केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) अलवर में एक मूकबधिर से हुए सामूहिक दुष्कर्म की जांच करेगा। राजस्थान सरकार ने सीबीआई जांच कराने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश भेजने का फैसला किया है। रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है।
गौरतलब है कि पांच दिन बाद भी राजस्थान पुलिस गैंगरेप के आरोपियों की पहचान करने में नाकाम रही है। एक दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि यदि पीड़ित परिवार चाहेगा तो वे मामले की जांच CID या CBI या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी से कराने को राजी हैं।
दरिंदगी के मामले में एसपी तेजस्विनी गौतम का यू टर्न
वहीं अब अलवर में मूकबधिर नाबालिग के साथ हुई इस दरिंदगी के मामले में एसपी तेजस्विनी गौतम ने यू-टर्न ले लिया। रविवार को जब गुरुद्वारा कमेटी के सदस्यों ने एसपी से मुलाकात की तो एसपी ने कहा कि रेप की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। बता दें कि दो दिन पहले ही एसपी ने कहा था कि मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर देखा जाए तो नाबालिग से रेप की कोई संभावना नहीं दिखाई दे रही है।
एसपी तेजस्विनी गौतम ने कहा कि उन्होंने पहले मेडिकल रिपोर्ट के हवाले से जानकारी दी थी। फिलहाल पुलिस स्तर पर हर एंगल से जांच कर रही है। हमारी जांच पूरी नहीं हुई है। मैंने अब तक फैक्ट्स सामने रखे हैं। कोई निष्कर्ष नहीं दिया गया है। एसपी के इस बयान से साफ हो गया है कि अब बच्ची से दुष्कर्म की बात को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पहले सिर्फ मेडिकल एक्सपर्ट पैनल की रिपोर्ट के आधार पर रेप की संभावना नहीं जताई जा रही थी।
दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी ने कहा कि जल्द अपराधियों को नहीं पकड़ा तो उग्र आंदोलन होगा
वहीं रविवार को दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के सदस्य अलवर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अलवर के एसपी से मुलाकात की। बैठक के बाद कमेटी सदस्य आत्मा सिंह लुबाना व अन्य सदस्यों ने बताया कि एसपी कह रही हैं कि उन्होंने नाबालिग से रेप नहीं होने की बात से इनकार नहीं किया गया है।
यह मीडिया की ओर से ही छापा गया है। एसपी ने कहा है कि हर संभावना पर जांच के तथ्य आने पर साफ तौर सच्चाई सामन आ पाएगी है। इधर, समिति के पदाधिकारियों ने प्रशासन को चेतावनी दे डाली है कि यदि चार दिन में अपराध का खुलासा नहीं किया गया तो देशभर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
मामले में पुलिस ने न तो घटनास्थल की तलाशी ली है और न ही दोषियों को पकड़ा: कमेटी
गुरुद्वारा कमेटी के सदस्यों ने कहा कि नाबालिग के साथ कहीं और रेप किया गया और उसे यहां लाकर फेंक दिया गया है। हो सकता है कि नाबालिग को रेलवे ट्रैक पर फेंकने के लिए पुलिया पर लाया गया हो। इस बीच किसी ने देखा हो तो अपराधी पुलिया पर ही बच्ची को पटक कर भाग गए हों। कमेटी के सदस्यों ने कहा है कि इस मामले में पुलिस ने न तो घटनास्थल की तलाशी ली है और न ही दोषियों को पकड़ा है। अभी तक घटना के संबंध में कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है।
जयपुर से आई डॉग स्क्वॉड टीम की मदद से घटनास्थल पर जांच की गई। 6 दिन बाद भी कोई ठोस सुराग पुलिस के हाथ नहीं लग पाया है। (फोटो – दैनिक भास्कर) |
पहले एसपी ने मेडिकल एक्सपर्ट के बयान के आधार पर कहा था कि मूकबधिर बालिका से रेप नहीं हुआ
एसपी तेजस्विनी गौतम ने पहले कहा था कि मेडिकल एक्सपर्ट की रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची के प्राइवेट पार्ट में चोट के निशान हैं। रेप जैसे तथ्य सामने नहीं आए हैं। यह चिकित्सा विशेषज्ञों, फोरेंसिक विशेषज्ञों, तकनीकी तथ्यों के आधार पर बताया गया है। मेडिकल टीम को बच्ची के प्राइवेट पार्ट में चोट के बारे में भी बताया गया है। उसी आधार पर कहा जा रहा है कि रेप जैसे तथ्य नहीं हैं।
आगे हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि पुलिया पर लड़की के साथ किस तरह की घटना हुई। जैसे ही कोई नया तथ्य सामने आएगा तो उसे सामने लाया जाएगा। एसपी ने कहा था कि अब तक की रिपोर्ट्स के मुताबिक, लड़की के साथ किसी भी तरह के यौन शोषण का खुलासा नहीं हुआ है। जैसे ही हमें नए सबूत मिलेंगे, हम उसी के अनुसार आगे के निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।
हर जगह अकेली है लड़की
एसपी ने बताया, सीसीटीवी में बच्ची अकेली दिख रही है। लड़क हर जगह पर पैदल जाती दिखी है। कहीं किसी घटना जैसा कुछ दिखाई नहीं दिया। बच्चीं गांव स ऑटो में सवार होकर आई थी। ऑटो ट्रेस किया गया और चालक से पूछताछ की। ऑटो वाले के सैंपल लिए गए तो उसमें भी बच्ची के साथ दुष्कर्म जैसा कुछ सामने नहीं आया। शहर में आने के बाद युवती को अलग-अलग जगहों पर अकेला देखा गया है। पुलिस ने बस स्टैंड से लेकर तिजारा पुलिया चढ़ने तक की ज्यादातर फुटेज देखी।
11 जनवरी को पुलिया पर चढ़ती दिखी और 10 मिनट बाद खून में लथपथ मिली
गौरतलब है कि सीसीटीवी में 11 जनवरी की शाम करीब 7:31 बजे बच्ची पुलिया पर चढ़ती नजर आ रही है। उसके करीब कोई संदिग्ध नहीं है, लेकिन 10 मिनट बाद लड़की खून से लथपथ मिली। एसपी ने बताया था कि अब हमारी जांच इन्हीं 10 से 15 मिनट पर केंद्रित है। आखिर उस 10 मिनट में लड़की का क्या हुआ। इस पर जांच चल रही है। उस समय पुल से निकलने वाले वाहनों की जांच भी की जा रही है।
300 सीसीटीवी कैमरों की जांच की
पुलिस ने तीन दिन में 300 सीसीटीवी कैमरों की जांच की है। एसपी ने कहा- हम नाबालिग के कपड़े के मामले में भी जांच कर रहे हैं। अभी तक मेडिकल और तकनीकी रिपोर्ट सामने रखी गई है। डॉक्टर की राय है कि डॉक्टर की ओपिनियन यह है कि सेक्सुअल ऑर्गन इंटैक्ट हैं। वहीं हम सभी एंगल से जांच कर रहे हैं।
भाजपा सांसद ने राज्य सरकार को घेरा‚ कहा रेप कैपिटल बन रही है वीरों की भूमि
बीजेपी के प्रदेश महामंत्री और राजसमंद सांसद दीया ने अलवर पुलिस पर बड़ा सवाल उठाते हुए राज्य सरकार पर हमला बोला है। सांसद दिया ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा कि अलवर सामूहिक बलात्कार और इसके अलावा राज्य में लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं।
राजस्थान सरकार इन घटनाओं को लेकर बिल्कुल भी संवेदनशील और गंभीर नहीं है। इन को चैन की नींद कैसे आ रही है। अब तक न तो अपराधी पकड़े गए हैं और न ही कोई ठोस कार्रवाई की गई है। गहलोत सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए @BJP4Rajasthan का जन आंदोलन को सफलता मिली है। जनता के आक्रोश और लगातार पड़ रहे दबाव के कारण आखिरकार राजस्थान सरकार ने अलवर दुष्कर्म मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का फैसला कर ही लिया है।
— Diya Kumari (@KumariDiya) January 16, 2022
आगे एक वीडियो संदेश में सांसद दीया कुमारी ने कहा कि राजस्थान वीरों और नायिकाओं की भूमि है, लेकिन आज यह बलात्कार की राजधानी बन गई है. यह बड़े दुख और शर्म का विषय है। मुझे शर्म आती है कि आज मैं राजस्थान में रह रहा हूं जहां हमारी बहनें और बेटियां सुरक्षित नहीं हैं।
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