इंडियन क्रिकेट टीम की जर्सी से लेकर हर तरह की खबरों की हैडलाइन तक, यूट्यूब के बैनर से लेकर फेसबुक के विज्ञापन तक, बीते कुछ सालों से ऑनलाइन लर्निंग ऐप BYJU’s के एड हर जगह देखने को मिल रहे हैं। इन ऐड्स में शाहरुख खान का चेहरा हर जगह नजर आता है, लेकिन अब किंग खान इन विज्ञापनों में नजर नहीं आएंगे। असल में बेंगलुरु की इस एडटेक कंपनी BYJU’s ने आर्यन खान की गिरफ्तारी व सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर बवाल मचने के बाद अपने ब्रांड एंबेसडर शाहरुख खान के विज्ञापन रोक दिया है।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट की मानें तो क्रूज ड्रग्स केस में शाहरुख के बेट आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर निगेटिव इंपैक्ट से बचने के लिए कंपनी ने ये निर्णय लिया है।
बता दें कि शाहरुख खान 2017 से बायजूस कंपनी के ब्रांड एंबेस्डर बने थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस डील से हर साल उन्हें 3-4 करोड़ रुपए फीस मिलती है।
आइए अब आपको बताते हैं इसी बायजूस की इंस्पायरिंग स्टोरी कि कैस केरल के एक इंजीनियर का पढ़ाने के शौक BYJU’s कंपनी में तब्दील हुआ और आज ये देशभर में छाया हुआ है और अब दुनियाभर में अपने पैर पसारने को तैयार है।
सफलता के आंकड़ों में दुनिया का सबसे बड़ा एडटेक BYJU’s
1.5 करोड़ स्टूडेंट्स
09 लाख पेड सब्सक्राइबर्स
2434 करोड़ का रैवेन्यू 2020 में
1.35 लाख करोड़ वैल्यूएशन
22000 करोड़ की फंडिंग
ऐसे शुरू हुई सफलता की कहानी
केरल राज्य में अझिकोड नाम का एक छोटा टाउन है। वहां पर रविंद्रन नाम के एक शख्स फिजिक्स के टीचर थे और उनकी वाइफ शोभनवल्ली मैथ्स की टीचर थीं।
इस दंपति का एक बेटा हुआ जिसका नाम उन्होंने बायजू रखा। ऐसे में बायजू को साइंस और मैथ्स अपने माता पिता से विरासत में मिली। जब बायजू बड़े हुए तो इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फॉरेन में जॉब करने लगे।
साल 2003 की ही बात है। जॉब करते हुए बायजू ने बीच में 2 महीने की छुट्टी ली। उन्हें पढ़ाने का बड़ा शौक था, इसलिए वैकेशन में वो MBA की तैयारी कर रहे अपने फ्रैंड्स के कॉन्सेप्ट क्लियर करने में सहायता करने लगे। इसी दौरान बायूज को लगा कि क्यों न वे स्वयं भी एग्जाम दें।
उन्होंने यूं ही खुद को परख ने के लिए उसने एग्जाम दे डाला और पहली ही कोशिश में 100 पर्सेंटाइल। बायजू को लगा शायद ये तुक्का लगया है, ऐसे में उन्होंने अगली बार फिर से ये परीक्षा दी,
लेकिन इस बार भी उन्होंने 100 पर्सेंटाइल हासिल किए। जिस परीक्षा में 100 पर्सेंटाइल हासिल करने के लिए अभ्यर्थी सालभर जी जान से जुटते हैं, उसे बायजू बेहद आसानी से कर पा रहे थे।
शुरुआत में बायजू से दो तीन लोगों ने पढ़ना शुरू किया, लेकिन बाद छात्रों की तादाद इतनी बढ़ी कि कई बार उन्हें स्टेडियम तक में छात्रों को पढ़ाना पड़ा…
शुरुआत में दो लोगों ने बायजूस से पढ़ना शुरू किया, इसके बाद छात्रों की संख्या बढ़ती चली गई। साल 2007 तक बायजू इतने फेमस हो गए कि उन्हें सभागार में लेनी पड़ती थी। यहा बायजू एक साथ 1000 से ज्यादा स्टूडेंट्स को पढ़ाते थे। बायजू ने एक वीक में 9 सीटीज में क्लास लेना शुरू किया।
ये सिलसिला 2009 तक चला। 2009 में वीडियो माध्यम से बायजू ने ऑनलाइन क्लास लेना शुरू किया। 2007 में बायजू रविंद्रन से पढ़ने वाले देशभर में 9 शहरों में करीब 20 हजार से ज्यादा छात्र हो गए। आलम ये हो गया कि उन्हें कई क्लास इनडोर स्टेडियम में लेनी पड़ रहीं थी।
स्कूली बच्चों के बेसिक कॉन्सेप्ट क्लीयर नहीं होते थे‚ यहीं से आइडिया क्लिक किया
बायजू ने महसूस किया कि उनके कई छात्र, जो आमतौर पर कॉलेज के स्नातक थे, उनके बेसिक कॉन्सेप्ट ही क्लियर नहीं हो पाते थे। क्योंकि अधिकांश स्कूल सिर्फ मार्क्स पर फोकस करते थे, न कि बेहतर पढ़ाइ पर। बस यहीं से रवींद्रन बायजू के दिमाग में आइडिया क्लिक किया और उन्होंने अपनी सोच के माध्यम से एडटेक इंडस्ट्री को बदल कर रख दिया।
बायजू ने थिंक एंड लर्न (BYJU’s के ऐप का पेरेंट नेम ) 2011 में लॉन्च किया। बायजू ने अपना ध्यान इंजीनियरिंग या एमबीए की तैयारी करने वालों से ज्यादा पहली से 12वीं तक के छात्रों पर डायवर्ट किया। देशभर में इन छात्रों की संख्या 25 करोड़ से ज्यादा है, तब तक किसी पर का ध्यान इस बाजार की ओर नहीं था।
एक प्रोडक्ट के रूप में अपनी सोच को तैयार करने में बायजू को चार साल लगे। इसके बाद BYJU’s का ऐप 2015 में लॉन्च किया गया। फिर इस स्टार्टअप को जैसे सफलता के पंख ही लग गए।
बीते 10 सालों में BYJU’s का सफर
- 2011 में बायजू रविंद्रन ने 1 से 12वीं तक के स्टूडेंट्स पर केंद्रित थिंक एंड लर्न कंपनी शुरू की।
- 2013 में आरिन कैपिटल से 66 करोड़ की फंडिंग मिली।
- 2015 जुलाई में सिकोइया कैपिटल से 184 करोड़ की फंडिंग मिली।
- 2015 अगस्त में BYJU’s लर्निंग एप लॉन्च किया‚ इससे 3 महीने में 20 लाख स्टूडेंट्स जुड़े।
- 2016 में सिकोइया कैपिटल‚ सोफिना और चेन जुकरबर्ग से 921 करोड़ की फंडिंग मिली।
- 2017 जनवरी में में पर्सनलाइज्ड लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए विद्यार्थ का अधिग्रहण किया।
- 2017 जुलाई में ट्यूटर विस्टा ओर एडुराइट का अधिकग्रहण किया ‚ ताकि यूएस मार्केट में विस्तार हो सके।
- 2017 में शाहरुख खान को कंपनी का ब्रांड एंबेसडर बनाया।
- 2018 में BYJU’s यूनिकॉर्न बन गई‚ यानि इसकी वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर को पार कर गई।
- 2019 जुलाई में BYJU’s इंडियन क्रिकेट टीम का ऑफिशियल स्पॉन्सर बना।
- 2020 जून में BYJU’s दुनिया का सबसे ज्यादा वैल्यूएशन (10.5 बिलियन डॉलर) वाला एडटेक स्टार्टअप बना।
- 2020 में BYJU’s ने कोडिंग प्लेटफॉर्म व्हाइट हैट जूनियर का अधिग्रहण किया।
- 2021 जनवरी में BYJU’s ने टेस्ट प्रेप के लीडर आकाश एजुकेशनल सर्विस को 7‚ 300 करोड़ रुपए में खरीद लिया।
- 2021 जून में पेटीएम पछाड़ कर BYJU’s भारत का सबसे ज्यादा वैल्यू वाला स्टार्टअप बन गया।
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इसलिए अलग है BYJU’s
BYJU’s सिर्फ कक्षा को ऑनलाइन करने का मात्र ऐप नहीं है, बल्कि ये शिक्षण की पद्धति और शैली में भी निवेश करता है। BYJU ने सीखने को आसान, मजेदार और लोगों के जीवन से जोड़ा है। इसके लिए विशेषज्ञ शिक्षकों की भर्ती की गई, जो कठिन कॉन्सेप्ट को आसान बना सके।
इन शिक्षकों ने ग्राफिक डिजाइनरों और वीडियोग्राफरों के सहयोग से 5 से 15 मिनट के वीडियो तैयार किए। BYJU मुफ्त में हजारों गुणवत्ता वाले वीडियो दिखाता है, ताकि छात्र और अभिभावक इसके मूल्य को समझ सकें। फिर पैसे देकर सदस्यता माता पिता अपने बच्चों के लिए सब्सक्रप्शिन लेने लगे।
शाहरुख से क्रिकेट तक
पैसों के पहाड़ पर बैठे BYJU’s ने लोगों की नजरों में बने रहने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शुरुआत में खुद विज्ञापनों में नजर आए। फिर उसे बाद सुपरस्टार शाहरुख खान को ब्रांड एंबेसडर बनाया, जिनकी लोकप्रियता भारत के साथ-साथ विदेशों में भी है।
भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी के अधिकार खरीदे। YouTube के बैनर विज्ञापन में अपना नाम लगातार बनाए रखा। BYJU’s ने 2019 में विज्ञापन पर लगभग 184 करोड़ रुपये खर्च किए। BYJU’s ऐसा इसलिए कर सका क्योंकि वो धन के ढेर पर विराजमान है।
BYJU’s का सफर अभी बाकी है
BYJU’s ने इस साल 8 कंपनियों का अधिग्रहण किया है और 9वीं की तैयारी कर रहा है। आकाश एजुकेशनल सर्विस से हुई शुरुआत इसके बाद इसने एपिक गेम्स, टॉपर, ग्रेट लर्निंग, हश लर्न, स्कॉलर, व्हूदैट और ग्रेडअप का अधिग्रहण किया।
BYJU’s ने भारत में अपने प्रमुख प्रतिस्पर्धियों का परिसमापन या अधिग्रहण कर लिया है। पिछले कुछ महीनों में किए जा रहे अधिग्रहण यूएस और यूके में कंपनी के विस्तार की ओर इशारा करते हैं।
ग्रामीण डाक सेवा 2022 का रिजल्ट जारी‚ 4 सटेप्स में यहां देखें
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