Assembly Election 2023:प्रत्याशियों के चयन का एक मात्र आधार-जिताऊ चेहरा, जनता से जो वादा किया उसे भूली पार्टियां Read it later

Assembly Election 2023: भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों से पहले उम्मीदवारों के चयन को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे कि इस बार युवाओं को मौका मिलेगा, खराब छवि वालों को चुनाव से दूर रखेंगे, वंशवाद पर लगाम लगाएंगे, इत्यादि। लेकिन टिकटों की घोषणा के बाद सारे दावे खोखले साबित हो गए। राजस्थान, मध्यप्रदेश में लगभग सभी प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं। राजस्थान में कुछ सीटों को छोड़कर टिकटों की घोषणा की जा चुकी है।

प्रत्याशियों के एनाल‍िसिस से यह सामने आया है कि चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस  कोई भी दल अपनी नीतियों पर खरा साबित नहीं हुआ। (Assembly Election 2023) दोनों पार्टियों ने सिर्फ जिताऊ प्रत्याशी के फार्मूले को ध्‍यान में रखकर अब तक टिकट बांटे हैं। राजनीति को बेहतर बनाने का सपना देखने वाला मतदाता एक बार फ‍िर से खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है।

Assembly Election 2023

Rajasthan Assembly Election 2023 : राजस्थान टिकट बंटवारे में हवा हो गए भाजपा के दावे

  • राजस्थान के टिकट वितरण से पहले भाजपा ने वंशवाद को बढ़ावा नहीं देने, पार्टी लाइन पर नहीं चलने वालों को आईना दिखाने और संगठन में पदाधिकारियों को चुनाव नहीं लड़ाने की बात कही थी।
  • 124 नेताओं की सूची जारी हुई तो ज्यादातर दावे फुस्स हो गए। करीब 15 प्रतिशत ऐसे लोगों को भी टिकट दिए गए, जिनका आपराधिक रिकार्ड है। आठ प्रत्याशी ऐसे हैं, जो वंशवाद की बेल से निकले हैं।
  • 2018 में जिन्होंने पार्टी को हराने के लिए चुनाव लड़ा, ऐसे पांच नेताओं को भी टिकट दिया गया है। पार्टी में आते ही दो नेता भी टिकट लेने में कामयाब हो गए। सीट नहीं बदलने की नीति भी फेल हो गई।
  • नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ सीट बदलने में कामयाब रहे। वे अब चूरू की जगह तारानगर से चुनाव लड़ेंगे। दिवंगत भैरों सिंह शेखावत के दामाद को विद्याधर नगर की जगह चित्तौड़गढ से टिकट दिया गया है।

वंशवाद से दूर नहीं रह पाई कांग्रेस

  • रामगढ़ विधायक का टिकट काटा गया तो उनके पति जुबेर खान को दे दिया गया। इसी प्रकार वरिष्ठ नेता रामेश्वर डूडी बीमार हुए तो उनकी पत्नी को मैदान में उतार दिया।
  • इतना ही नहीं पार्टी ने ऐसे नेताओं को भी टिकट दे दिए जो पिछला चुनाव पार्टी से बगावत कर मैदान में उतरे थे। उनमें कई निर्दलीय विधायक शामिल हैं।
    पिछले चुनाव में दो बार हारने वाले नेता, 70 से अधिक उम्र वाले, अधिक मतों से हारने वालों को टिकट नहीं देने के मापदंड तय किए, लेकिन सब धरे रह गए थे।
  • कांग्रेस ने तो यहां तक दावा कर दिया था कि सर्वे के आधार पर ही उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा। (Assembly Election 2023) लेकिन जितने नाम घोषित किए गए हैं, उनमें सर्वे का आधार कतई नजर नहीं आ रहा है।

Assembly Election 2023

 

MP Assembly Election 2023 : मध्यप्रदेश में भाजपा को खराब छवि वालों पर भी भरोसा

  • मध्यप्रदेश में भाजपा ने खराब छवि वाले नेताओं में कैलाश विजयवर्गीय, शेहला मसूद हत्याकांड में घिर चुके ध्रुवनारायण सिंह, विवादों में रहे महेंद्र सिंह सिसौदिया सहित कई चेहरों को टिकट दिया गया है। (MP ticket distribution)
  • भाजपा ने महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के इंदौर-1 से उतरने पर उनके पुत्र विधायक आकाश विजवर्गीय का टिकट कट गया, लेकिन मंत्री विजय शाह के साथ उनके भाई संजय शाह को भी टिकट दिया गया है।
  • भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि नेता-पुत्र को टिकट नहीं दिया जाएगा, लेकिन चुनाव के पहले ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि केवल जिताऊ चेहरा ही टिकट का मापदंड रहेगा।
  • भाजपा ने पहले गुजरात फार्मूला लागू करने की बात कही थी, इसके तहत बड़ी संख्या में टिकट काटे जाने थे।  (Assembly Election 2023) टिकट काटे भी गए, लेकिन जिनके खिलाफ खराब फीडबैक मिला उन सबका टिकट नहीं काटा जा सका।
  • भाजपा इस बार चार कार्यकाल की एंटी-इंम्बैंसी का सामना कर रही है। सर्वे-फीडबैक में लगातार निगेटिव रिपोर्ट्स मिली, इस कारण पार्टी ने मापदंडों को खारिज करके सिर्फ जीत का लक्ष्य रखकर टिकट दिए हैं।

कांग्रेसः दल-बदलुओं को भी टिकट

  • मध्यप्रदेश में कांग्रेस उम्मीदवारों के टिकट तय करने के लिए तय किया गया था कि पैनल में जिसका नाम होगा, उसे ही टिकट दिया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
  • कांग्रेस ने तय किया था कि 20 हजार से अधिक मतों से हारे लोगों को टिकट नहीं देंगे, लेकिन इसका पालन नहीं हुआ। यहां तक अन्य दलों से आए नेताओं को भी टिकट भी दिया गया।
  • चंद दिनों पहले कांग्रेस शामिल हुए दीपक जोशी, भंवन सिंह शेखावत, समंदर पटेल इत्यादि को कांग्रेस ने टिकट दिया। विरोध के चलते अभी तक कांग्रेस तीन उम्मीदवारों का टिकट भी बदल चुकी है।
  • सागर जिले की नरयावली से कांग्रेस उम्मीदवार सुरेन्द्र चौधरी वर्ष 2013 एवं 2018 का विधानसभा चुनाव हारे। जबकि ग्वालियर से सुनील शर्मा उप चुनाव 32522 वोट से हारे थे।
  • बदनावर से भंवर सिंह शेखावत पिछला चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़े थे। उन्हें कांग्रेस के जयवर्धन सिंह दत्तीगांव ने 41506 वोट से हराया था।

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Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ में कसौटी पर कोई खरा नहींं उतरा

  • छत्तीसगढ़ में कांग्रेस-भाजपा की कुछ सीटों पर आम मतदाताओं के मन से ज्यादा नेताओं की चली है। दोनों ही राजनीतिक दल अपनी नीतियों की कसौटी पर पूरी तरह से खरे नहीं उतर सके हैं।
  • टिकट वितरण से पहले कांग्रेस ने तय किया था कि पिछली बार के हारे उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया जाएगी। लेकिन मस्तुरी विधानसभा में दिलीप लहरिया को टिकट दिया है।
  • इसी तरह भाजपा में भी हारे हुए उम्मीदवार को मौका नहीं देने की बात सामने आईं थीं। (Assembly Election 2023) इसके बावजूद पिछली बार चुनाव हारे तमाम दिग्गज नेताओं को फिर से मौका दिया गया है।
  •  भाजपा में लगातार 70 साल से अधिक उम्र के नेताओं को टिकट नहीं देने की बात होती रही है। पुन्नूलाल मोहले की उम्र 73 और पूर्व मंत्री ननकी राम कंवर की उम्र 80 साल है। इन्हें टिकट मिला है।
  • कांग्रेस ने पत्थलगांव से रामपुकार सिंह को टिकट दिया है जिनकी उम्र 86 साल है। प्रेमनगर से 76 साल के खेलसाय सिंह को टिकट दिया गया है। ताम्रध्वज साहू की उम्र 74 वर्ष है। धनेन्द्र साहू की उम्र 70 साल है।
  • कांग्रेस-भाजपा दोनों ने दागी उम्मीदवारों को मौका दिया है। ईडी के आरोपी पूर्व विधायक देवेन्द्र यादव को कांग्रेस ने मौका दिया है। भाजपा ने कवर्धा से कई मामलों में नामजद विजय शर्मा को टिकट दिया है।
  • कांग्रेस-भाजपा वंशवाद से दूर नहीं रह सके। भाजपा ने दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव परिवार से दो लोगों को टिकट दिया है। इसमें चंद्रपुर से संयोगिता सिंह जूदेव और कोटा से प्रबल प्रताप सिंह जूदेव शामिल हैं।
  • पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के भतीजे विक्रांत सिंह को खैरागढ़ से टिकट मिला है। कांग्रेस ने विधायक देवती कर्मा के बेटे छविंद्र कर्मा और विधायक सत्यनारायण शर्मा के बेटे पंकज शर्मा को टिकट दिया है।

बगावती तेवर और और दल-बदल से नेता इधर-उधर

Assembly Election 2023: मध्यप्रदेश में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रहे नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान ने मंगलवार को पार्टी से बगावत कर बुरहानपुर से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की। अर्चना चिटनीस को यहां से भाजपा प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद से वह नाराज चल रहे थे।

छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण बोर्ड की सदस्य और कांग्रेस नेता अंबालिका साहू मंगलवार को अपनी पार्टी का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हो गईं। (Assembly Election 2023) बीजेपी प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने अंबालिका साहू को भाजपा में सदस्यता दिलाई है। वह बिल्हा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस टिकट की दावेदार थीं।

 

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