Beating Retreat LIVE: राजपथ पर ऐ मेरे वतन के लोगों की धुन, दिल्ली में ही इस गाने को 58 साल पहले लताजी ने गाया था‚ पहली बार 1 हजार ड्रोन आसमां में जगमगाए Read it later

 

Beating Retreat LIVE: राजपथ पर ऐ मेरे वतन के लोगों की धुन,

73वें गणतंत्र दिवस का समापन समारोह आज Beating Retreat के साथ हो गया। आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इस त्योहार को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाया जा रहा है। दिल्ली के विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट में इस साल ड्रोन शो एक प्रमुख आकर्षण रहा। समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शामिल हुए।

बीटिंग रिट्रीट समारोह में पहली बार लता मंगेशकर की ओर से गाया गया और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का पसंदीदा गीत ऐ मेरे वतन के लोगन भी बजाया गया। इसे 1963 में कवि प्रदीप ने लिखा था।

बीटिंग द रिट्रीट के खास ये आकर्षण रहे

बीटिंग द रिट्रीट के खास ये आकर्षण रहे

बीटिंग रिट्रीट के लिए 26 धुनों की लिस्ट बनाई गई। इनमें ‘केरल’, ‘हिन्द की सेना’ और ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ की धुन को मुख्य तौर पर शामिल रहे। आर्मी मिल बैंड ने केरला, सिकी-ए-मोल और हिंद की सेना धुन बजाईं। मास्ड बैंड ने कदम कदम बढ़ाए जा धुन पर प्रस्तुति दी। बगलर्स ने इकबाल के लिखे गीत सारे जहां से अच्छा की धुन बजाई। पूरे समारोह में 44 ब्यूगलर्स (बिगुल बजाने वाले), 16 ट्रंपेट प्लेयर्स और 75 ड्रमर्स शामिल हुए।

इस बार बीटिंग रिट्रीट में ड्रोन शो भी देखने को मिला। बता दें कि समारोह में करीब एक हजार ड्रोन शामिल किए गए हैं। इन सभी ड्रोन को ‘बॉटलैब डायनेमिक्स’ ने आईआईटी दिल्ली और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की मदद से तैयार किया है। पूरे कार्यक्रम को ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत डिजाइन, निर्मित और कोरियोग्राफ किया गया है।

समारोह में 'अबाइड विद मी' धुन इस बार शामिल नहीं की गई

समारोह में ‘अबाइड विद मी’ धुन इस बार शामिल नहीं की गई

महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन ‘अबाइड विद मी’ इस बार बीटिंग रिट्रीट में नहीं बजाया गया। बीटिंग रिट्रीट के लिए 26 धुनों की सूची बनाई गई, जिसमें ‘अबाइड विद मी’ को शामिल नहीं किया गया है। इसे महात्मा गांधी की पुण्यतिथि से एक दिन पहले 29 जनवरी को शहीद दिवस पर बीटिंग रिट्रीट समारोह के आखिर में बजाया जाता था।

बीटिंग रिट्रीट क्या है?

यह धुन 1950 से बीटिंग रिट्रीट में बजायी जा रही है, लेकिन 2020 में पहली बार इसे हटा दिया गया था। इस पर काफी विवाद के बाद इसे फिर से वर्ष 2021 में समारोह में शामिल किया गया। 

इसके बाद फिर से इसे बीटिंग रिट्रीट से हटा दिया गया है। भारतीय सेना की ओर से पूरे कार्यक्रम का ब्रोशर शनिवार को जारी किया गया। इसमें इस धुन का कोई जिक्र नहीं है।

समारोह में हिस्सा लेने राष्ट्रपति पहुंचे, पीएम ने किया स्वागत

इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे, इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति का स्वागत किया।

पीएम मोदी समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया।

बीटिंग रिट्रीट क्या है?

बीटिंग रिट्रीट क्या है?

बीटिंग रिट्रीट सप्ताह भर चलने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के समापन का प्रतीक है। इस दौरान राष्ट्रपति बलों को अपने बैरक में लौटने की अनुमति देते हैं। इसके साथ ही गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हो जाता है। पहले इसकी शुरुआत 24 जनवरी से होती थी, लेकिन 2022 से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती यानी 23 जनवरी से मनाई जा रही है. इस बार सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाई जा रही है।

बीटिंग रिट्रीट क्या है?

बीटिंग रिट्रीट का इतिहास

बीटिंग रिट्रीट की शुरुआत 1950 के दशक में भारत में हुई थी। भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट ने सेनाओं के बैंड के प्रदर्शन के साथ समारोह को पूरा किया। 1952 में भारत में इस समारोह के दो कार्यक्रम आयोजित किए गए। पहला आयोजन दिल्ली के रीगल मैदान के सामने और दूसरा लाल किले में हुआ।

बीटिंग रिट्रीट क्या है?

बीटिंग रिट्रीट की परंपरा उस समय से चली आ रही है जब सूर्यास्त के बाद युद्ध समाप्त हो गया था। 17वीं शताब्दी में इंग्लैंड में एक युद्ध के दौरान, जेम्स द्वितीय ने शाम को युद्ध समाप्त होने के बाद अपने सैनिकों को ड्रम बजाने, झंडा फहराने और परेड करने का आदेश दिया। उस समय इस फंक्शन को वॉच सेटिंग कहा जाता था।

Republic Day Beating Retreat Ceremony Update | Narendra Modi  | Ram Nath Kovind And Rajnath Singh | VijayChok | Rajpath | 

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