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(Nervous Breakdown) हैक्टिक लाइफस्टाइल और गलत खान-पान का हमारी बॉडी और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इससे ज्यादातर लोग हर समय किसी न किसी तरह की समस्या से घिरे रहते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का अहसास नहीं होता है, लेकिन ये दिक्कतें दिनोंदिन उनके व्यवहार में बदलाव लाती जाती हैं, जिससे उनकी रुटीन लाइफ कठिन हो जाती है। इसी सिचुएशन को नर्वस या मेंटल ब्रेकडाउन (Nervous Breakdown) कहते हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो नर्वस ब्रेकडाउन (Nervous Breakdown) कोई मेडिकल टर्म नहीं है। इसका इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की मानसिक समस्याओं को दर्शाने के लिए किया जा सकता है। इनमें अवसाद, चिंता, तीव्र तनाव विकार आदि शामिल हैं। इसका मतलब है कि जब कोई व्यक्ति किसी कारण से अत्यधिक चिंता या अवसाद की स्थिति में होता है, लेकिन इसे स्वीकार करने में असमर्थ होता है, तो वह नर्वस ब्रेकडाउन से पीड़ित होता है।
ये नर्वस ब्रेकडाउन कब होता है ?
नर्वस ब्रेकडाउन (Nervous Breakdown) की सिचुएशन कभी बन सकती है। उदाहरण के तौर पर नौकरी जाने पर, एग्जाम में फेल होने, गंभीर बीमारी से पीड़ित होने पर, अपने पार्टनर से दूर हो जाने पर, किसी करीबी की मृत्यु होने और भेदभाव का शिकार होने पर आदि। फैमिली में यदि पहले से कोई इस परेशनी से जूझ रहा है तो भी अगली पढ़ी के सदस्य को नर्वस ब्रेकडाउन की समस्या हो सकती है।
नर्वस ब्रेकडाउन के लक्षण (Nervous Breakdown Symptoms)
- नर्वस ब्रेकडाउन के लक्षण शारीरिक, मानसिक और व्यवहारिक हो सकते हैं।
- उदास, लाचार, अकेला और नाकाबिल महसूस करना
- थकान और हरारत
- मनपसंद काम में रुचि खो देना
- खुदकुशी के ख्याल आना
- मांसपेशियों में अकड़न
- चिड़चिड़ापन
- सिर चकराना
- पेट गड़बड़ होना
- नींद न आना
- पैनिक अटैक
- मूड स्विंग्स
- बुरे सपने आना
- ऐसा लगना जैसे कोई पीछा कर रहा है
- लोगों से दूरी बना लेना
- भूख न लगना
- सफाई से न रहना
नर्वस ब्रेकडाउन से कैसे बचें? (Nervous Breakdown Treatment)
- चाय, कॉफी या शराब से दूरी बनाएं। ये आपकी नींद उड़ा सकते हैं।
- रोजाना एक्सरसाइज करें। ये फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों के लिए फायदेमंद है।
- कम से कम 30 मिनट घर से बाहर निकलकर टहलें।
- डाइट में ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, अंकुरित दालें, ड्राई फ्रूट्स, प्रोटीन के सोर्स शामिल करें।
- अपने लिए एक बेडटाइम रूटीन तैयार करें। उदाहरण के लिए- सोने से पहले गर्म पाने से नहाएं, स्क्रीन बिलकुल न देखें और अपनी पसंदीदा किताब पढ़ें।
- नए तरीकों से स्ट्रेस कम करें। इसमें एक्यूपंक्चर, मसाज थैरेपी, योगा, प्राणायाम आदि शामिल हैं।
- काम या पढ़ाई की चिंता दूर करने के लिए बीच-बीच में ब्रेक लें। इसके साथ ही अपना काम छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर करें।
- नर्वस ब्रेकडाउन होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। काउंसिलिंग, थैरेपी और मेडिकेशंस से आपको बहुत मदद मिलेगी।
डिस्क्लेमर- ये लेख जन सामान्य सूचनाओं पर आधारित है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।