्त कमाल की है। हाल ही में, मैंने उनसे पूछा कि वे हर दिन कितनी देर तक टीवी देखती हैं? उन्होंने जवाब दिया कि टीवी पर ज्यादातर लोग एक-दूसरे से लड़ने में व्यस्त हैं…, और वे केवल उन्हें देखती हैं जो शांति से समाचार पढ़ते हैं… और सब कुछ समझाते हैं…। मोदी ने अपनी मां को ‘कबीरपंथी’ बताते हुए कहा कि उन्हें परम पिता में अपार आस्था है…, लेकिन वे अंधविश्वास से दूर रहती हैं और अपने परिवार के सदस्यों में भी यही गुण पैदा करती हैं…।
मेरे घर छोड़ने का मां ने सम्मान किया
कम उम्र में घर छोड़ने के अपने फैसले पर पीएम मोदी ने बताया कि मेरे पिता, जो अब नहीं रहे, बेहद निराश थे, उनकी मां ने मुझे समझा और आशीर्वाद दिया। मोदी ने कहा कि पिता बाद में उनके फैसले से सहमत हुए और उन्होंने भी आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि बचपन से ही मां को लग रहा था कि मेरी मानसिकता अलग है।
मां, मुझे आशीर्वाद दो कि मेरा जो भी सामर्थ्य है, मेरे जीवन के जो भी पुण्य हैं, वो मैं देश की माताओं-बहनों के कल्याण के लिए, देश के लिए समर्पित करता रहूं। pic.twitter.com/myacFXRiGd
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2022
उन्होंने कहा, “बचपन से, मैंने देखा है कि मां न केवल दूसरों की पसंद का सम्मान करती हैं…, बल्कि अपनी पसंद को थोपने से भी परहेज करती है…। मेरे अपने मामले में भी उन्होंने मेरे फैसलों का सम्मान किया…, कभी कोई बाधा नहीं डाली और मुझे प्रोत्साहित किया…।”
ईमानदारी और स्वाभिमान माता-पिता के सबसे बड़े गुण रहे हैं: पीएम मोदी
मोदी ने बताया कि जब वे अपने माता-पिता के जीवन को देखते हैं, तो उनकी ईमानदारी और स्वाभिमान उनके सबसे बड़े गुण रहे हैं। गरीबी और साथ की चुनौतियों से निपटने के बावजूद उन्होंने कभी भी ईमानदारी की रास्ता नहीं छोड़ा और न ही कभी अपने स्वाभिमान से समझौता किया।
किसी भी चुनौती को पार करने के लिए मेरे पास माता-पिता का दिया हुआ केवल और केवल एक ही मंत्र है: कड़ी मेहनत, निरंतर कड़ी मेहनत…। मोदी ने लिखते हैं अपने जीवन में मेरे पिता कभी किसी पर बोझ नहीं बने। मां भी यही प्रयास करती हैं कि वे जितना संभव हो सके अपने काम खुद कर सकें।
आज पावागढ़ और पंचमहल की तपस्या सिद्ध हुई है… pic.twitter.com/RmemTUPOcU
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2022
मां के आशीर्वाद के बाद गुजरात में शुरू की मातृशक्ति योजना
मोदी ने मां से मिलने के बाद पावागढ़ में महाकाली के दर्शन किए और हेरिटेज फॉरेस्ट में लोगों से मुलाकात की। इसके बाद वे वडोदरा पहुंचे और वहां ‘गुजरात गौरव अभियान’ कार्यक्रम के तहत विभिन्न विभागों की परियोजनाओं की लागत 21 हजार करोड़ रुपए का लोकार्पण व शिलान्यास किया। कार्यक्रम में उन्होंने ‘मुख्यमंत्री मातृशक्ति योजना’ (MMY) की शुरुआत की।
वडोदरा प्रेरणा का नगर है, जिसने स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविंद, विनोबा भावे और बाबासाहेब अम्बेडकर जैसे महापुरुषों को भी प्रेरित किया है। pic.twitter.com/sb5M9rQgKj
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2022
मातृत्व पोषण में सुधार के लिए योजना
गुजरात सरकार ने मां और बच्चे दोनों को पौष्टिक भोजन प्रदान करने और गर्भावस्था के पहले 1000 दिनों से मातृत्व के पहले 1000 दिनों तक उनकी पोषण स्थिति में सुधार करने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री मातृशक्ति योजना’ की घोषणा की है।
Narendra Modi’s Mother Hiraba (Heeraben) 100th Birthday | Gujarat Gandhinagar News | Gujarat Assembly Elections | Narendra Modi | PM Modi |
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