Dark Web Ki Knowledge:आप आमतौर पर इंटरनेट का इस्तेमाल सर्च इंजन के जरिए करते होंगे। जिस विषय पर आपको जानकारी चाहिए, आप कीवर्ड डालकर उससे संबंधित रिजल्ट हासिल कर सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह सामग्री संपूर्ण इंटरनेट पर पाई जाने वाली सामग्री का महज 10 फीसदी हिस्सा ही है। संपूर्ण इंटरनेट पर पाई जाने वाली सामग्री को तीन हिस्सों में बांटा जा सकता है- सरफेस, डीप और डार्क वेब।
सरफेस वेब (Dark Web Ki Knowledge)
सरफेस वेब वह हिस्सा है, जो आम सर्च इंजन जैसे गूगल, बिंग द्वारा इंडेक्स या अनुक्रमित होता है। यह वेब का सबसे छोटा हिस्सा है, लेकिन यह वह हिस्सा है जिसके साथ ज्यादातर लोग इंटरेक्ट करते हैं। इसमें वेबसाइट, ब्लॉग, समाचार लेख और अन्य सार्वजनिक रूप से सुलभ ऑनलाइन सामग्री शामिल है।
डार्क वेब
इंटरनेट के इस हिस्से को जानबूझकर छिपाया जाता है। डार्क वेब का इस्तेमाल अक्सर अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता है, जैसे ड्रग्स, हथियार और चोरी की गई जानकारी बेचना। हालांकि इसका इस्तेमाल वैध उद्देश्यों के लिए भी होता है, जैसे गोपनीयता की रक्षा करना आदि।
डीप वेब
यह इंटरनेट का वह हिस्सा है, जो सर्च इंजन द्वारा अनुक्रमित नहीं होता है। इसमें वेबसाइटें, डेटाबेस और अन्य ऑनलाइन सामग्री शामिल है, जिन्हें पासवर्ड, सदस्यता या विशेष सॉफ्टवेयर के पीछे छिपाया जाता है। डीप वेब का इस्तेमाल कई कानूनी उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे ऑनलाइन बैंकिंग, निजी हेल्थ रिकॉर्ड आदि।
धोखाधड़ी से यूं बचें
इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो वीपीएन और एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें। सॉफ्टवेयर अपडेट रखें। फायरवॉल का इस्तेमाल करें। स्ट्रॉन्ग पासवर्ड का उपयोग करें। इसे बदलते रहें। टू-फैक्टर अथॉन्टिकेशन सक्षम करें। संदिग्ध ईमेल-लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक करने से बचें।
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