Aadi Perukku: आदि पेरुक्कु शुरू- उफनती नदी के जल की पूजा कर प्रकृति का आभार प्रकट करने का त्योहार Read it later

Aadi Perukku festival
Getty Images

 

आदि पेरुक्कु (Aadi Perukku festival) बुधवार को दक्षिण भारत में मनाया जा रहा है। बता दें कि साउथ इंडिया में ये बेहद अहम त्योहारों में से एक माना जाता है। इस त्योहार के साथ ही दक्षिण भारत में त्योहारों का आगमन होने लगता है।  ये फेस्टीवल उफनती नदियों के पानी को लेकर  मनाया जाता है। वहीं एक और कारण ये भी है कि  आदि पेरुक्कु फेस्टीवल कावेरी नदी (Cauvery river) के प्रति अपनी श्रद्धाभाव और धन्यवाद व्यक्त करने के उद्देश्य से भी मनाया जाता है। दक्षिण भारत में ऐसी मान्यता है कावेरी नदी के कारण ही उसके आस-पास के क्षेत्र में संपन्नता आती है।

इस त्योहार पर अधिकत्तर दक्षिण भारत के परिवार खाना बनाकर आसपास की झील या तालाब के किनारे ले जाते हैं और वहां परिवार के साथ भोजन करना पसंद करते हैं। इस फेस्टिवल पर दक्षिण भारत में नदी किनारे पिकनिक मनाना भी पसंद किया जाता है।   इसे लेकर मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और लोग खुद को प्रकृति के करीब महसूस करते हैं। वहीं महिलाएं और बच्चों की ओर से शाम को इन जलाशयों के समीप दिया जलाकर प्रकृति का आभार प्रकट किया जाता है।

 

Aadi Perukku festival

 

Table of Contents

नदी में डूबकी लगाना और पूजा करने का विधान

आदि पेरुक्कु फेस्टिवल तिरुचरापल्ली के अलावा कावेरी नदी के किनारे बसे इरोड, तंजावुर और सलेम में सहित आस-पास के क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं सांकेतिक तौर पर स्थानीय सरकार भी पेरुक्कु फेस्टिवल पर बाढ़ के जल को छोड़ने के आदेश जारी करती है।

इसी कड़ी मे बुधवार को कावेरी नदी के स्नान घाटों और कोलिदाम नदी के तट पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटने की आशंका जताई जा रही है।  ऐसे में प्रशासन ने बुधवार को ‘आदि पेरुक्कू’ उत्सव के लिए सुरक्षा योजनाएं लागू कर दी हैं। त्योहार को देखते हुए पुलिस कर्मियों की तैनाती के साथ होमगार्ड के सदस्यों का एक वर्ग भी स्नान घाटों और नदी के किनारे भीड़ की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए लगाया गया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार श्रीरंगम में अम्मा मंडपम स्नान घाट पर शहर की पुलिस को तैनात किया गया है। यहां बुधवार को कावेरी नदी में पवित्र डुबकी लगाने और नदी को धन्यवाद देने के लिए विशेष पूजा करने के लिए विभिन्न स्थानों से भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है।

 

कब और कैसे मनाने की पंरपरा‚ जानिए

  • आदि पेरुक्कु एक हिंदू तमिल महोत्सव के तौर पर जाना जाता है। जो तमिल माह आदि के 18वें दिन मनाए जाने की परंपरा है।
  • यह एक मानसून आधारित उत्सव माना जाता है, इसे मुख्य तौर पर खेती से जुड़े लोग मनाते हैं।
  • यह पर्व कावेरी नदी या किसी झील या तालाब के किनारे मनाया जाता है।
  • इस मौके पर मानसून के कारण नदी में पानी काफी जमा होता है, ऐसी मान्यता है कि ये पानी लोगों के लिए सुख-समृद्धि लेकर आता है।
  • ऐ त्योहार किसानों और उन लोगों की ओर से खास तौर पर मनाया जाता है, जिनका जीवन पानी पर आधारित है।
  • तमिलनाडु के कई मंदिरों में ये उत्सव मनाया जाता है। पूजा के दौरान लोग मां कावेरी और बरसात के लिए वरुणा देवी की पूजा-अर्चना करते हैं, ताकि बारिश अच्छी होने के साथ उससे फसल की बढ़िया पैदावार हो सके।
  • इस  त्योहार पर महिलाएं देवी पचई अम्मा की पूजा भी करती हैं। पचई अम्मा को दक्षिण भारत क्षेत्र में शांति और सद्भाव का प्रतीक माना जाता है।

 

Cauvery river |  Aadi Perukku festival |  Aadi Perukku | Cauvery | Aadi Perukku festival Cauvery | Srirangam | traditional holy dip | Mettur reservoir | Amma Mandapam bathing ghat

 

 24 जुलाई तक इन राशि के जातकों पर रहेगी मां लक्ष्मी की विशेष कृपा

पंचांग अपडेट : 29 दिन का सावन,2 दिन पूर्णिमा, 11 अगस्त को रक्षाबंधन और 12 को स्नान-दान का पर्व, जानिए श्रावण मास क्यों है खास

ग्रह-नक्षत्र का शुभ-अशुभ प्रभाव: इस माह शनि के राशि परिवर्तन और अंगारक योग से राशियों पर होगा असर, जानिए कौन जातक संभलें और किसका होगा बेहतर समय

सूर्य बदल रहे राशि :15 जुलाई तक मिथुन राशि में रहेंगे सूर्य देवता, इन राशियों के लिए रहेगा शानदार समय

Hindu-Marriage 2022: आखिर असुर, राक्षस, पैशाच, ब्रह्म, देव और गंधर्व विवाह क्या होते हैं? किस तरह से विवाह करने का जीवन पर क्या असर होता हैॽ

Like and Follow us on :

Google News | Telegram | Facebook | Instagram | Twitter | Pinterest | Linkedin

 

Was This Article Helpful?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *