Cashless Treatment Scheme 2025: भारत में सड़क दुर्घटनाएं हर साल हजारों जिंदगियों को प्रभावित करती हैं। 2024 में 1.80 लाख से ज्यादा मौतें हुईं, जिनमें 66% युवा (18-34 वर्ष) शामिल थे। इन हादसों में समय पर इलाज से कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी। इसी को ध्यान में रखते हुए, 7 जनवरी 2025 को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कैशलेस ट्रीटमेंट योजना की घोषणा की। इस योजना के तहत सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को ₹1.5 लाख तक का मुफ्त इलाज मिलेगा।
कैशलेस ट्रीटमेंट योजना: क्या है और कैसे मिलेगी मदद?
1. योजना की शुरुआत:
यह योजना सबसे पहले 14 मार्च 2024 को चंडीगढ़ में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई थी। चंडीगढ़ में सफलता के बाद इसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश तक बढ़ाया गया। 7 जनवरी 2025 को इसे पूरे देश में लागू करने की घोषणा की गई।
2. उद्देश्य:
- सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को समय पर इलाज उपलब्ध कराना।
- वित्तीय सहायता के रूप में 7 दिनों तक ₹1.5 लाख तक की राशि प्रदान करना।
- इलाज के लिए किसी भी लिस्टेड अस्पताल में मुफ्त सेवा देना।
कैसे मिलेगा योजना का लाभ?
कैशलेस ट्रीटमेंट योजना का लाभ लेने के लिए तीन चरणों को पूरा करना अनिवार्य है:
1. घायल को अस्पताल में भर्ती कराना:
- एक्सीडेंट के तुरंत बाद घायल को नजदीकी लिस्टेड अस्पताल में भर्ती कराएं।
- भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पतालों की सूची जल्द जारी की जाएगी।
2. पुलिस को सूचना देना:
- दुर्घटना के 24 घंटे के अंदर पुलिस को सूचित करना आवश्यक है।
- एक्सीडेंट की सारी डिटेल्स और घायल की स्थिति की जानकारी पुलिस को दें।
- समय पर सूचना न देने पर योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
3. डॉक्यूमेंटेशन पूरा करना:
- पुलिस रिपोर्ट और घायल व्यक्ति के पहचान पत्र को अस्पताल में जमा करना होगा।
- डॉक्यूमेंटेशन पूरा होते ही इलाज शुरू होगा।
गोल्डन आवर: दुर्घटनाओं के बाद जान बचाने वाला सबसे महत्वपूर्ण समय
1980 में अमेरिकी सैन्य सर्जन आर. एडम काउली ने ‘गोल्डन आवर’ शब्द को लोकप्रिय बनाया। इस शब्द का उपयोग आमतौर पर मेडिकल इमरजेंसी में किया जाता है। गोल्डन आवर वह पहला घंटा होता है, जो किसी भी दुर्घटना या गंभीर चोट के बाद घायल व्यक्ति की जान बचाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस समय में यदि सही और समय पर इलाज शुरू कर दिया जाए, तो घायल व्यक्ति के बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
₹1.5 लाख में क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी?
कैशलेस ट्रीटमेंट योजना के तहत उपलब्ध सेवाएं:
अस्पताल में 7 दिनों तक मुफ्त इलाज।
सर्जरी, दवाइयां और डायग्नोस्टिक टेस्ट (CT स्कैन, MRI, एक्स-रे)।
इमरजेंसी मेडिकल सर्विस और फिजियोथेरेपी।
स्पेशलिस्ट डॉक्टर से कंसल्टेशन।
क्यों है यह योजना महत्वपूर्ण?
- सड़क सुरक्षा: हर साल हजारों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं। समय पर इलाज से यह आंकड़ा कम किया जा सकता है।
- युवाओं की सुरक्षा: सड़क हादसों में 66% मौतें युवाओं की होती हैं। यह योजना उनके जीवन को सुरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
- सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं: सरकारी मदद से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति और उनके परिवार को वित्तीय बोझ से राहत मिलेगी।
कैशलेस ट्रीटमेंट योजना कब होगी लागू?
यह योजना 7 जनवरी 2025 से देशभर में लागू कर दी गई है। सभी अस्पतालों को निर्देश दिए जा चुके हैं। जल्द ही भारत सरकार अस्पतालों की लिस्ट जारी करेगी।
कैसे करें आवेदन?
- दुर्घटना के तुरंत बाद नजदीकी लिस्टेड अस्पताल में घायल को भर्ती कराएं।
- पुलिस को 24 घंटे के भीतर सूचना दें।
- आवश्यक डॉक्यूमेंटेशन पूरा करें।
कैशलेस ट्रीटमेंट के लिए एक्सीडेंट के 24 घंटे में पुलिस को सूचना देना जरूरी
इस स्कीम का फायदा लेने के लिए 3 स्टेप फॉलो करना जरूरी है:
- स्टेप-1: अस्पताल में भर्ती
- एक्सीडेंट के तुरंत बाद घायल को नजदीकी लिस्टेड अस्पताल में भर्ती कराना होगा।
- केंद्र सरकार अस्पतालों की लिस्ट जारी करेगी।
- स्टेप-2: पुलिस को सूचना देना
- दुर्घटना के 24 घंटे के अंदर ही पुलिस को सूचित करना होगा।
- एक्सीडेंट की सारी डिटेल्स और घायल की स्थिति के बारे में पुलिस को ब्यौरा देना होगा।
- अगर 24 घंटे के अंदर पुलिस को एक्सीडेंट की सूचना नहीं दी गई, तो कैशलेस ट्रीटमेंट योजना का फायदा नहीं मिलेगा।
- स्टेप-3: डॉक्यूमेंटेशन
- ऊपर की दोनों प्रोसेस पूरी करने के बाद अस्पताल में घायल का डॉक्यूमेंटेशन होगा।
- इसमें पुलिस रिपोर्ट और घायल का पहचान पत्र जमा करना होगा।
स्रोत: PIB
जांच से दवाओं तक 7 मेडिकल सुविधाएं मुफ्त मिलेंगी
- हॉस्पिटलाइजेशन: घायल के अस्पताल में एडमिट होने की फीस नहीं लगेगी।
- इमरजेंसी मेडिकल सर्विस: एक्सीडेंट के बाद फर्स्ट एड और इमरजेंसी सर्विस मुफ्त मिलेगी।
- सर्जरी: गंभीर रूप से घायल लोगों को जरूरत पड़ने पर सर्जरी की सुविधा मिलेगी।
- डायग्नोस्टिक टेस्ट: एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई जैसी जरूरी और महंगी जांचें मुफ्त होंगी।
- दवाइयां: अस्पताल में ट्रीटमेंट के दौरान दी जाने वाली सभी दवाइयां मुफ्त रहेंगी।
- रिहैबिलिटेशन सर्विस: घायल व्यक्ति के इलाज के बाद जरूरी फिजियोथेरेपी जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
- एक्सपर्ट कंसल्टेशन: एक्सपर्ट डॉक्टर से स्पेशल मेडिसिन एडवाइस और ट्रीटमेंट मुफ्त रहेगा।
सड़क हादसे में जान गंवाने वालों के परिवार को भी मिलेगा मुआवजा
सड़क दुर्घटनाओं में मौत के मामलों में सरकार ने पीड़ित परिवारों को 2 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया है। विशेष रूप से हिट एंड रन मामलों में यह सहायता महत्वपूर्ण है। सहायता राशि पाने के लिए निम्नलिखित चरणों को पूरा करना होगा:
- पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराएं:
- एक्सीडेंट के 24 घंटे के भीतर पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराना अनिवार्य है।
- रिपोर्ट के आधार पर मामले की पुष्टि होगी।
- जरूरी दस्तावेज तैयार करें:
- पुलिस रिपोर्ट की कॉपी, मृतक का सक्सेशन सर्टिफिकेट, और अन्य आवश्यक दस्तावेज तैयार करने होंगे।
- मंत्रालय में आवेदन करें:
- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के संबंधित कार्यालय में सभी दस्तावेज जमा करें।
- आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद राशि स्वीकृत की जाएगी।
- मुआवजा प्राप्त करें:
- आवेदन स्वीकृत होने के बाद सरकार तय समय में परिजनों को 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएगी।
कैशलेस ट्रीटमेंट योजना: कब तक होगी लागू?
नितिन गडकरी ने यह भी बताया कि सरकार मार्च 2025 तक इस योजना को पूरे देश में लागू करेगी। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जरूरी संशोधन और तकनीकी व्यवस्था की जाएगी।
इस योजना के इम्प्लिमेंटेशन के लिए सरकार आईटी प्लेटफॉर्म का निर्माण करेगी, जो सड़क परिवहन विभाग, पुलिस, अस्पतालों और राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों के बीच तालमेल स्थापित करेगा।
तकनीकी प्लेटफॉर्म और एप्स की भूमिका
सरकार ने इस योजना को सरल और प्रभावी बनाने के लिए दो प्रमुख मोबाइल एप्लिकेशन और प्लेटफॉर्म तैयार किए हैं:
- e-DAR एप्लिकेशन:
- यह एप्लिकेशन सड़क हादसों की रिपोर्टिंग और डेटा कलेक्ट करने का काम करेगा।
- इसे 10 जुलाई 2023 को लॉन्च किया गया था।
- NHA का ट्रांजैक्शन मैनेजमेंट सिस्टम:
- मार्च 2024 में लॉन्च किया गया यह प्लेटफॉर्म राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के साथ मर्ज होगा।
- यह सिस्टम कैशलेस इलाज की प्रक्रिया को सहज और प्रभावी बनाएगा।
कैशलेस ट्रीटमेंट योजना का उद्देश्य
इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सड़क हादसों में घायल व्यक्तियों को समय पर इलाज मिले और उनके परिवारों पर वित्तीय बोझ न पड़े।
- 7 दिनों तक फ्री इलाज: योजना के तहत किसी भी दुर्घटना के बाद घायल व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा और 7 दिनों तक उसका पूरा इलाज मुफ्त होगा।
- घायलों के लिए ₹1.5 लाख तक की सहायता: घायल व्यक्ति को ₹1.5 लाख तक की आर्थिक मदद दी जाएगी।
- मृतकों के परिजनों को सहायता: सड़क दुर्घटना में मौत होने पर परिजनों को ₹2 लाख तक की आर्थिक सहायता मिलेगी।
योजना के तहत मुख्य लाभ
- सड़क हादसों में घायलों का कैशलेस इलाज:
- एक्सीडेंट के तुरंत बाद घायल व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज करवाया जा सकेगा।
- सड़क सुरक्षा को बढ़ावा:
- हिट एंड रन जैसे मामलों में पीड़ितों को सहायता देकर सड़क सुरक्षा में सुधार होगा।
- तकनीकी सहयोग:
- e-DAR और NHA के जरिए योजना को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लागू किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता और गति बढ़ेगी।
- परिवारों की आर्थिक सुरक्षा:
- मृतकों के परिजनों को मुआवजा देकर उनकी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
भारत में सड़क हादसों का बुरा रिकॉर्ड
नितिन गडकरी ने दिसंबर 2024 में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में स्वीकार किया कि सड़क दुर्घटनाओं के मामले में भारत का रिकॉर्ड दुनिया में सबसे खराब है। उन्होंने कहा,
“जब भी मैं किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर सड़क हादसों की चर्चा में शामिल होता हूं, मुझे शर्मिंदगी महसूस होती है और मैं अपना चेहरा छुपाने की कोशिश करता हूं।”
सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी ‘रोड एक्सीडेंट इन इंडिया 2022’ रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में सड़क हादसों में 7.77 लाख मौतें हुई हैं।
2022 में सड़क हादसों के आंकड़े
- कुल हादसे: 4,61,312
- जानलेवा हादसे: 1,55,781 (33.8%)
- मौतें: 1,68,491
- घायल: 4,43,366
- 2021 की तुलना में वृद्धि:
- हादसों में 11.9% का इजाफा
- मृतकों की संख्या में 9.4% की बढ़ोतरी
- घायलों की संख्या में 15.3% का इजाफा
राज्यों के हिसाब से सड़क हादसों में मौतें
- उत्तर प्रदेश: 1,08,000 मौतें (सबसे ज्यादा)
- तमिलनाडु: 84,000 मौतें
- महाराष्ट्र: 66,000 मौतें
हाईवे पर हादसे और मौतें
भारत में कुल सड़क नेटवर्क का केवल 5% हिस्सा हाईवे है, लेकिन इन पर 55% से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
नेशनल हाईवे पर हादसे: 32.9%
नेशनल हाईवे पर मौतें: 36.2%
कैशलेस ट्रीटमेंट योजना के तहत क्या मिलेगा?
नितिन गडकरी के अनुसार, यह योजना सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई है। योजना के मुख्य बिंदु:
- घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।
- घायल व्यक्ति को अगले 7 दिनों तक 1.5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा।
- दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
योजना के तहत कौन-कौन से इलाज कवर होंगे?
एमरजेंसी सेवाएं:
एक्सीडेंट के तुरंत बाद घायलों को नजदीकी अस्पताल में ले जाकर इलाज शुरू होगा।डायग्नोस्टिक टेस्ट:
एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई जैसे टेस्ट शामिल होंगे।दवाइयां और सर्जरी:
इलाज के दौरान दी जाने वाली सभी दवाइयां और जरूरी सर्जरी का खर्च योजना के तहत कवर होगा।रीहैबिलिटेशन सेवाएं:
दुर्घटना के बाद फिजियोथेरेपी और अन्य पुनर्वास सेवाएं प्रदान की जाएंगी।एक्सपर्ट कंसल्टेशन:
स्पेशलिस्ट डॉक्टर की सलाह और एडवांस मेडिसिन भी कवर की जाएंगी।
मौत के मामलों में मुआवजा कैसे मिलेगा?
इस योजना के तहत, सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिवार को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह सहायता प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होगा:
- पुलिस रिपोर्ट दर्ज करें:
दुर्घटना के 24 घंटे के भीतर पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराना अनिवार्य है। - दस्तावेज तैयार करें:
पुलिस रिपोर्ट, मृतक का सक्सेशन सर्टिफिकेट, और अन्य आवश्यक दस्तावेज तैयार करें। - आवेदन जमा करें:
सड़क परिवहन मंत्रालय के संबंधित कार्यालय में आवेदन करें। - मुआवजा प्राप्त करें:
प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकार परिजनों को 2 लाख रुपये की राशि प्रदान करेगी।
क्या इस योजना के लिए अलग से कार्ड बनवाना होगा?
नहीं, कैशलेस ट्रीटमेंट योजना के तहत लाभ पाने के लिए किसी अलग कार्ड या दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है। दुर्घटना के बाद घायल को सीधे अस्पताल ले जाकर भर्ती करना होगा। जरूरी दस्तावेज अस्पताल में जमा करने के बाद योजना का लाभ मिलेगा।
आयुष्मान कार्डधारकों को क्या अलग फायदा मिलेगा?
सरकार ने अभी तक आयुष्मान कार्डधारकों के लिए अलग से लाभ का ऐलान नहीं किया है। हालांकि, नितिन गडकरी ने यह स्पष्ट किया है कि यह योजना सभी भारतीय नागरिकों के लिए होगी।
कैशलेस ट्रीटमेंट योजना भारत में सड़क सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लेकर आई है। इसका उद्देश्य है कि किसी भी सड़क दुर्घटना के पीड़ित को इलाज के अभाव में अपनी जान न गंवानी पड़े। अगर इस योजना का सही एग्जीक्यूशन हुआ तो यह लाखों लोगों की जान बचा सकती है।
यह योजना सड़क सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में सरकार का एक क्रांतिकारी कदम है। यह योजना न केवल सड़क दुर्घटना पीड़ितों को समय पर इलाज मुहैया कराएगी, बल्कि उनके परिवारों को भी आर्थिक मदद प्रदान करेगी। अगर यह योजना सही तरीके से लागू होती है, तो यह देश में सड़क हादसों के कारण होने वाली मौतों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
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