नकल रोकने में विफल राजस्‍थान सरकार ने की नेटबंदी: REET में धांधली से भी नहीं लिया सबक ; पटवारी परीक्षा के लिए दो दिन नेटबंदी राज्‍य की जनता पर थोपी Read it later

नकल रोकने में विफल राजस्‍थान सरकार ने की नेटबंदी

राजस्थान में REET एग्जाम के दौरान बड़ी धांधली देखने को मिली। कहीं चप्पल में मोबाइल छिपाया गया तो कहीं प्रशासन की नाक के नीचे डमी कैंडिडेट परीक्षा केंद्र पहुंच गया।  इन सबके बावजूद गहलोत सरकार ने की ओर से राजस्थान में पटवारी परीक्षा के लिए किसी तरह की तैयारी नहीं दिखी। 

ऐसे में सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया कि नकल रोकने के लिए उनके पास कोई प्‍लानिंग नहीं है। इसलिए जब कुछ समझ नहीं आया तो शुक्रवार आधी रात को बिना पूर्व सूचना के नेटबंदी का फैसला कर डाला।  ऐसे में सुबह जब लोग उठे उन्‍हें कुछ समझ नहीं आया। वे यह नहीं जान पाए की उनका नेट आखिर क्‍यों बंद कर दिया गया है।  सरकार ने कोई सूचना रात तक नहीं दी थी।

REET एग्जाम में नकल रोकने में विफल रहा सिस्टम

राज्‍य सरकार को नकल रोकने के लिए सिर्फ एक ही जुगाड़ समझ आया‚ बस ये  कि इंटरनेट बंद कर दो।  इसकी वजह से आम जनता को परेशानी झेलनी पड़ी। सभी इंटरनेट सेवाएं ठप हो गईं। यहां तक कि सरकार ने कुछ इलाकों में वाई-फाई भी बंद करवा दिए। ऐसे में काम भी प्रभावित हुआ।

आधी रात बिना सूचना के बंद किया नेट

आधी रात बिना सूचना के बंद किया नेट

इंटरनेट शटडाउन का यह ऐलान भी सरकार की ओर से समय पर नहीं किया गया है. आधी रात को रीत या पटवारी नेट बंदी की घोषणा की गई। इससे लोग परेशान होते रहे। जैसे इंटरनेट बंद करना नकल रोकने का आखिरी तरीका है। ॽ

इस अचानक नेट बंद होने से बढ़ी लोगों की परेशानी, 15 लाख से ज्यादा पटवारी उम्मीदवारों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा. केंद्र की पहचान एक दिन पहले करनी होगी। क्योंकि सरकार को भरोसा ही नहीं है कि बिना अचानक नेट बंद हुए जीपीएस सेंटर कैसे पहुंचेगा. इंटरनेट बंद होने से सरकारी दफ्तर का काम ठप होता नजर आया।

जयपुर सहित इन जिलों में नेट बंद रहा

पटवारी भर्ती परीक्षा में इंटरनेट बंद करने का निर्णय जिला स्तर पर लिया जा रहा है। इसके तहत पुलिस की अनुशंसा पर शनिवार व रविवार को राजधानी जयपुर, जोधपुर, भरतपुर, दौसा, बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, अजमेर, नागौर, सिरोही व सवाई माधोपुर में पटवारी 

भर्ती परीक्षा होने के कारण प्रातः 6 बजे से शाम 6 बजे तक एक बार फिर नेटबंदी। आदेश जारी किए गए। जहां इंटरनेट बंद नहीं हुआ, वहां भी लोग इंटरनेट बंद होने की अफवाह से परेशान होते रहे। बार-बार मोबाइल चेक करते रहें।

ये सुविधाएं सबसे ज्यादा प्रभावित

अचानक से नेट बंद होने से बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज, घरों का वाई-फाई भी नहीं चल पाया। ऑनलाइन शॉपिंग से लेकर कार्ड पेमेंट भी बंद हो गया। कोई आदेश नहीं दे सकता था। न ही पहले से ऑर्डर किया गया माल डिलीवर किया जा सकता था। कैब बंद रही।

नकल रोकने की स्‍ट्रेटेजी बनाई तो नेट बंद करने की जरूरत क्यों पड़ी?

रीट में दिन भर इंटरनेट ठप रहा। अब पटवारी में 2 दिन इंटरनेट बंद रहा। एक तरफ प्रशासन का दावा है कि सुरक्षा के लिए पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है. केंद्र पर हर छात्र की जांच की जा रही है। इस बार सेंटर पर मेटल डिटेक्टर भी लगाए गए थे। 

अधिकारियों का कहना है कि नकल रोकने के लिए रणनीति बनाई गई है। अगर पुलिस इतनी सतर्क है तो इंटरनेट बंद करने की क्या जरूरत पड़ गई। इससे साफ है कि सरकार ने रीट से कोई सबक नहीं लिया और पटवारी परीक्षा के लिए  नेटबंदी राज्‍यभर की जनता पर थोप दी। 

पुलिस के हाथ भी खाली

बीकानेर में 6 लाख में अपना  चप्पल में मोबाइल बेचान करने वाला मास्टरमाइंड तुलसाराम अभी भी फरार है। इसके बावजूद पटवारी परीक्षा से एक दिन पहले तुलसीराम के रिश्तेदार के घर पर छापा मारा। जहां 2 को नकल का सामान बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वहीं रीट का मास्टरमाईट भजनलाल भी आज तक फरार चल रहा है।

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