प्रियजनाें के शवों के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान में प्रतीक्षा करते परिजन। फोटो साभार | भास्कर |
पिछले साल लॉकडाउन और कोरोना से कई लोगों ने अपनी जान गंवाई, कई बच्चों के सर मां-बाप का साया उठ गया तो कईयों ने अपनी संतानें खो दी, पिछले साल की हुई मौतों की भयावह तस्वीर के बाद भी हमने सीख नहीं ली। कई शहरों में लोग कोरोना मामले बढ़ने के बावजूद लापरवाही बरत रहे हैं, किसी तरह के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा। वहीं दूसरी ओर कोरोना की सेकंड वेव पिछले साल से ज्यादा भयावह और तेजी से बढ़ रही है, ताजा मामला गुजरात का है। दरअसल गुजरात में मृतकों के अंतिम संस्कार की लिए भी वेटिंग चल रही है, गुरुवार को सूरत के एक श्मशान में कोरोना से हुई मौतों के कुछ ही घंटों बाद 40 शव पहुंच गए। यहां 3 शवों को 15 मिनट में 3 एम्बुलेंस से लाया गया। यही नहीं, एंबुलेंस में 6 शव रखे गए थे। एक दिन में पहली बार इतने शवों के कारण जगह कम पड़ गई। नतीजतन, परिवार को अंतिम संस्कार के लिए 3 से 4 घंटे तक इंतजार करना पड़ा।
प्रियजनों के शवों को पहचान भी नहीं पा रहे परिजन
श्मशान में शवों की कतार है, ऐसे में परिजन अपने प्रियजन के शव को ढूंढ भी नहीं पा रहे थे। कई बार यह देखा गया कि मृतक के परिजन यह पता नहीं लगा सके कि उनके रिश्तेदार का कौन सा शव है … और एम्बुलेंस के कर्मचारियों ने इसे कहां रखा है।
सरकारी आंकड़ों में 5-10 मौतें, रोजाना 100 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार
प्रशासन के अनुसार, सूरत में कोरोना से प्रतिदिन 5 से 8 मौतें दर्ज की जा रही हैं। वास्तविकता तो यह है कि कोविड प्रोटोकॉल द्वारा प्रतिदिन 100 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। श्मशान में इन दिनों भीड़ के कारण अफरा-तफरी का माहौल है। ऐसी ही स्थिति अश्वनी कुमार श्मशान में है, जहां तीन से चार एम्बुलेंस रोजाना 3-4 चक्कर लगा रही हैं। बुधवार को एक ही एम्बुलेंस से 6 शव भेजे गए। कई मृतकों के परिजन जिनके शव वहां रखे गए थे, उन्हें भी नहीं पता था कि उनके रिश्तेदार का कौन सा शव है।
प्रशासन ने बुधवार को बारडोली में श्मशान में अंतिम संस्कार करने का फैसला किया क्योंकि शहर में श्मशान की प्रतीक्षा बढ़ गई। शाम को 5 शवों को अंतिम संस्कार के लिए भेजा गया। बारडोली प्रांत अधिकारी वीएन रबारी और जिला पंचायत अध्यक्ष भावेश पटेल ने श्मशान का दौरा किया और ट्रस्ट अध्यक्ष सोमभाई पटेल के साथ चर्चा की। श्मशान के निदेशक भरतभाई शाह ने कहा कि ट्रस्ट ने शहर के 5 शवों का अंतिम संस्कार करने का फैसला किया है।
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