आज तंबाकू निषेध दिवस यानी World No Tobacco Day है। कोरोना काल में इस दिन की अहमियत और भी बढ़ गई है। क्योंकि तंबाकू ने कोरोना को और ज्यादा घातक बना दिया है। WHO का भी कहना है कि तंबाकू का धुआं सांस की नली और फेफड़ों में कोरोना वायरस के रिसेप्टर्स की तादाद का बढ़ना आग में घी की तरह है।
धूम्रपान करने वालों को कोराना होने का 100 प्रतिशत खतरा
धूम्रपान करने वाले लोगों को अगर कोरोना होता है तो उन्हें वैंटिलेटर पर लेने या उनकी मौत की आशंका 80% ज्यादा होती है। मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट्स के अनुसार हाल हुए रिसर्च से पता चलता है कि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में कोरोना के साथ गंभीर बीमारी होने का खतरा 100 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। कोरोना वायरस खास तौर पर फेफड़ों पर हमला करता है और धूम्रपान फेफड़ों को कमजोर करता है। कोरोना वायरस के प्रोटीन स्पाइक्स यानि नोक इंसानों के एसीटी2 रिसेप्टर्स की संख्या बढ़ा देते हैं। वहीं वायरस रिसेप्टर्स से अपना जेनेटिक मैटेरियल कोशिकाओं में डालकर संख्या बढ़ाता है।
तंबाकू ऐसे बढ़ा देता है कोरोनावायरस को
गुटखा या तंबाकू चबाने से मुंह में अत्यधिक थूक बनता है, जिसे सेवन करने वाला सार्वजनिक स्थलों पर थूकता है, इससे अन्य लोग आसानी से संक्रमित हो सकते हैं। धूम्रपान करने वाले लोगों में कोराना का खतरा इसलिए ज्यादा है क्योंकि वे बार बार अपने हाथ होटों पर लगाते रहते हैं। इसी तरह सिगरेट की बड फैंकने का मतलब कोरोना की संभावना को बढ़ाना है। तंबाकू इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता को घटाता है, इससे हमारे शरीर के लिए जरूरी टी सैल्स फैलने से रुक जाते हैं। इससे 100 प्रतिशत कोरोना होन की संभावना बढ़ जाती है।
शरीर वायरस से मुकाबला करने में अक्षम
मेडिकल एक्सपर्ट्स की माने तो धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए कोविड-19 के ज्यादा गंभीर होने का बड़ा कारण यही है कि उनकी बॉडी वायरस के अटैक का प्रतिरोध नहीं कर पाती है। क्योंकि धूम्रपान से फेफड़े कमजोर होने के कारण स्मोकर्स को ऑक्सिजन और वेंटिलेटर की जरूरत अन्य लोगों से ज्यादा होती है।
स्मोकिंग से हील करने की शक्ति कम होती है
सिगरेट का धुआं आपके शरीर के हर अंग को नुकसान पहुंचाता है जानिए कैसे-
- हार्ट- स्मोकिंग से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे शरीर के अन्य हिस्सों में ऑक्सीजन का संचार धीमा हो जाता है। ऐसे में दिल का ठीक से काम करना मुश्किल हो जाता है।
- ब्रेन- शरीर में निकोटिन की मौजूदगी आपको थकान का एहसास कराती है। जो आपका ध्यान भटका सकता हैं या मस्तिष्क से जुड़ी कोई बड़ी बीमारी का कारण बन सकता है।
- रेस्पिरेटरी सिस्टम- धूम्रपान की लत आपके फेफड़ों में सूजन पैदा कर सकती है। जिससे आपको सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। ये समस्या उम्र के साथ निरंतर बढ़ती जाती है।
- रिप्रोडक्टिव सिस्टम – समय के साथ धूम्रपान करने से महिलाओं में बांझपन की समस्या हो सकती है। वहीं पुरूषों में कम शुक्राणुओं और इम्पोटेंसी की समस्या हो सकती है। दूसर ओर है और यौन इच्छा कम हो सकती है।
स्मोकिंग छोड़ने के लिए विला पावर करें स्ट्रॉन्ग
कोई भी आदत छोड़ने के लिए खुद को मानिकस रूप से तैयार करना बेहद जरूरी है। इसके लिए आप इस बुरे और जानलेवा शौक को छोड़ने के लिए धीमी शुरुआत कर सकते हैं।
सिगरेट छोड़ने के लिए क्या करें
- एक बार में एक सिगरेट ही खरीदें और एक बार में पूरी सिगरेट न पीकर आधी सिगरेट पीने की आदत डालें
- सिगरेट छोड़ने के लिए आप खुद एक डेट फिक्स कर लें, जैसे की फला तारीख को आप सिगरेट छोड़ देंगे। ये थोड़ा मुश्किल जरूर होगा लेकिन नामुमकिन नहीं।
- शुरुआत में सप्ताह में एक दिन न सिगरेट नहीं पीने का संकल्प लें, फिर धीरे धीरे सिगरेट नहीं पीने के दिनों में बढ़ोतरी करें।
- इसके अलावा आप निकोटिन च्यूइंग-गम का भी इस्तेमाल करते रहें, ये सिगरेट की तलब कंट्रोल करने में आपकी काफी मदद कर सकती है।
गरम व लिक्विड ड्रिंक्स का सेवन
अमेरिकन लंग्स एसोसिएशन ( American Lung Association) की मानें तो स्वस्थ लंग्स के लिए बॉडी का हाइड्रेट रहना बेहद जरूरी है। ऐसे में रोज 8-10 गिलास पानी का सेवन फेफड़ों में जमा बलगम को पतला कर देते हैं, जिससे ये आसानी से शरीर से बाहर निकल जाता है। वहीं चाय या फिर गर्म पानी का सेवन वायुमार्ग की सफाई कर देता है।
एंटी इंफ्लामेट्री खाद्य साम्रगी का प्रयोग बेहतर
धूम्रपान करने वालों के फेफड़ों में सूजन रहती है, इससे सांस लेने में काफी तकलीफ नहीं होती है। विभिन्न शोध में ये साबित भी हो चुका है कि एंटी इंफ्लामेट्री खाद्य वस्तुएं जैसे की ब्लूबेरी, आयरन से भरपूर पालक, ड्रायफ्रूट्स में बादाम, अखरोट और ऑलिव खाने से शरीर में सूजन को कम किया जा सकता है। वहीं एंटी आॅक्सीडेंट से भरपूर ग्रीन टी पीने से भी फेफड़ों से निकोटिन बाहर निकालने में मदद मिलती है। लंग्स से निकोटिन को बाहर निकालने के लिए यहां बताए गए तरीके निश्चत रूप से आपके अमुल्य जीवन के लिए मददगार साबित होंगे।
कितना घातक है तंबाकू समझिए
तंबाकू शरीर में साइटोकाइन स्टॉर्म की संभावना भी बढ़ा देता है
साइटोकाइन एक तरह का प्रोटीन है, जो इन्फेक्शन होने पर विकसित होने वाले प्रतिरोध में शामिल होता है
तंबाकू का सेवन करने वालों मे हल्के सिम्टम्स वाला कोरोना अचानक गंभीर बन जाता है
इससे जान जाने की आशंका 100 प्रतिशत तक बढ़ जाती है
हर दिन भारत में तंबाकू से मरने वालों की संख्या
भारत में हर दिन तंबाकू से मरने वालों का आंकड़ा 3500 है
देश में लगभग 27 करोड़ लोग तंबाकू का सेवन करते हैं
तंबाकू पैदा और खपत करने में भारत दूसरे नंबर पर है
तंबाकू के धूम्रपान से हर साल 9 लाख 30 हजार लोग अपनी जान गवां देते हैं
तंबाकू चबाने से हर साल देश में 3 लाख 50 हजार लोगों की मौत हो जाती है
तंबाकू मौत का सबसे बड़ा कारण
दुनिया में हर साल 50 प्रतिशत लोगों की मौत की वजह तंबाकू बनता है
इनमें हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, लंग्स डिजीज, टीबी, सांस की नली, लंग कैंसर हैं जिनकी वजह तंबाकू होता है
जानिए धूम्रपान कितना खतरना है
तंबाकू के धुंएं में 36 तरह का कैंसर बीमारी पैदा करने वाले 4 हजार कैमिकल होते हैं
तंबाकू के एक्टिव और पैसिव स्मोकर्स की मौत का जोखिम लगभग बराबर होता है
एक्टि स्मोकर्स वे जो धूम्रपान करते हैं और पैसिव वे जो धूम्रपान करने वाले के आसपास मौजूद होते हैं
भारत में सिगरेट पीने वालों की संख्या
भारत में धूम्रपान करने वाले 52 प्रतिशत लोग रोज 5 से ज्यादा सिगरेट पीते हैं
5.2 प्रतिशत लोग देश में हर दिन 15 से 25 सिगरेट फूंक देते हैं
14.3 प्रतिशत लोग देश में हर दिन 25 से ज्यादा सिगरेट पी जाते हैं
धूम्रपान छोड़ने का निणर्य आपकी मानसिकता पर निर्भर करता है और ये आपके जीवन के अहम फैसलों में से एक हो सकता है। वहीं ये फैसला अपके परिवार पर भी सकारात्मक असर छोड़ सकता है।
सॉर्स : US- CDC and Health Ministry , WHO , ग्लोबल एडल्ट तंबाकू सर्वे. इंडिया , एनसीबीआई
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