CBSE 2026 Reforms छात्रों और शिक्षा व्यवस्था दोनों के लिए बड़े बदलाव लेकर आ रहे हैं। साल 2025–26 सेशन से 75% attendance rule, दो बार Class 10 board exam, नया competency-based syllabus, 9-point grading system और professional subjects लागू होंगे। इन बदलावों से बोर्ड परीक्षा का पैटर्न, मूल्यांकन प्रणाली और विद्यार्थियों की तैयारी की दिशा पूरी तरह बदल जाएगी।
CBSE 2026 से सबसे बड़ा बदलाव क्या है?
👉 जवाब: सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब 10वीं की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार होगी। साथ ही, सभी छात्रों के लिए पहली परीक्षा अनिवार्य होगी।
Attendance rule में क्या नया है?
👉 जवाब: अब बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए कम से कम 75% attendance ज़रूरी होगी। मेडिकल इमरजेंसी, पारिवारिक शोक या मान्यता प्राप्त खेल प्रतियोगिता में भाग लेने पर ही छूट मिलेगी, वह भी प्रमाणपत्र के साथ।
10वीं बोर्ड की दो परीक्षाएं कब होंगी?
👉 जवाब:
पहली परीक्षा: 17 फरवरी से 6 मार्च 2026
दूसरी परीक्षा: 5 से 20 मई 2026
पहली परीक्षा सभी छात्रों को देनी होगी। दूसरी परीक्षा सिर्फ सुधार (maximum 3 subjects) के लिए होगी।
अगर छात्र पहली परीक्षा नहीं देता तो क्या होगा?
👉 जवाब: जो छात्र पहली परीक्षा में 3 या अधिक विषय नहीं देंगे, उन्हें Essential Repeat श्रेणी में रखा जाएगा।
नया syllabus और assessment system कैसा होगा?
👉 जवाब:
नया सिलेबस Competency-based होगा।
रटने पर नहीं, बल्कि Analysis, Problem Solving और Real-life Application पर फोकस होगा।
Internal Assessment: 20 Marks और Board Exam: 80 Marks होगी।
पास होने के लिए कुल मिलाकर 33% अंक ज़रूरी होंगे।
ग्रेडिंग सिस्टम में क्या बदलाव हुआ है?
👉 जवाब: कक्षा 10 और 12 दोनों में अब 9-point grading system लागू होगा ताकि पारदर्शिता बनी रहे और विद्यार्थियों का मूल्यांकन सिर्फ अंकों पर निर्भर न रहे।
12वीं बोर्ड में क्या बदलाव होंगे?
👉 जवाब: कक्षा 12 की परीक्षा 17 फरवरी 2026 से शुरू होगी और पारंपरिक एक ही बार होगी। इसके लिए चार नए Professional Subjects जोड़े गए हैं:
Land Transportation Associate
Electronics & Hardware
Physical Activity Trainer
Design Thinking & Innovation
नया system छात्रों के लिए कैसे फायदेमंद होगा?
👉 जवाब:
Attendance rule से अनुशासन बढ़ेगा।
दो बार board exam से छात्रों को सुधार का मौका मिलेगा।
नया syllabus छात्रों को skill-based learning और real-world application के लिए तैयार करेगा।
Professional subjects करियर विकल्पों का दायरा बढ़ाएंगे।
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