National Doctors Day 2023: इस साल की थीम है “सेलिब्रेटिंग रेजिलिएंस एंड हीलिंग हैंड्स”
National Doctors Day 2023: हर साल 1 जुलाई को देशभर में राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस मनाया जाता है। यह जीवन बचाने वाले डॉक्टरों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। यह दिन उन सभी डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए जश्न मनाने का दिन है जो बड़े पैमाने पर समाज की सेवा कर रहे हैं। बता दें कि इस साल 2023 में 33वां राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस 1 जुलाई को मनाया जा रहा है। आइए आपको बताते हैं इस दिन को मनाने की शुरुआत कैसे और क्यों की गई।
डॉक्टर दिवस का इतिहास
देश में डॉक्टर दिवस (National Doctors Day 2023) मनाने की शुरुआत 1 जुलाई 1991 से हुई थी। यह दिन प्रसिद्ध चिकित्सक शिक्षाविद् और बंगाल के दूसरे सीएम डॉ. बिधान चंद्र रॉय के सम्मान में मनाया जाता है। रॉय जन्म 1 जुलाई 1882 को पटना, बिहार में हुआ था। 1976 में उन्हें भारत रत्न पुरस्कार से नवाजा गया। उनके सभी योगदानों का सम्मान करने के लिए हर साल 1 जुलाई को ‘डॉक्टर्स डे’ के रूप में मनाया जाता है।
डॉ. बीसी रॉय का जन्म 1 जुलाई 1882 को हुआ था और उनकी मृत्यु 1 जुलाई 1962 को हुई, जो एक अजीब संयोग है। उन्होंने जीवन भर बीमार लोगों की सेवा की और उनकी जान बचाई। उनके अमूल्य योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा उन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था।
राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस 2023 की थीम
विषय है “लचीलेपन का जश्न मनाना और हाथों को ठीक करना”। यह थीम कठिन समय के दौरान, विशेषकर कोविड-19 महामारी के दौरान, डॉक्टरों की निरंतर प्रतिबद्धता और लचीलेपन को इंगित करती है।
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस का उद्देश्य
इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को डॉक्टरों के कर्तव्यों, महत्व और योगदान के बारे में जागरूक करना है। यह दिन हमें डॉक्टरों के अहम योगदान के लिए उनके प्रति धन्यवाद व्यक्त करने का अवसर देता है। (National Doctors Day 2023) वे अपने मरीजों, जिस समुदाय में वे काम करते हैं और समग्र रूप से समाज के लिए अपनी ओर से जो जीवन बचाने के प्रति योगदान देते हैं, उन्हें वाकई सैल्युट करने लायक है। इसकी बानगी दुनिया ने कोराना काल में देखी।
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस का महत्व
डॉक्टरों को उनके काम के लिए थैंंक्स और ऑनर देने के लिए नेशनल डॉक्टर डे (National Doctors Day 2023) मनाया जाता है। क्योंकि इंसान के जन्म से लेकर स्वस्थ जीवनशैली जीने तक डॉक्टरों की भूमिका अहम मानी गई है। इसी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए डॉक्टर्स डे हर साल 1 जुलाई को मनाया जाता है।
डॉक्टर्स डे (National Doctors Day 2023) के मौके पर हम भारत की ओर से दुनिया को दिए गए टॉप 5 मेडिकल पैथी के योगदान के बारे में बताएंगे। हम जानते हैं कि भारत में चिकित्सा पद्धतियों की एक लंबी परंपरा रही है जिसने दुनिया में अहम योगदान दिया है। यहां दुनिया में भारत के शीर्ष 5 चिकित्सा का योगदान हैं-
1. आयुर्वेद पद्धति: आयुर्वेद एक पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति है जिसका इस्तेमाल 5,000 से अधिक वर्षों से किया जा रहा है। यह प्राकृतिक उपचारों के उपयोग पर जोर देता है और मन, शरीर और आत्मा के बीच संतुलन पर ध्यान केंद्रित करने का काम करता है।
2. योग पद्धति: योग एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जिसकी उत्पत्ति प्राचीन भारत में हुई थी। (National Doctors Day 2023) इसने अपने कई स्वास्थ्य लाभों के लिए दुनियाभर में लोकप्रियता हासिल की है, जिसमें तनाव और चिंता को कम करना, लचीलेपन में सुधार और समग्र कल्याण को बढ़ावा देना शामिल है।
3. मोतियाबिंद सर्जरी: भारत ने मोतियाबिंद सर्जरी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। देश ने नवोन्मेषी तरीके विकसित किए हैं जिससे मोतियाबिंद सर्जरी सुरक्षित और अधिक सुलभ हो गई है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
4. प्लास्टिक सर्जरी: भारत प्लास्टिक सर्जरी में अपनी प्रगति के लिए जाना जाता है, (National Doctors Day 2023) खासकर पुनर्निर्माण सर्जरी के क्षेत्र में। देश ने कई कुशल सर्जन पैदा किए हैं जिन्होंने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।
5. पारंपरिक चिकित्सा: भारत में पारंपरिक चिकित्सा की एक समृद्ध परंपरा है जिसमें सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी जैसी प्रणालियाँ शामिल हैं। इनका उपयोग सदियों से किया जा रहा है और इसने लोकप्रियता हासिल की है।
डिसक्लेमरः लेख में दी गई जानकारी का मकसद महज रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूक करना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे दवा, उपचार या नुस्खे को आजमाने से पहले संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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