Mission Gaganyaan: चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 मिशन के बाद भारत ने अंतरिक्ष यात्रा की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के व्यू पॉइंट से अहम क्रू एस्केप सिस्टम का सफल परीक्षण कर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने साबित कर दिया कि वह दिन अब दूर नहीं जब तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्री तीन दिन की स्पेस यात्रा पर रवाना होंगे।
श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पर शुरुआती दिक्कतों के बाद शनिवार सुबह 10 बजे TV-D-1 मिशन (Mission Gaganyaan) लॉन्च किया गया। इस मिशन में क्रू एस्केप सिस्टम के साथ नव विकसित तरल ईंधन एकल चरण टेस्ट व्हीकल (TV-D-1) और क्रू मॉड्यूल को भी परखा गया। क्रू मॉड्यूल को बंगाल की खाड़ी में उतारकर अंतरिक्ष से पुन: धरती पर पहुंचने की तकनीक की पुष्टि की गई।
इसरो के मुताबिक गगनयान मिशन (Mission Gaganyaan) के लिए आवश्यक 50 फीसदी तकनीक का विकास हो चुका है, हालांकि अभी लंबा सफर तय करना है। इसरो जल्द ही टीवी-डी-2 मिशन भी लॉन्च करेगा। कुल चार परीक्षण मिशनों के बाद पहला मानव रहित मिशन भेजा जाएगा।
ऐसे हुआ मिशन लॉन्च
श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 10 बजे टीवी-डी-1 मिशन लॉन्च किया गया। लगभग 61 सेकेंड बाद लगभग 11 किमी की ऊंचाई पर रॉकेट ने ध्वनि की रफ्तार (मैक 1.2) पकड़ी तभी उसका इंजन बंद हो गया। आपात स्थिति पैदा होते ही क्रू एस्केप सिस्टम सक्रिय हुआ और क्रू मॉड्यूल (Mission Gaganyaan) को 17 किमी ऊंचाई तक ले गया। इसी ऊंचाई पर क्रू एस्केप सिस्टम क्रू मॉड्यूल से अलग हुआ। उसके बाद क्रू मॉड्यूल ने वापस धरती का रुख किया। एक-एक कर पैराशूट की तैनाती हुई और प्रणालियां आशा के अनुरूप काम करती रहीं। अंतत: क्रू मॉड्यूल सुरक्षित बंगाल की खाड़ी में उतर गया। नौसेना के गोताखोर उसे लेकर चेन्नई पहुंचे।
…. and the slow-motion video of the TV-D1 Lift-off.
(No audio)
#Gaganyaan pic.twitter.com/K1LpVtu3bf— ISRO (@isro) October 21, 2023
अब जानिए क्या है क्रू एस्केप सिस्टम
क्रू एस्केप सिस्टम किसी युद्धक विमान में पायलट को बचाने के लिए जेट इजेक्शन सीट की तरह है। (Mission Gaganyaan) आपात स्थिति में पायलट जेट इजेक्शन सीट को खींचकर विमान से बाहर आ जाते हैं और पैराशूट के जरिए धरती पर उतर जाते हैं। उसी तरह गगनयान मिशन के दौरान आपात स्थिति पैदा होते ही क्रू एस्केप सिस्टम अंतरिक्ष यात्रियों को ले जा रहे क्रू मॉड्यूल को रॉकेट से अलग कर देगा और पैराशूट के जरिए सुरक्षित धरती पर पहुंचाएगा।
#WATCH | Sriharikota: ISRO launches test flight for Gaganyaan mission after first test flight was aborted pic.twitter.com/pIbmjyJj3W
— ANI (@ANI) October 21, 2023
सोमनाथ बोले, गगनयान (Mission Gaganyaan) की यात्रा शुरू हो चुकी
इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि टीवी डी-1 मिशन (Mission Gaganyaan) का परीक्षण सफल रहा है। इस मिशन का उद्देश्य विशेष टेस्ट व्हीकल के जरिए गगनयान मिशन के क्रू एस्केप सिस्टम का प्रदर्शन करना था। हम क्रू मॉड्यूल को जिस गति से बंगाल की खाड़ी में उतारना चाहते थे उसमें हमें शानदार सफलता मिली। हम यह मिशन सुबह 8 बजे लॉन्च करना चाहते थे। लेकिन मौसम खराब होने के कारण उसे 8.45 बजे तक स्थगित किया गया। गगनयान की यात्रा शुरू हो चुकी है। हमें उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत में पहला मानव रहित गगनयान मिशन लांच करेंगे।
#WATCH | Gaganyaan’s First Flight Test Vehicle Abort Mission-1 (TV-D1) launch on hold
ISRO chief S Somnath says, The lift-off attempt could not happen today…engine ignition has not happened in the nominal course, we need to find out what went wrong. The vehicle is safe, we… pic.twitter.com/wIosu113oT
— ANI (@ANI) October 21, 2023
मानिटरिंग डिस्क्रिपेंसी के कारण आई दिक्कत
दूसरे प्रयास में सुबह 8.45 बजे तमाम लिफ्ट ऑफ प्रोसेस सामान्य रहने के बावजूद एक कंप्यूटर ने होल्ड का संदेश दिया। इससे मिशन लॉन्च करते समय रॉकेट टीवी-डी-1 (Mission Gaganyaan) में दहन शुरू नहीं हुआ। ऐसा मॉनिटरिंग विसंगति के कारण हुआ। विसंगति को हमने बहुत जल्दी पकड़ा। गैस भरने की प्रक्रिया पूरी कर रॉकेट को फिर से लॉन्च के लिए तैयार किया।
ये भी पढ़ें –
Sriharikota:श्रीहरिकोटा से ही क्यों लॉन्च होते हैं ISRO मिशन
Google News |Telegram | Facebook | Instagram | Twitter | Pinterest | Linkedin