Kabul Chinese Hotel Attack: काबुल में चीनी होटल पर अटैक: चीन के कई नागरिक अंदर फंसे Read it later

Kabul Chinese Hotel Attack: अफगानिस्तान के कैपिटल काबुल में चाइनीज होटल के नाम से फेमस रेस्टोरेंट और एक गेस्ट हाउस पर हमले की खबर है। सोशल मीडिया पर चल रही खबरों के मुताबिक इस होटल में कई चीनी नागरिक हैं।  कुछ फुटेज भी सामने आई हैं। इसमें होटल के एक हिस्से में आग दिख रही है। तालिबानी सरकार या चीनी दूतावास ने अब तक इस मामले पर कुछ प्रतिक्रिया नहीं दी है। रिपोर्ट्स के अनुसार होटल के अंदर कुछ फिदायीन हमलावर हैं। ऐसे में तालिबान के सुरक्षाबलों को अंदर जाने के लिए काफी मुश्किल आ रही है।

रिपोर्ट्स के कहा जा रहा है कि होटल में फायरिंग की आवाजें आ रही हैं। बता दें कि चीन के कई एंबेस्डर्स भी यहां अक्सर आते रहते हैं। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब चीनी राजदूत ने काबुल में अपने दूतावास की सुरक्षा को लेकर शुक्रवार को ही तालिबान के अधिकारियों से बात की थी

दो स्पताह पहले इसी इलाके में पाक दूतावास पर फायरिंग की गई थी। इसमें एक पाकिस्तानी राजनयिक घायल हुआ था। सोमवार के हमले के बारे में अधिक जानकारी जुटाई जा रही है।

इमारत का नाम चीनी होटल इसलिए

होटल का ओरिजनल नाम शेर-ए-नॉ है। यहां से कुछ कदम दूर  एक गेस्ट हाउस है और यहां ज्यादातर चीनी नागरिक और राजनयिक आते हैं। इसलिए इस होटल का नाम ही चाइनीज होटल बताया जा रहा है।

इस बिल्डिंग में स्नूकर हॉल और स्विमिंग पूल जैसी सुविधाएं भी हैं। फिलहाल खबरों के अनुसार इस होटल से आग और धुआं उठता दिखाई दे रहा है। इसके अलावा गोलियों की आवाज आवाज लगातार आ रही है।

अगस्त में मस्जिद पर हुए हमले में हुई थी 20 की मौत

बता दें कि अगस्त में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल की  ही एक मस्जिद में धमाका हुआ था, जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई थी। टोलो टीवी के टेलीग्राम चैनल की मानें तो धमाका काबुल के खैरखाना इलाके में ‘अबूबकीर सेदिक’ मस्जिद में मगरिब की नमाज के वक्त हुआ था।

तालिबान के सुरक्षा अधिकारियों ने बताया था कि काबुल के पीडी-17 इलाके में हुए इस धमाके में मस्जिद के मौलवी आमिर मोहम्मद काबुली की भी मौत हो गई है। एरिया के हॉस्पिटल इमरजेंसी एनजीओ ने बताया कि वहां 5 बच्चों समेत 27 लोगों को भर्ती कराया गया है. इनमें से एक बच्चा 7 साल का भी था।

 भारतीय दूतावास भी निशाने पर रहा

अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास को भी निशाना बनाया गया है। अगस्त 2013 में जलालाबाद में दूतावास पर अटैक करने वाले तीन फिदायनी हमलावर मारे गए थे। इसमें अफगान सेना के कुछ जवान भी मारे गए थे। उस दौरान अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत अमर सिन्हा ने व्यक्तिगत रूप से मारे गए और घायल लोगों से मुलाकात की और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। वहीं उनकी सभी मेडिकल जरूरतों का खर्च भी भारतीय दूतावास ने उठाया था।

वहीं 2010 में काबुल में दो गेस्ट हाउस पर हुए हमले में छह भारतीय मारे गए थे।  इसी तरह जुलाई साल 2008 में एक कार विस्फोट में ब्रिगेडियर और आईटीबीपी के दो जवानों की मौत हो गई थी।

 

ये भी पढे़ं 

Was This Article Helpful?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *