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Photo | ANI |
Hardeep Singh Nijjar: जालंधर में एक हिंदू पुजारी को मारने के लिए आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) पर NIA ने 10 लाख रुपए का इनाम घोषित था। बता दें कि (Khalistani terrorist Hardeep Singh Nijjar) हरदीप सिंह निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) की ओर से रची गई साजिश में वांछित था ऐसे में एनआईए ने भगोड़े आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर पर एनआईए ने 10 लाख रुपये का नकद इनाम घोषित किया था।
NIA declares a cash reward of Rs 10 lakhs on fugitive terrorist Hardeep Singh Nijjar, wanted in the conspiracy hatched by Khalistan Tiger Force (KTF) operating under Nijjar, to kill a Hindu priest at Jalandhar: NIA pic.twitter.com/0Z0d2Wjcbt
— ANI (@ANI) July 22, 2022
साल 2021 नवंबर में NIA ने दाखिल की थी चार्जशीट
गौरतलब है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने साल 2021 नवंबर में कनाडा के रहने वाले खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर (Khalistani terrorist Hardeep Singh Nijjar) के विरुद्ध भारत में आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने को लेकर आरोप पत्र दाखिल किया था। इसके तहत हरदीप के खिलाफ नई दिल्ली में NIA स्पेशल कोर्ट के समक्ष भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी, 153-बी और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 13,17,18,20,38 और 40 के तहत चार्जशीट लगाई गई थी।
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भगोड़ा आतंवादी हरदीप सिंह निज्जर। फोटोः सोशल मीडिया। |
कौन है हरदीप सिंह निज्जर (who is hardeep singh nijjar?)
दरअसल फर्जी-कनाडाई हरदीप सिंह निज्जर के जिक्र के बिना खालिस्तानी आतंकवादी गतिविधियां अधूरी रही हैं। निज्जर ( Who was Hardeep Singh Nijjar?) और उसकी मौत भारत-कनाडा में चल रहे कूटनीतिक युद्ध का केंद्र बिंदु है। 1977 में भारत के पंजाब में जन्मे निज्जर ने 1997 में कनाडा का रुख किया। छद्म प्लंबर का भेष धारण करते हुए, नज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) नामक नकली ‘सिख अलगाववादी’ समूह का एक प्रमुख सदस्य बन गया। भारत में आतंक की उनकी विरासत और आतंकवादी संबद्धता में उनकी भूमिका के कारण उनकी रहस्यमय मृत्यु हुई। अब, कनाडा उनकी मृत्यु का उपयोग हिंदुओं, भारतीयों और भारत के खिलाफ अविश्वास की आग को भड़काने के लिए कर रहा है।
- निज्जर की कहानी भारत के पंजाब के जालंधर जिले से शुरू होती है, जहाँ उसका जन्म 1977 में हुआ था।
- वह 1997 में फर्जी पासपोर्ट का उपयोग करके कनाडा चला गया। उसने कनाडा में शरण पाने की कोशिश करने के लिए उत्पीड़न के झूठे आरोप लगाए। हालांकि, उसके झूठ को पहचान लिया गया और उसके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया।
- उसका दावा खारिज होने के 11 दिन बाद उसने स्पॉन्सर के तौर पर एक कनाडाई महिला से शादी कर ली। हालांकि, यह सुविधा की शादी थी। कनाडाई अधिकारियों ने नागरिकता के उसके दावे को खारिज कर दिया।
- भारत की ओर से निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) के खिलाफ रेड-कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। भारत चाहता था कि भारत में संदिग्ध आपराधिक गतिविधियों में निज्जर की संलिप्तता के कारण कनाडा उसके आवेदन को अस्वीकार कर दे।
- 2015 में, कनाडा को भारत के नोटिस के बावजूद निज्जर को नागरिकता प्रदान की गई थी। कनाडाई अधिकारियों ने इस पर भरत के विरोध को नजरअंदाज कर दिया
- 2016 में, भारत सरकार ने पंजाब में 2007 के बम विस्फोट में निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) का हाथ होने का खुलासा किया, जिसमें 6 लोगों की जान चली गई। इसी सिलसिले में वह भारतीय अधिकारियों द्वारा पूछताछ के लिए वांछित था। हालांकि, उसे कभी भी भारत प्रत्यर्पित नहीं किया गया और न ही उसकी नागरिकता रद्द की गई।
- 2020 में भरत ने निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) को आतंकवादी घोषित किया था। उस पर हिंसा भड़काने और आतंकी समूहों को भारत के खिलाफ भड़काने का आरोप था।
मूल रूप से पंजाब राज्य जालंधर से ताल्लुक रखने वाला निज्जर वर्तमान में कनाडा में रहकर भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में संलिप्त रहा। बता दें कि निज्जर के खिलाफ जो मामला है वो प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) (Babbar Khalsa International) के निज्जर और अन्य की ओर से भारत में आतंकवादी गतिविविधयों को अंजाम देने को लेकर रची गई साजिश से जुड़ा था।
साफ तौर पर हरदीप सिंह निज्जर खालिस्तानी आतंकी था। पिछले कई साल से वो पंजाब में लगातार खालिस्तान टेरर फोर्स के मॉड्यूल को खड़ा करने के प्रयास में लगा था। उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।
2010 में बम विस्फोट में आया नाम
हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) का नाम 2010 में सामने आया जब पटियाला में सत्य नारायण मंदिर के पास बम विस्फोट में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वहीं साल 2016 में निज्जर के खिलाफ लुधियाना के डाक थाने में हिंसा भड़काने और आतंकी गतिविधियों को भड़काने का मामला दर्ज किया गया।
भारत सरकार ने साल 2020 में पंजाब में हिंसा व अलगववाद को बढ़ावा देने के आरोपी खलिस्तान सपोर्टर ऑर्गनाइजेशन के 9 लोगों को आतंकवादी घोषित किया गया था। सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत खलिस्तान समर्थकों पर ये एक्शन लिया। ये 9 खलिस्तानी आतंकवादी पाक सहित पांच अन्य देशों में बैठकर भारत के खिलाफ गतिविधियों के साजिशकर्ता हैं। इनमें हरदीप सिंह निज्जर का नाम भी था।
निज्जर (NIA declares Rs 10 lakh reward on Khalistan terrorist) खासकर पंजाब में प्लान की गई हत्याओं को अंतिम रूप देने को लेकर समर्थन करने वालों का नेटवर्क बनाने को लेकर प्रयासरत था। इसको आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने के लिए निज्जर विभिन्न मनी ट्रांसफर सर्विस स्कीम( एमटीएसएस) सर्विसेज और हवाला चैनलों के जरिए भारत में पैसा पहुंचाता था। वहीं अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने के लिए अपने पाकिस्तान में मौजूद सहयोगियों से हथियारों और गोला-बारूद का इंतजाम करने की कोशिश कर रहा था।
सिख फॉर जस्टिस के जरिए खालिस्तान बनाने की वकालत करता रहा है निज्जर
निज्जर ‘सिख फॉर जस्टिस’ (Sikh for Justice) से भी ताल्लुक रखता है और ‘खालिस्तान’ बनाने की हमेशा अपने वीडियो के जरिए वकालत करता है। इसके पक्ष में वो दुनियाभर में सिख समुदाय के लोगों बरगलाता और भड़काने की कोशिशें करता है।
निज्जर सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए कई पोस्ट, ऑडियो संदेशों और वीडियो के जरिए सिखों को अलग प्रांत के लिए समर्थन करने और भारत सरकार के विरुद्ध आंदोलन करने के साथ भारत के विरुद्ध हिंसक हरकतों को अंजाम देने की हमेशा कोशिशें करता रहता था।
जांच एजेंसी के अनुसार उसे गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एक ‘आतंकवादी’ घोषित पहले ही किया जा चुका था। वहीं उसको पकड़ने को लेकर सरकार ने 10 लाख के इनाम की घोषणा की थी।
ज्ञात हो कि अमेरिका में रह रहा गुरपतवंत सिंह पन्नुन (Gurpatwant Singh Pannun) प्रतिबंधित ‘सिख्स फॉर जस्टिस’(एसएफजे) का मैंबर है। वहीं कनाडा में ऐश काटने वाले हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) ‘खालिस्तान टाइगर फोर्स’का प्रमुख रहा है।
साल 2020 में पन्नुन की ओर संचालित एसएफजे ने सोशल मीडिया पर ‘सिख रेफरेंडम 2020’को फैलाने की कोशिश की थी। यह सभी जानकारी इंटेलिजेंस के हाथ लगी थीं।
निज्जर की एनआईए कई मामलों में तलाश कर रही थी। बीते कुछ सालों में उसके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए। साल 2018 में कनाडा पीएम जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) भारत दौरे पर आए थे तब तात्कालीन पंजाब सीएम अमरिंदर सिंह ने भी उन्हें खालिस्तानी आतंकियों की लिस्ट दी थी। इस लिस्ट में निज्जर का भी नाम था। साल सितंबर 2020 में सेट्रल होम मिनिस्ट्री इंडिया ने निज्जर को आतंकवादी घोषित कर दिया था। पंजाब से भाग कर कनाडा में बैठे निज्जर की भारतीय एजेंसियों को कई भारत विरोधी गतिविधियों को लेकर तलाश थी।
उसके बावजूद ट्रूडो अपना चुनावी फायदा साधने के लिए कनाडा में आतंकवाद को पनाह दे रहे हैं और भगोड़े आतंवादी निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की वकालत कर रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं कि कनाडा अब खलिस्तानियों खुले तौर पर समर्थन दे रहा है। अगर यह भी मान लिया जाए कि जिस तरह कनाडा की सरकार खालिस्तानियों का सपोर्ट कर रही भविष्य में कनाडा का एक हिस्सा ही खालिस्तान नाम से जाना जाएगा।
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