10वीं के बाद 12वीं की परीक्षा भी कैंसिल : इस साल नहीं होंगें CBSE 12वीं के एग्जाम, प्रधानमंत्री बोले- छात्रों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता Read it later

10वीं के बाद 12वीं की परीक्षा भी कैंसिल

सरकार ने इस साल CBSE 12वीं की परीक्षा कैंसिल कर दी है। इससे पहले 10वीं की परीक्षा भी कैंसिल कर दी गई थी। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अहम बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी छात्रों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। ऐसे माहौल में उन्हें परीक्षा का तनाव देना ठीक नहीं है। हम उनकी जान को खतरे में नहीं डाल सकते। उन्होंने कहा कि 12वीं का रिजल्ट निर्धारित समय के भीतर और तार्किक आधार पर तैयार किया जाएगा।

Government of India has decided to cancel the Class XII CBSE Board Exams. After extensive consultations, we have taken a decision that is student-friendly, one that safeguards the health as well as future of our youth. https://t.co/vzl6ahY1O2

— Narendra Modi (@narendramodi) June 1, 2021

बैठक में पीएम मोदी की बड़ी बातें…

छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए 12वीं की परीक्षा पर निणर्य लिया गया है।

छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता।

परीक्षा को लेकर छात्र, अभिभावक और शिक्षक सभी परेशान थे। इस चिंता को खत्म करना पड़ा।

ऐसे दबाव भरे माहौल में छात्रों को परीक्षा देने के लिए बाध्य करना ठीक नहीं होगा।

परीक्षा से जुड़े सभी पहलुओं को इस समय छात्रों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री के सामने रखे गए सभी ऑप्शन

बैठक में CBSE के अध्यक्ष, शिक्षा मंत्रालय के सचिव के अलावा केंद्रीय मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, राजनाथ सिंह और प्रकाश जावड़ेकर ने भाग लिया। यह बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई। सूत्रों के मुताबिक परीक्षा कराने के सारे विकल्प प्रधानमंत्री के सामने रखे गए थे। ये विकल्प राज्य सरकारों और सीबीएसई बोर्ड के साथ लंबी चर्चा के बाद तैयार किए गए थे।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 12वीं की परीक्षा रद्द करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि छात्रों का मूल्यांकन पिछले प्रदर्शन के आधार पर किया जाना चाहिए। केजरीवाल ने कहा था कि माता-पिता परेशान हैं। वे टीकाकरण के बिना परीक्षा नहीं चाहते हैं। परीक्षा रद्द होने के बाद उन्होंने इसे छात्रों के हित में लिया गया फैसला बताया है।

I am glad 12th exams have been cancelled. All of us were very worried abt the health of our children. A big relief

— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 1, 2021

केंद्र ने फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट से मांगा 2 दिन का समय

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को CBSE और ICSE की बोर्ड परीक्षाओं की सुनवाई हुई। इसमें केंद्र ने कहा था कि वह गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी योजना पेश करेगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आप जो भी फैसला लेंगे, उसके पीछे आपको एक मजबूत तर्क देना होगा। जस्टिस खानविलकर ने कहा था कि छात्रों को बहुत उम्मीद थी कि इस साल भी पिछले साल की तरह परीक्षा नहीं होगी और नंबरिंग के लिए पद्धति प्रणाली अपनाई जाएगी।

Prime Minister Narendra Modi chairs an important meeting regarding Class 12 Board Examinations pic.twitter.com/B4uVmqoPkQ

— ANI (@ANI) June 1, 2021

शिक्षा मंत्रालय ने तैयार किए थे 3 ऑप्शन

 शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षाएं कराने के लिए मसौदा तैयार किया था. प्रधानमंत्री को भी दिखाया।

पहला प्रस्ताव : 12वीं कक्षा के मुख्य विषयों यानी प्रमुख विषयों की परीक्षा ली जाए। विज्ञान, वाणिज्य और कला के केवल 3 मुख्य विषयों की परीक्षा लेने के बाद, शेष विषयों में मुख्य विषयों पर प्राप्त अंकों के आधार पर अंकन सूत्र बनाया जाना चाहिए।


दूसरा प्रस्ताव: 30 मिनट की परीक्षा लें और वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछें। इस परीक्षा में विषयों की संख्या सीमित करने की बात कही गई थी, लेकिन इस बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बताया गया।


तीसरा प्रस्ताव: अगर देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति में सुधार नहीं होता है तो 9वीं, 10वीं और 11वीं में तीनों का आंतरिक मूल्यांकन किया जाए. इसके बाद इसी के आधार पर 12वीं का रिजल्ट जारी किया जाए। इस प्रस्ताव का फार्मूला भी स्पष्ट नहीं था।

छात्रों ने मुख्य न्यायाधीश को लिखा था पत्र

करीब एक हफ्ते पहले 3 हजार छात्रों ने मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को परीक्षा के लिए पत्र लिखा था। कहा गया, ‘कोरोना के बीच शारीरिक परीक्षा कराने का CBSE का फैसला रद्द किया जाए। मूल्यांकन की वैकल्पिक पद्धति तय करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय को निर्देश दें। देश में कोविड-19 के कारण कई छात्रों ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है। ऐसे में इस समय शारीरिक परीक्षा आयोजित करना न केवल लाखों छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा के लिए, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी खतरा है।

12 राज्य चाहते थे कि 3-4 विषयों की परीक्षा हो, समय भी कम

देशभर में 12वीं की परीक्षा को लेकर राज्यों ने केंद्र सरकार को अपने सुझाव भेजे थे. महाराष्ट्र, झारखंड, केरल, मेघालय, अरुणाचल, तमिलनाडु और राजस्थान ने परीक्षा से पहले वैक्सीन का सुझाव दिया था। महाराष्ट्र ने भी ऑनलाइन परीक्षा की बात कही थी। यूपी, जम्मू और कश्मीर, गुजरात, असम, हिमाचल, चंडीगढ़, सिक्किम, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार और ओडिशा चाहते थे कि केवल मुख्य विषयों का परीक्षण किया जाए और परीक्षा का समय कम किया जाए। परीक्षा बच्चों के अपने स्कूल में होनी चाहिए।

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