जयपुर अजमेर हाईवे हादसा: LPG टैंकर ब्लास्ट में 5 लोग जिंदा जले, 35 झुलसे, अब तक कुल 14 लोगों की माैत Read it later

Ajmer Highway Chemical Tanker Blast: जयपुर के अजमेर हाईवे पर दिल्ली पब्लिक स्कूल के पास शुक्रवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। केमिकल से भरे टैंकर को एक ट्रक ने टक्कर मार दी, जिसके चलते जोरदार ब्लास्ट हुआ और आग ने भयंकर रूप धारण कर लिया। हादसे में 5 लोग जिंदा जल गए और 35 लोग गंभीर रूप से झुलस गए।

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लेटेस्‍ट अपडेट्स –

जयपुर एलपीजी टैंकर ब्लास्ट: मौतों की संख्या बढ़कर 14 हुई

जयपुर के अजमेर रोड पर हुए एलपीजी टैंकर ब्लास्ट हादसे में शनिवार को दो और लोगों की मौत हो गई, जिससे मरने वालों की कुल संख्या 14 हो गई है। शुक्रवार को हुए इस भीषण हादसे में 5 लोग मौके पर ही जिंदा जल गए थे, जबकि 7 अन्य ने सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

अस्पताल में झुलसे 31 लोग अब भी भर्ती

हादसे में झुलसे 31 लोग अब भी सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में भर्ती हैं। इनमें से 25 लोग 75% तक जल चुके हैं, और उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। कई शवों की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है, जिससे पीड़ित परिवारों की चिंता बढ़ गई है।

हादसा यू-टर्न लेते समय हुआ

यह दुर्घटना शुक्रवार सुबह करीब 5:44 बजे हुई, जब भारत पेट्रोलियम का एक टैंकर अजमेर से जयपुर की ओर आ रहा था। दिल्ली पब्लिक स्कूल के पास टैंकर ने यू-टर्न लिया और इसी दौरान जयपुर से अजमेर जा रहे एक ट्रक से भिड़ंत हो गई। इस टक्कर के बाद हुए धमाके से चारों ओर आग फैल गई, जिससे बड़ा हादसा हो गया।

अस्पताल प्रशासन और राहत कार्यों की स्थिति

सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है। डॉक्टर झुलसे हुए मरीजों के इलाज में जुटे हुए हैं। हादसे में शामिल शवों की पहचान प्रक्रिया में पुलिस और प्रशासन मदद कर रहे हैं।

सावधानी और सुरक्षा के प्रति बढ़ती चिंताएं

यह हादसा राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षा उपायों की कमी की ओर इशारा करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारी वाहनों के लिए यू-टर्न जैसे क्षेत्रों में अधिक सतर्कता और संकेतकों की आवश्यकता है।

18 टन गैस लीक से हुआ भीषण हादसा

गेल इंडिया लिमिटेड के फायर एंड सेफ्टी के डीजीएम, सुशांत कुमार सिंह के अनुसार, टैंकर की टक्कर के कारण इसके पांच नोजल टूट गए, जिससे 18 टन (180 क्विंटल) गैस का रिसाव हुआ। इस गैस लीकेज से इतना जोरदार धमाका हुआ कि पूरा क्षेत्र आग की लपटों में घिर गया। हादसे के स्थान से करीब 200 मीटर की दूरी पर एक और एलपीजी टैंकर खड़ा था, लेकिन सौभाग्य से उसने आग नहीं पकड़ी।

मौके पर 5 मौतें, हॉस्पिटल में 9 और लोगों ने दम तोड़ा

इस भीषण हादसे में 5 लोग मौके पर ही जिंदा जल गए। जबकि, 9 अन्य झुलसे हुए लोगों ने सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। अस्पताल की बर्न यूनिट में अभी भी 31 लोग भर्ती हैं, जिनमें से 20 लोग 80% तक झुलसे हुए हैं।

अज्ञात शवों की पहचान चुनौतीपूर्ण

हादसे में कुछ शव इतनी बुरी तरह जल गए हैं कि उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया है। एक शव का केवल धड़ ही बरामद हुआ, जबकि एक अन्य शव पोटली में लाया गया।

प्रभावित परिवारों को मुआवजा

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सहायता कोष से प्रभावित परिवारों के लिए कुल 7 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की गई है। इस त्रासदी ने कई परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है।

9 शवों की हुई पहचान, 5 अब भी अज्ञात

जयपुर टैंकर ब्लास्ट में अब तक कुल 14 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 13 लोगों ने सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल में, जबकि एक व्यक्ति ने जयपुरिया में दम तोड़ा। कुल मृतकों में से 9 की पहचान हो गई है, जबकि 5 शवों की पहचान की प्रक्रिया अब भी जारी है। पुलिस उनकी पहचान सुनिश्चित करने के प्रयास में जुटी है।

8 घंटे तक जलती रही आग, बिजली आपूर्ति बंद रही

भांकरोटा इलाके में हुए इस हादसे के बाद प्रभावित गाड़ियों में करीब 8 घंटे तक आग लगी रही। रेस्क्यू टीमों ने शुक्रवार दोपहर तक आग पर काबू पाने की कोशिशें जारी रखीं।
जहां टैंकर ब्लास्ट हुआ, उसके पास एक और एलपीजी से भरा टैंकर खड़ा था। इसके साथ ही, एक माचिसों से भरा ट्रक भी वहां मौजूद था। गैस टैंकर और माचिसों वाले ट्रक को आग से बचाने में काफी समय लगा। एहतियात के तौर पर भांकरोटा इलाके की बिजली आपूर्ति 8 घंटे तक बंद रखी गई।

आग में खाक हुईं 40 से अधिक गाड़ियां, स्लीपर बस भी चपेट में

भीषण आग ने 40 से अधिक गाड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया, जिसमें एक स्लीपर बस और हाईवे किनारे स्थित पाइप फैक्ट्री भी शामिल हैं। टैंकर के ठीक पीछे चल रही इस स्लीपर बस का दरवाजा एक्सीडेंट के दौरान एक ट्रक से चिपक गया, जिससे यात्रियों के बाहर निकलने का रास्ता बंद हो गया।

ड्राइवर के गेट से बचाई गईं जानें

बस में फंसे यात्रियों को बचाने के लिए ड्राइवर वाले गेट का सहारा लिया गया। इस हादसे में स्लीपर बस के अंदर सवार 34 लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इनमें से 19 से अधिक यात्री गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं।

हादसे की भयावहता

हादसे में 40 से अधिक गाड़ियां आग की चपेट में आ गईं। यहां तक कि टैंकर के पीछे चल रही स्लीपर बस भी जलकर राख हो गई। हाईवे किनारे मौजूद पाइप फैक्ट्री को भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया।

रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही है मुश्किल

हादसे की सूचना पर 30 से ज्यादा फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस मौके पर पहुंचीं। केमिकल की गैस फैलने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सभी घायलों को सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

मुख्यमंत्री ने लिया हालात का जायजा

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटना पर दुख जताते हुए हॉस्पिटल का दौरा किया और डॉक्टर्स से घायलों का हाल जाना। उन्होंने घायलों के उचित इलाज और प्रभावित परिवारों को मदद का भरोसा दिलाया।

हादसे की वजह: यू-टर्न ले रहा था टैंकर

जानकारी के अनुसार, हादसा सुबह 6 बजे हुआ, जब अजमेर की ओर जा रहा टैंकर जयपुर की दिशा में यू-टर्न ले रहा था। इसी दौरान तेज रफ्तार ट्रक ने उसे टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि केमिकल टैंकर में ब्लास्ट हो गया और आग फैल गई।

भयानक विस्फोट और लपटों का खौफनाक मंजर

धमाका इतना भीषण था कि 200-300 मीटर तक केमिकल फैल गया और जहां-जहां केमिकल गिरा, वहां आग लग गई। हादसे की जगह के पास पेट्रोल पंप और स्कूल होने से हालात और खतरनाक हो गए।

फैक्ट्री और गाड़ियों में लगी आग

इस हादसे ने हाईवे किनारे स्थित एक पाइप फैक्ट्री को भी अपनी चपेट में ले लिया। कई गाड़ियां इतनी तेजी से जल गईं कि उनमें बैठे लोगों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला।

कैसे बचाएं जान? विशेषज्ञों की राय
  • यू-टर्न लेते समय सावधानी: भारी वाहनों को यू-टर्न लेते वक्त अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
  • केमिकल टैंकरों की निगरानी: केमिकल और ज्वलनशील पदार्थों से भरे टैंकरों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य किया जाना चाहिए।
  • फायर फाइटिंग सिस्टम: ऐसे हाईवे और संवेदनशील इलाकों में फायर फाइटिंग सिस्टम की उपलब्धता जरूरी है।
हाईवे पर ट्रैफिक बाधित हुआ

जयपुर-अजमेर नेशनल हाईवे पर हुए भीषण हादसे के बाद दोनों ओर से ट्रैफिक रोक दिया गया। मौके पर फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां तैनात हुई।   डीएम जितेंद्र सोनी और एसपी भी मौके पर मौजूद रहे। प्रशासन के अनुसार, 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 25 लोग घायल हैं। लगभग 40 वाहन आग की चपेट में आ गए, और राहत कार्य तेजी से जारी है। आग पर काबू पा लिया गया है, जबकि कुछ वाहनों को अभी बुझाया जा रहा है।

ब्लास्ट के बाद भारी तबाही, कई वाहन टकराए

घटना शुक्रवार सुबह जयपुर के भांकरोटा इलाके में हुई, जब एक केमिकल टैंकर और ट्रक की टक्कर के बाद भीषण ब्लास्ट हो गया। धमाके से हाईवे किनारे मौजूद पाइप फैक्ट्री और पेट्रोल पंप का एक हिस्सा आग की चपेट में आ गया। ब्लास्ट के बाद धुएं और आग की वजह से हाइवे पर वाहनों की टक्करें शुरू हो गईं। हादसे के दौरान इलाके में भारी धुआं फैल गया, जिससे विजिबिलिटी कम हो गई और स्थिति और बिगड़ गई।

हादसे में प्रशासन का दावा और राहत कार्य

जयपुर डीएम जितेंद्र सोनी ने कहा कि आग अब लगभग पूरी तरह से बुझा दी गई है, और मौके पर फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस तैनात हैं। हादसे में 6 लोगों की मौत और 25 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। 40 से ज्यादा वाहन आग की चपेट में आ गए। राहत और बचाव कार्य जारी है, और घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।

 

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