कृषि क्षेत्र में निरंतरता की जरूरत
भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांता दास ने संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था में गतिविधियां बढ़ाने के लिये मूलभूत सुविधाओं वाली परियोजनाओं में निवेश बढ़ाने पर जोर दिया है। गवर्नर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में हाल में उठाए गए सुधार के कदमों से इस क्षेत्र में नए अवसर खुले हैं।
Questions on recovery from #COVID haunt us day in, day out, says Governor of RBI, @DasShaktikanta at CII National Council Meet (@FollowCII). He adds, COVID is a compelling theme in all conversations. Must fight on relentlessly against the invisible enemy #CIIat125 #cii4india pic.twitter.com/2zwXYiwVR7— CNBC-TV18 (@CNBCTV18Live) July 27, 2020
जो लोग ईएमआई भरने में सक्षम हैं -पारेख
सीआईआई की ओर से आयोजित एक ऑनलाइन सेशन के दौरान एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने शक्तिकांत दास से मोरेटोरियम नहीं बढ़ाने की अपील की। इस मौके पर पारेख ने कहा कि इससे बैंकों को नुकसान हो रहा है। जो लोग लोन रिपेमेंट कर सकते हैं, वो भी नहीं कर रहे हैं। इस पर गवर्नर ने कहा कि मोराटोरियम पर वो अभी कमेंट नहीं कर सकते हैं लेकिन उन्होंने इस मुद्दे को नोट कर लिया है।
फिर तीन महीने के लिए बढ़ा सकती मोराटोरियम
आरबीआई ने पहली बार 27 मार्च को लोन रीपेमेंट पर 3 महीने का मोराटोरियम दिया था। यानी उन तीन महीनों में आपने ईएमआई नहीं भरी तो भी आप डिफॉल्टर की लिस्ट में नहीं जाएंगे। पहले यह स्कीम 1 अप्रैल से लेकर 31 मई तक लागू रही। उसके बाद इसे दोबारा तीन महीने के लिए बढ़ाकर 31 अगस्त तक के लिए लागू कर दिया गया। अब चर्चा है कि सरकार इसे फिर तीन महीने के लिए बढ़ा सकती है।
नई कंपनियों और स्टार्टअप को प्रमोट
गवर्नर ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर तेजी से हुए 5 बड़े बदलाव होने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भविष्य कृषि सेक्टर की ओर शिफ्ट हो रहा है। इसके अलावा, रिन्यूएबल, आईटी, सप्लाई व वैल्यू चेन और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर ग्रोथ के लिए एक गेमचेंजर पावर साबित होंगे।
4 अगस्त से शुरू होगी एमपीसी की मीटिंग
उधर विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस का प्रकोप झेल रही अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.25 फीसदी की और कटौती कर सकता है।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि हम वर्तमान हालात में रेपो दर में 0.25 फीसदी और रिवर्स रेपो दर में 0.35 फीसदी कटौती की उम्मीद कर रहे हैं।