महिला को कोरोना के दो अलग-अलग वैरिएंट ने संक्रमित किया, जानिए एक समय में कैसे होता है डबल इंफेक्शन? Read it later

जानिए एक समय में कैसे होता है डबल इंफेक्शन?

बेल्जियम में एक 90 वर्षीय महिला कोरोना के दो अलग-अलग वेरिएंट से इसी साल 3 मार्च को महिला संक्रमित हुई थी। इसमें कोरोना के अल्फा और बीटा वेरिएंट की पुष्टि हुई। 

यहां के ओएलवी अस्पताल में भर्ती होने के बाद महिला की हालत तेजी से बिगड़ने लगी और पांच दिन बाद उसकी मौत हो गई, लेकिन महिला को एक ही समय में दो अलग अलग वेरिएंट ने कैसे संक्रमित कर दिया? जानिए कैसे?

दरअसल महिला को कोरोना टीके की एक भी डोज नहीं लगाई गई थी और वह एक रिटायरमेंट होम में रह रही थी। इस दुर्लभ मामले को यूरोपीय कांग्रेस की वार्षिक बैठक में रखा गया था। 

इससे पहले, एक ही समय में अलग-अलग वायरस ने व्यक्तियों को संक्रमित किया है, लेकिन यह शायद दुनिया का पहला ऐसा मामला है जो कोरोना के एक साथ दो वैरिएंट से संक्रमित होने का मामला है। 

डबल इंफेक्शन ऐसे हो सकता है 

विशेषज्ञों का कहना है कि एक ही वायरस के दो वैरिएंट्स से संक्रमित होना दुर्लभ है। यह दोहरा संक्रमण है। संक्रमण एक ही समय में अलग-अलग लोगों से हो सकता है। 

जब एक वैरिएंट मानव को संक्रमित करता है, तो यह पूरे शरीर में कोशिकाओं को बढ़ा कर प्रभावित करना शुरू कर देता है। इस दौरान कुछ कोशिकाएं वायरस के संक्रमण से सुरक्षित रहती हैं। 

ऐसे में दूसरा वैरिएंट इन्हीं बची हुई कोशिकाओं को संक्रमित कर देता हैं।

अल्फा और बीटा वेरिएंट क्या हैं?

समय के साथ वायरस में जेनेटिक बदलाव होने लगते हैं। बदलाव के बाद ही वायरस का नया रूप तैयार होता है। इसे ही वैरिएंट कहा जाता है। इसी तरह कोरोना के कई रूप हैं यानी कई वेरिएंट। उदाहरण के लिए, अल्फा, बीटा, डेल्टा।

महिला कोरोना के इसी अल्फा और बीटा वेरिएंट से एक ही समय में संक्रमित हो गई थी। अल्फा को पहली बार यूके में खोजा गया था और बीटा वेरिएंट को दक्षिण अफ्रीका में खोजा गया था। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने जिन चार प्रकारों को चिंताजनक बताया है, उनमें ये चार वायरस शामिल हैं।

ओएलवी अस्पताल की मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट एनी वेंकिरबर्गेन कहती हैं, ”महिला में दो अलग-अलग वैरिएंट कैसे संक्रमित हुए, यह पता नहीं चला है।

ऐसे मामलों में वैक्सीन कितनी कारगर है, यह पता लगाने की जरूरत है

वैज्ञानिक कोरोना के नए वेरिएंट के मुताबिक वैक्सीन तैयार करने में जुटे हैं। ताकि नई वैक्सीन बूस्टर का काम कर सके। 

वारविक विश्वविद्यालय के वायरस विशेषज्ञ प्रो. लॉरेंस यंग कहते हैं, दो वैरिएंट का का एक मानव को संक्रमित करना आश्चर्यजनक नहीं है, 

हालांकि यह दुर्लभ है। ऐसे मामलों में टीका कितना कारगर है, इस पर और शोध किया जा रहा है।

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