दुनिया की पहली वैक्सीन का अपडेट : राष्ट्रपति पुतिन की बेटी को वैक्सीन देने के बाद शरीर का तापमान गिरा, काफी संख्या में एंटीबॉडीज बनीं; वैक्सीन की पहली आधिकारिक तस्वीर सामने आई Read it later

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आधिकारिक तौर पर कोरोना की वैक्सीन रजिस्टर करने वाला रूस दुनिया का पहला देश बन गया है। वैक्सीन का पहला डोज राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बेटी को दिया गया। उन्हें दो डोज दिए गए। डोज देने के बाद शरीर के तापमान में बदलाव रिकॉर्ड किया गया। पुतिन के मुताबिक, पहली डोज देने पर उसके शरीर का तापमान 38 डिग्री था। वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई तो तापमान 1 डिग्री गिरकर 37 डिग्री हो गया। लेकिन कुछ समय बाद दोबारा तापमान बढ़ा, जो धीरे-धीरे सामान्य हो गया।

दो बेटी में किसे लगा यह नहीं बताया

पुतिन की दो बेटियां हैं, मारिया और कैटरीना। वैक्सीन दोनों में से किसको लगी है पुतिन ने यह साफ नहीं किया है लेकिन उनका कहना है कि टीका लगने के बाद वह अच्छा महसूस कर रही है। उसमें काफी संख्या में एंटीबॉडीज बनी हैं। वैक्सीन कई तरह की जांच से गुजर चुकी है और यह सुरक्षित साबित हुई है।

दावा- 20 देशों ने वैक्सीन का लिए ऑर्डर दिया

रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को के मुताबिक, दुनियाभर के 20 देशों ने हमारी वैक्सीन स्पुतनिक-वी के लिए प्री-ऑर्डर दिया है। रूस का डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड वैक्सीन को बड़ी मात्रा में बनाने के लिए और विदेश में प्रमोट करने के लिए निवेश कर रहा है। रूसी वेबसाइट ने दावा किया है कि भारत, साऊदी अरब, इंडोनेशिया, फिलीपींस, ब्राजील, मैक्सिको जैसे देशों ने वैक्सीन को खरीदने की इच्छा जताई है।

भारत में तीसरे चरण का ट्रायल हो सकता है

रूसी वेबसाइट के मुताबिक, 2020 के अंत तक वैक्सीन के 20 करोड़ डोज तैयार किए जाने की योजना बनाई जा रही है। इनमें से 3 करोड़ डोज रूस अपने लिए रखेगा। वैक्सीन का उत्पादन सितम्बर में शुरू होगा। रूस तीसरे चरण का ट्रायल कई देशों में करने की योजना बना रहा है, इसमें सऊदी अरब, ब्राजील, भारत और फिलीपींस शामिल हैं।

पहले उपग्रह के नाम पर रखा वैक्सीन का नामकरण

रूस ने वैक्सीन का नामकरण अपनी पहले उपग्रह स्पुतनिक-वी के नाम पर किया है। इसे 1957 में लॉन्च किया गया था। रूस ने महीने भर पहले ही इस बात के संकेत दे दिए थे कि उनकी वैक्सीन ट्रायल में सबसे आगे है और वे उसे 10 से 12 अगस्त के बीच रजिस्टर्ड करा लेंगे। हालांकि इस वैक्सीन को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन रूस पर भरोसा नहीं कर रहे। रूस पर वैक्सीन का फार्मूला चुराने के आरोप भी लग रहे हैं।

बड़े स्तर पर तीन और ट्रायल इसी महीने होंगे

रूस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वैक्सीन ट्रायल के परिणाम सामने हैं। उनमें बेहतर इम्युनिटी विकसित होने के प्रमाण मिले हैं। दावा किया कि किसी वॉलंटियर्स में निगेटिव साइड-इफेक्ट देखने में नहीं आए।

रूस ने दावा किया है कि उसने कोरोना की जो वैक्सीन तैयार की है वह क्लीनिकल ट्रायल में 100% तक सफल रही है। ट्रायल की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन वॉलंटियर्स को वैक्सीन दी गई उनमें वायरस के खिलाफ इम्युनिटी विकसित हुई है।

The new Russian #COVID19 vaccine is called Sputnik V

‼️👉 https://t.co/S9T8xHcRzf pic.twitter.com/S9ASJxSnia

— Russian Embassy in USA 🇷🇺 (@RusEmbUSA) August 11, 2020

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