तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने जलालाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। |
तालिबान का स्पोक्सपर्सन जबीउल्लाह मुजाहिद पहली बार दुनिया के सामने आया। जबीउल्लाह की अब तक कोई तस्वीर मीडिया के सामने नहीं आई थी। जबीउल्लाह ने जलालाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खुद की पहचान को जाहिर किया। मुजाहिद तालिबान की संस्कृति परिषद का प्रमुख भी है।
जबीउल्लाह मुजाहिद ने प्रेसवार्ता में कहा- हमें किसी से नफरत की भावना नहीं रखेंगे। हम बाहरी या आंतरिक दुश्मन नहीं चाहते हैं। तालिबान नेता ने जलालाबाद में रणनीति पर चर्चा की।
उधर, दोहा में भी बैठक चल रही है। जबीउल्लाह ने कहा- अफगानिस्तान को आजाद कराकर हमें गर्व है। हमने अपने नेता के आदेश पर सभी को माफ कर दिया है।
फोटो अफगानिस्तान के हेरात प्रांत की है जहां स्कूल खुल गए हैं। |
अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ नहीं नहीं होगा
हम सभी की सुरक्षा की गैरंटी दे रहे हैं। सभी दूतावासों को सुरक्षित रखा गया हैं। मौजूदा हालात में मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र को आश्वस्त करना चाहता हूं कि अफगानिस्तान में हर कोई सुरक्षित है।
अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ कभी नहीं होने दिया जाएगा। हम दुनिया को विश्वास दिलाते हैं कि हमारी जमीन से आपको कोई हानि नहीं होगी।
किसी को भी हमारे नियम कायदे कानून और सिद्धांतों से खौफ की चिंता नहीं करनी चाहिए
जबीउल्लाह ने कहा- अफगानिस्तान को आजाद कराकर हम गर्व महसूस कर रहे हैं। हम अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की इज्जत करते हैं। हम नहीं चाहते कि अंतरराष्ट्रीय समुदायों को हम से कोई परेशानी हो।
हमने कई कुर्बानियां दी हैं। हमें अपने मजहम का पालन करने का और उसके हिसाब से चलने का अधिकार है। अन्य देशों की अलग-अलग नीतियां, अलग-अलग धर्म, अलग-अलग विदेशी नियम हैं।
हम सभी के नियमों का सम्मान करते हैं। हम भी इसी तरह अपनी नीतियों को अपने मूल्यों के अनुरूप बनाना चाहते हैं। किसी को भी हमारे नियमों और सिद्धांतों की चिंता नहीं करनी चाहिए।
इस्लामिक अमीरात शरीयत के हिसाब से महिलाओं को देगा अधिकार
काबुल में तालिबान के खौफ से महिलाओं ने अब काम पर जाना बंद कर दिया है। बिना बुर्के वाली महिलाओं को गोली मारने की खबरें भी सामने आ रही हैं। |
इस्लामिक अमीरात महिलाओं को शरीयत के हिसाब से अधिकार देगा। हमारी महिलाओं को वो अधिकार मिलेंगे जो हमारे धर्म ने उन्हें दिए हैं। वह शिक्षा, स्वास्थ्य और विभिन्न क्षेत्रों में काम करेंगी।
चूंकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय महिलाओं के अधिकारों के बारे में चिंतित है, इसलिए हम आश्वस्त करते हैं कि किसी के भी अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया जाएगा। हमारी औरतें मुसलमानी हैं, उन्हें शरीयत के हिसाब से ही जीना है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान में निवेश करने का आग्रह
हम उम्मीद करते हैं कि युद्ध खत्म होने पर अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे का विकास होगा। हम अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे। इस्लामी अमीरात को समृद्ध करें।
हम पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान में निवेश करने का आह्वान करते हैं। अफगान लोग बेहतर जीवन चाहते हैं। हम कारोबार को चलने देंगे और सुरक्षा मुहैया कराएंगे।
तालिबानी शासन किसी भी महिला को नौकरी या बिजनेस करने की इजाजत नहीं देता है। इसलिए फैशन और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री से जुड़ी महिलाएं अब खुद ही दुकानें बंद कर रही हैं। फोटो काबुल शहर की है। |
हम मीडिया को खुलकर चलने देंगे
एक बार फिर मैं मीडिया को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम मीडिया को स्वतंत्र रूप से चलने देंगे। निजी मीडिया को भी हमारे फ्रेमवर्क के अनुसार काम करना चाहिए।
इस्लाम हमारे देश का सबसे महत्वपूर्ण मूल्य है। मीडिया को इस्लाम के मूल्यों को भी अपनी गतिविधियों में जगह देनी चाहिए।
उन्होंने अपने कार्यक्रमों में इस्लाम के मूल्यों को भी दिखाएं। मीडिया भय मुक्त रहे, मीडिया को हमारी आलोचना करने की भी छूट है ताकि हम बेहतर काम कर सकें।
हम अफगानिस्तान की बेहतर सेवा करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि अफगानिस्तान के लोग राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रीय मूल्यों को महत्व दें। मीडिया भी इन मूल्यों के खिलाफ काम न करे।
अमरुल्ला सालेह ने खुद को घोषित किया अफगानिस्तान का राष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने खुद को अफगानिस्तान का राष्ट्रपति घोषित किया है। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी देश से बाहर हैं। इसलिए मैं अब संविधान के अनुसार राष्ट्रपति हूं। मैं सभी से समर्थन की अपील करता हूं।
तालिबान द्वारा राजधानी काबुल पर कब्जा करने के दो दिन पहले राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया था। तब अटकलें लगाई जा रही थीं कि उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह भी उनके साथ अफगानिस्तान से चले गए हैं।
हालांकि सालेह के बारे में जानकारी आ रही है कि वह फिलहाल पंजशीर में हैं, जहां तालिबान के खिलाफ आगे की रणनीति पर काम किया जा रहा है।
अफगानिस्तान में फंसे 150 भारतीयों को लेकर हिंडन एयरबेस पहुंचा एयरफोर्स का विमान
अफगानिस्तान पर तालिबान की हुकूमत काबिज होने के बाद काबुल से भारतीयों को लाने का सिलसिला जारी है। अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागरिकों को लेकर भारतीय वायुसेना का सी-17 विमान मंगलवार शाम चार बजे हिंडन एयरबेस पहुंचा।
विमान के लैंड करने के दो घंटे से अधिक समय बाद बसों और अन्य वाहनों से लोगों को उनके घर भेजा गया। रास्ते में लोगों ने जय श्री राम के नारे भी खूब लगाए।
काबुल से आया यह विमान सुबह 150 लोगों को लेकर जामनगर में सबसे पहले उतरा। यहां घबराए और परेशान लोगों को नाश्ता कराया गया। इसके बाद उन्हें दिल्ली के हिंडन एयरबेस लाया गया। यहां से लोगों को उनके घर भेजा गया।
यह फोटो काबुल एयरपोर्ट की है। यहां से अमेरिकी एयरफोर्स के विमान से अफगानियों को कतर भेजा गया। इस विमान में काबुल के 640 लोग सवार थे। |
नाटो ने कहा- अफगानिस्तान में सरकार फेल रही
नाटो ने मंगलवार को अफगान सरकार को विफल बताया। नाटो ने कहा कि सरकार की नाकामी की वजह से तालिबान ने पूरे देश पर कब्जा कर लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी यही बात कही थी।
बाइडेन ने आज ट्वीट कर लिखा था, ‘मैं कहता था कि फोकस आतंकवाद से मुकाबला करने पर होना चाहिए। न कि राष्ट्र निर्माण या जवाबी कार्रवाई में होना चाहिए।
काबुल हवाईअड्डे पर भारी गोलीबारी की आवाज सुनी गईं
फोटो काबुल की है, जहां महिलाओं ने बुर्का पहनना शुरू कर दिया है। उनके चेहरे पर तालिबान का खौफ साफ देखा जा सकता है। |
काबुल एयरपोर्ट पर भारी गोलीबारी की आवाज सुनी गई है। मौके पर मौजूद अल जजीरा रिपोर्टर ने बताया कि तालिबान ने एयरपोर्ट से अल जजीरा का सीधा प्रसारण बंद कर दिया। कई और लोगों ने सोशल मीडिया पर काबुल एयरपोर्ट पर हुई गोलीबारी के बारे में लिखा है।
सरकार में भागीदारी के लिए महिलाओं ने तालिबान के सामने किया प्रोटेस्ट
काबुल में राष्ट्रपति भवन के बाहर महिलाओं के एक समूह ने सरकार और प्रशासन में भागीदारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध तालिबान के सामने हुआ, हालांकि तालिबान ने इस पर कुछ नहीं कहा।
काबुल की एक महिला अधिकार कार्यकर्ता ने भी एक वीडियो जारी किया है। अफगानिस्तान में महिला मामलों का मंत्रालय भी है। तालिबानी भी इसके बाहर सुरक्षा में तैनात हैं।
कंधार पहुंचे मुल्ला बरादर और मुल्ला मोहम्मद फजल
मुल्ला बरादार तालिबान टीम के साथ कतर से कंधार पहुंचा है। उसके साथ मुल्ला मोहम्मद फजल भी है, जो कभी ग्वाटेनामो बे जेल में कैद था। तालिबान की पहली सरकार में मुल्ला फजल रक्षा मंत्री था।
महिला पत्रकार की मां बोलीं- बेटी बहादुर है, कहा, मां तुम चिंता मत करो, मैं जल्द लौटू रही हूं…
अफगानिस्तान में कार्यरत फ्रीलांस पत्रकार कनिका गुप्ता भी काबुल में फंसी हुई हैं। उनकी मां मधु गुप्ता ने बताया कि उन्होंने कनिका से बात की है। अफगानिस्तान के हालात के बारे में पूछे जाने पर बेटी साहसपूर्वक कहती है कि फिजूल में आप दहशत में आ जाओगे, आप चिंता मत करो मैं अब सुरक्षित हूं।
हम रोज बात करते हैं। बेटी ने रविवार को कहा कि मैं जल्द ही वापस आऊंगी। विदेश मंत्रालय हमारी पूरी मदद कर रहा है। कनिका की मां ने बताया कि अब उसका फोन भी स्विच ऑफ आ रहा है।
समाचार एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक अफगानिस्तान में फंसे बाकी भारतीय भी सुरक्षित इलाके में हैं और उन्हें भी एक-दो दिन में एयरलिफ्ट कर लिया जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने सोमवार को यह भी कहा है कि वह अफगानिस्तान में हुई घटना पर करीब से नजर रखे हुए है और अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं।
हिंडन एयरपोर्ट पर इंतजार करते हुए ITBP के जवान तेजिंदर शर्मा के परिजन। तेजिंदर भी ग्लोबमास्टर C-17 से काबुल से लौटे हैं। |
गृह मंत्रालय ने शुरू किया आपातकालीन वीजा
इस बीच गृह मंत्रालय ने अफगानिस्तान से भारत आने वाले लोगों के लिए वीजा नियमों में बदलाव किया है। मौजूदा हालात को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक वीजा ई-आपातकालीन एक्स-विविध वीजा की एक नई श्रेणी शुरू की गई है।
यह सुविधा इसलिए शुरू की गई है ताकि अफगानिस्तान से भारत आने वाले लोगों को जल्द से जल्द वीजा मिल सके।
सभी फोटो Reuters‚ ANI‚ PTI के सहयोग से
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