Nap of five minutes: यदि आप उम्र के साथ कम हो रही मेमोरी को नियंत्रित करना चाहते हैं, तो दोपहर में 5 मिनट की झपकी लें। यह दावा चीनी वैज्ञानिकों ने अपने शोध में किया है। वैज्ञानिकों का कहना है, नींद का तरीका उम्र के साथ बदलता है, लेकिन दोपहर में सोने का कुछ समय सभी में आम है। यह मन के लिए लाभदायक है।
2,214 लोगों पर किया गया अध्ययन
यह शोध चीन में बीजिंग, शंघाई और जियान के लोगों पर किया गया था। शोध में 60 वर्ष से अधिक आयु के 2,214 लोगों को शामिल किया गया है। इनमें से 1,534 लोग 5 मिनट से 2 घंटे के बीच सोए। वहीं, 680 लोग ऐसे थे, जिन्हें नींद नहीं आती थी। यह जानने के लिए कि मस्तिष्क पर नींद का कितना प्रभाव पड़ा, शोध में शामिल लोगों की मेमोरी टेस्ट ली गई।
प्रत्येक 10 बुजुर्ग डिमेंशिया रोगियों में से एक (Nap of five minutes)
रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, नींद का असर बुजुर्गों पर दिखा। दोपहर को सोने वाले बुजुर्गों की याददाश्त बेहतर थी। (Nap of five minutes) वैज्ञानिकों का कहना है, दोपहर में लंबी नींद के स्थान पर कुछ मिनटों के लिए झपकी लेना अधिक फायदेमंद है।
जनरल साइकेट्री जर्नल में जर्नल ऑफ पब्लिक रिसर्च के अनुसार, 65 वर्ष की आयु तक, हर 10 में से एक व्यक्ति डिमेंशिया से पीड़ित है। दुनिया भर में उनकी संख्या बढ़ रही है।
डिमेंशिया क्या है
डिमेंशिया का अर्थ है स्मृति की हानि। डिमेंशिया दो तरह का होता है। पहला, जिसका इलाज संभव है। दूसरा, जिसका कोई इलाज नहीं है यानी डिजनरेटिव डिमेंशिया, अल्जाइमर भी इसी श्रेणी की बीमारी है।
मस्तिष्क की कोशिकाएं जो याददाश्त को नियंत्रित करती हैं सूखने लगती हैं। जिसका प्रभाव एक गिरती हुई याददाश्त के रूप में देखा जाता है और इसे रिकवर करना असंभव है। जब ऐसा होता है, डिमेंशिया पैदा होता है।
मंद याददाश्त वाले रोगियों में किसी भी तरह के दर्द को बताने की भी समस्या होती है। जब रोग गंभीर होता है, तो भोजन निगलने, संतुलन, आंतों और मूत्र संबंधी रोगों का खतरा होता है।
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