‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’ गाने की सिंगर पुष्पा पगधरे पाई-पाई को मोहताज, कहा- सरकार से 3150 रुपए की पेंशन भी समय पर नहीं आती Read it later

सिंगर पुष्पा पगधरे पाई-पाई को मोहताज

लॉकडाउन के दौरान टीवी और बॉलीवुड इंडस्ट्री के कई सेलेब्स काम के अभाव में आर्थिक तंगी का शिकार हो गए हैं, लेकिन एक सिंगर ऐसी भी है जो पिछले कई सालों से पाई पाई को तरस रही है। 

जी बिल्कुल! अंकुश फिल्म के लोकप्रिय हिट गीत ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’ को अपनी सुरीली आवाज देने वाली गायिका पुष्पा पगधारे पिछले कई सालों से आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं। 

80 वर्षीय गायिका पुष्पा को राज्य सरकार की ओर से 3150 रुपये मिलते हैं, जिसके लिए उन्हें काफी संघर्ष भी करना पड़ता है।

पुष्पा इन दिनों मुंबई के माहिम में माछीमार कॉलोनी में किराए के मकान में रहती हैं। आर्थिक तंगी से जूझ रही सिंगर अब अपने रिश्तेदारों और करीबी दोस्तों से मदद की गुहार लगा रही है। 

उनके गानों के ज्यादातर वीडियो पर लाखों व्यूज होते हैं इसलिए अगर उनकी कमाई का आधा भी सिंगर को दे दिया जाता तो आज उन्हें गरीबी में नहीं जीना पड़ता.

रॉयल्टी नहीं मिलने से नाराज हैं गायिका पुष्पा

सिंगर ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा है, मेरे कुछ रिश्तेदार हैं जो जरूरत पड़ने पर मेरी मदद करते हैं। मुझे अपने गानों के लिए सही तरीके से रॉयल्टी भी नहीं मिली। मैं पूरी तरह से दूसरों पर निर्भर हूं। 

मेरे रिश्तेदारों ने मेरी मदद की, सरकार ने नहीं की। सरकार हम जैसे कलाकारों पर ध्यान नहीं देती जो बिना कमाई और सहारे के अकेले जीवन जी रहे हैं।

32 साल पहले सरकार से मांगा था घर

पुष्पा ने वर्ष 1989 में राज्य सरकार से अपने लिए एक घर की मांग की थी, लेकिन इन 32 वर्षों में हर बार उनकी मांग को अनसुना कर दिया गया। इस पर सिंगर ने कहा, उस समय मैं कई राज्यों में फंड जुटाने के लिए जाती थी,

 जब भी मैं मुंबई वापस आती थी तो मंत्री से मिलती और अपनी फाइल के बारे में पूछना चाहती थी। लेकिन हर बार मुझे एक ही जवाब मिला कि वह दौरे पर हैं या नहीं। सरकार को हम जैसे गायकों पर ध्यान देना चाहिए और सम्मान देना चाहिए।

आज आर्थिक संकट के शिकार राजनेता राज ठाकरे के पिता श्रीकांत ठाकरे द्वारा लिखे गए गीत गाए, लेकिन उन्हें लंबे समय से रॉयल्टी नहीं मिली है। इस पर गायक ने कहा, मैंने मोहम्मद रफी के साथ आगा पोरी संभल दरयाला तूफान आलय गाया, जो बहुत लोकप्रिय हुआ। 

जब तक एचएमवी म्यूजिक लेबल था, तब तक मुझे इस गाने लिए रॉयल्टी मिली। लेकिन जैसे ही यह कंपनी बंद हुई, मुझे पैसे मिलना बंद हो गए। मुझे सांस्कृतिक विभाग से 3150 रुपये मिलते हैं, 

लेकिन वे कभी समय पर नहीं मिलते। कम से कम मुझे तो रॉयल्टी मिलनी चाहिए ताकि मैं जीवन के अंतिम पड़ाव में अपना ख्याल रख सकूं।

आज की तरह पहले सिंगर को ज्यदा फीस नहीं मिलती थी 

सिंगर का कहना है कि आज के सिंगर्स को अच्छी फीस मिल जाती है लेकिन अपने जमाने में प्रोड्यूसर अपने हिसाब से पैसे देते थे। गायक रियलिटी शो तो देखते हैं, लेकिन वे अब संगीत उद्योग से किसी के संपर्क में नहीं हैं।

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