फोटोः एसीबी राजस्थान। |
ACB Rajasthan: वर्तमान के डिजिटल दौर में कई सुविधाएं हासिल करने के लिए भुगतान ऑनलाइन किया जा सकता है, तो (Online Bribe In Rajasthan) करप्शन इसमे कैसे पीछे रह सकता है। दरअसल जयपुर सचिवालय (jaipur secretariat) में कार्यरत एक कनिष्ठ सहायक ने ऐसा ही किया है। उन्होंने श्रीगंगानगर के पद्मपुर में निवासी एक युवक को अनुकंपा नियुक्ति दिलाने के लिए बीस हजार रुपए रिश्वत की मांग की और फोनपे नंबर देकर सीधे यह राशि भी प्राप्त कर ली.
डिजिटल भ्रष्टाचार का ये खेल बीकानेर के एंटी करप्शन ब्यरो की पकड़ में आया है। जिसके बाद अब पुलिस कनिष्ठ सहायक अरुण कुमार अटल को गिरफ्त में लेने की तैयारी कर रही है। अमूमन रिश्वत लेने वालों को रंगे हाथ कैश के साथ पकड़ा जाता है, इस वजह से उसी दौरान गिरफ्तारी हो जाती है। लेकिन इस मामले में नकल भी ऑनलाइन ही सीधे बैंक अकाउंट में मंगवाई गई। रिपोर्ट के अनुसार कि रिश्वत मांगने का पूरी बातचीत का रिर्काड भी पुलिस के पास है।
मामला क्या है जानिए
जानकारी के अनुसार श्रीगंगानगर के पदमपुर निवासी साहिल कुमार ने अनुकंपा नियुक्ति को लेकर अप्लाई किया था। इसपर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने उसकी नियुक्ति तय कर दी थी। उसकी फाइल सेक्रेटेट में वॉटर सप्लाय डिपार्टमेंट के संयुक्त शासन सचिव कार्यालय में कार्यरत कूकस निवासी अरुण कुमार अटल के पास अटकी हुई थी। ऐसे में अरुण ने साहिल को मनचाहे स्थान पर पदस्थापन कराने की एवज में 20 हजार रुपए की मांग रखी।
इधर अरुण की बातचीत को साहिल ने रिकार्ड कर लिया। बाद में उसने श्रीगंगानगर (Sri Ganganagar) के बजाय बीकानेर स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की चौकी पर मामले की पूरी जानकारी साहिल ने उप अधीक्षक रजनीश पूनिया को दी। इसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मामले में कुछ और सबूत भी जुटाए।
ब्यूरो ने साहिल से कहा कि वो रिश्वत डिमांड के रुपए फोनपे कर दें। ऐसे में अरुण कुमार के बताए गए नंबर पर साहिल ने 20 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद एसीबी के निरीक्षक आनन्द मिश्रा, हैड कांस्टेबल बजरंग सिंह, नरेंद्र सिंह, कांस्टेबल प्रेमाराम, हरिराम और भगवानदास इस केस में जांच कर रहे हैं।
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