ED: एन्फोर्समेंट डायरेक्ट्रेट यानी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा है कि महादेव सट्टेबाजी ऐप्लीकेशन (Mahadev betting app) के प्रमोटरों की ओर से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। ED ने यह दावा गुरुवार को गिरफ्तार किये गये कैश कूरियर पर्सन असीम दास के हवाले से किया है। इसी के साथ ही ईडी ने यह भी कहा है कि अभी इसकी जांच भी की जा रही है।
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि ‘508 करोड़ रुपये के पैसों का आदान-प्रदान हुआ यानी छत्तीसगढ़ के सीएम ने महादेव सट्टेबाजी ऐप के संबंधित लोगों से पैसे लिए। शराब घोटाला, कोयला घोटाला और चावल घोटाला हुआ, लेकिन अब ईडी की ओर से सबूत पेश किये गये हैं। एक राज्य के सीएम के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक बात क्या हो सकती है।
#WATCH | Raipur, Chhattisgarh: On ED's claim that Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel was paid Rs 508 crore by Mahadev app promoters, BJP National Vice President and former Chhattisgarh CM Raman Singh says, "Exchange of money worth Rs 508 crore took place that means Chhattisgarh CM… pic.twitter.com/aQDpzXLsGn
— ANI (@ANI) November 3, 2023
उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने इस मामले पर कहा है कि चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है, इसलिए हमने मान लिया है कि ED इस तरह से कार्रवाई करेगी ताकि कांग्रेस को नुकसान हो।
#WATCH | Ambikapur: On ED's claim that Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel was paid Rs 508 crore by Mahadev app promoters, Dy CM TS Singh Deo says, "Since the election preparations have begun, we have assumed that the ED will act this way so that Congress suffers a loss…You have… pic.twitter.com/eJAX9l7uvz
— ANI (@ANI) November 3, 2023
दरअसल ED ने गुरुवार को कूरियर असीम दास उर्फ बप्पा दास से 5.39 करोड़ रुपये बरामद करने के बाद उसे अरेस्ट कर लिया। ED की ओर से एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप (mahadev online betting app) और उसके प्रमोटरों की जांच की जा रही है। ED ने एक प्रेस रिलीज में यह दावा किया है।
असीम दास और कांस्टेबल भीम सिंह यादव को रायपुर की स्पेशल कोर्ट अदालत ने 7 दिन की ED रिमांड पर भेज दिया है। अब इसकी अगली सुनवाई 10 नवंबर को होनी है। इससे पहले ED की टीम शुक्रवार शाम 5 बजे दोनों आरोपियों को कोर्ट लेकर पहुंची थी।
जानकारी के अनुसार असीम दास (Asim Das) पेशे से एक ड्राइवर है और ऑनलाइन बैटिंग ऐप चलाता है। ED को शक है कि उसके घर से मिला पैसा किसी ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप का ही था, जिसे चुनाव में खर्च करने के लिए ही रखा गया था। इसके बाद गुरुवार को ईडी के अधिकारियों ने ताला तोड़कर घर में कार्रवाई करने के लिए दाखिल हुए और ये राशि बरामद की।
2019 में जूस बेचने वाले सौरभ ने शुरू की थी महादेव बैटिंग ऐप
बता दें कि छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले के रहने वाले रामेश्वर चंद्राकर नगर निगम में वॉटर पंप ऑपरेटर के पद पर काम करता है। उसके बेटे का नाम सौरभ चंद्राकर है। सौरभ भिलाई में ही ‘जूस फैक्ट्री’ के नाम से छोटी सी जूस की दुकान चलाता था। इसी बीच उसकी दोस्ती रवि उप्पल नाम के एक इंजीनियर से हो गई।
2017 में रवि और सौरभ ने मिलकर ऑनलाइन सट्टेबाजी से पैसा कमाने के लिए एक वेबसाइट तैयार की। शुरू में इस वेबसाइट पर कम यूजर्स थे और कमाई भी कम होती थी।
सौरभ की इनकम का मेन सॉर्स जूस की दुकान ही थी। उसका दोस्त रवि उप्पल एक निजी कंपनी में इंजीनियर के तौर पर काम करता था। 2019 में नौकरी के लिए सौरभ दुबई चला गया। कुछ समय बाद सौरभ ने अपने दोस्त रवि उप्पल को भी दुबई बुला लिया। रवि के दुबई पहुंचने से पहले ही सौरभ सट्टेबाजी वेबसाइट के जरिए पैसे कमाने का पूरा प्लान तैयार कर चुका था।
इसके बाद दोनों ने महादेव बुक (Mahadev betting app) ऑनलाइन के नाम से एक सट्टेबाजी वेबसाइट और ऐप बनवाई। सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से इसका प्रमोशन शुरू कर दिया। महादेव कंपनी का कारोबार बढ़ाने के लिए सौरभ ने दो रास्ते अपनाए। पहला- सोशल मीडिया मार्केटिंग और इंफ्लूएंसर्स के जरिए ऐप का प्रमोशन करवाया गया। दूसरा- अन्य सट्टेबाजी ऐप्स और वेबसाइटें खरीद लीं।
कंपनी यूजर्स को पैसे देकर गेम खेलने की लत लगा देती है
‘महादेव बुक’ नाम के इस ऐप से कुछ ही महीनों में 12 लाख से ज्यादा यूजर्स जुड़ गए। शामिल होने वाले अधिकतर लोग छत्तीसगढ़ से ही थे। लोग इस ऐप का इस्तेमाल क्रिकेट से लेकर चुनाव तक हर चीज पर सट्टा लगाने के लिए करने लगे थे। इसके यूजर्स ने इस ऐप का यूज करने के लिए अलग-अलग बैंक खाते भी खोलने शुरू कर दिए।
कोरोना काल और उसके बाद ‘महादेव ऐप’ का कारोबार तेजी से बूम पर आ गया। साल 2021 में कोरोना के कारण आईपीएल का आयोजन बिना दर्शकों के किया गया था। उस दौरान महादेव ऐप के जरिए 2 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का सट्टा लगाया गया था। महादेव बुक ऑनलाइन कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर वर्तमान में उसके साथ 99 लाख से ज्यादा लोग जुड़े होने का दावा करता है।
ED मामले पर छत्तीसगढ़ के सीएम ने अपनी सफाई ट्वीटर के माध्यम से दी है
मामले पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा कि मैंने पहले कहा है, भारतीय जनता पार्टी ED, आईटी, डीआरआई और सीबीआई जैसी एजेंसियों की मदद से छत्तीसगढ़ चुनाव लड़ना चाहती है। चुनाव से ठीक पहले ED ने मेरी छवि धूमिल करने का कुत्सित प्रयास किया है!
ये ED के जरिए कांग्रेस सरकार को बदनाम करने की कोशिश है! ‘महादेव ऐप’ की कथित जांच के नाम पर ईडी ने सबसे पहले करीबी लोगों के घरों पर छापेमारी की! उन्हें बदनाम करने के लिए और अब एक अज्ञात व्यक्ति के बयान के आधार पर मुझ पर 508 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया है… ED और आईटी जैसी एजेंसियों से लड़ने के लिए छत्तीसगढ़ की जनता हमारे साथ है। हम लड़ेंगे और जीतेंगे।”
On ED's claim that he was paid Rs 508 crore by Mahadev app promoters, Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel tweets, "As I have said earlier, Bharatiya Janata Party wants to contest Chhattisgarh elections with the help of agencies like ED, IT, DRI and CBI. Just before the elections, ED… pic.twitter.com/bVi6brBC0I
— ANI (@ANI) November 3, 2023
अब शॉर्ट में महादेव ऐप के ऑपरेशन के बारे में वो सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं
- ‘महादेव बुक’ दुबई से ऑपरेट होता है लोगों को सट्टेबाजी के जरिए पैसा कमाने का लोभ देकर कंपनी नए यूजर्स को जोड़ती है। इस ऐप पर ऑनलाइन कसीनो, पोकर, कार्ड गेम, तीन पत्ती कार्ड गेम खेलने के साथ इन गेम पर पैसे लगाए जाते हैं।
- इसके अलावा बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल, अल क्रिकेट गेम्स और लाइव क्रिकेट पर भी अवैध सट्टेबाजी की जाती है।
- सट्टेबाजी की जाल में ऐसे फंसते हैं लोग एजेंट और ऐड के जरिए लोग ऐप से जुड़ते हैं। बताए गए कॉन्टैक्ट नंबर से संपर्क करते हैं। यूजर्स से सिर्फ व्हाट्सएप चैट से कॉन्टैक्ट कर सकते हैं।
यूजर को एक प्राइवेट ग्रुप से जोड़ा जाता है। - यूजर्स को इनमें से किसी एक वेबसाइट पर आईडी बनानी होती है….
Laser247.com
Laserbook247.com
http://www.betbhai.com
Betbook247.com
(tigerexch247.com)
http://www.cricketbet9.com
यूजर्स को दो कॉन्टैक्ट नंबर संपर्क करने के लिए दिए जाते हैं..
पहला कॉन्टैक्ट नंबर – इस नंबर के जरिए यूजर आईडी में पैसे जमा करने के साथ ही पॉइंट्स जमा करते हैं।
दूसरा कॉन्टैक्ट नंबर – ये नंबर एक खास आईडी में पॉइंट्स को भुनाने के लिए वेबसाइट से संपर्क करने के लिए होता है।
यूजर्स कंपनी के बेनामी खाते में पैसा जमा करते हैं और जीतने पर भी उन्हें बेनामी खाते से ही पैसा दिया जाता है। शुरुआत में इन इस ऐप के यूजर्स को जिलाया जाता है और अंत में सबकुछ हार जाते हैं।
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