7.5 हजार साल पुराने कद्दू के बीज, किस देस में इजाद हुआ कौनसा बीज, जानिए हैल्‍दी बीजों के अस्तित्‍व की कहानी Read it later

Healthy seeds story: हम इंसान न जाने कितने हजारों साल से कई तरह के बीज का सेवन कर रहे हैं। लेकिन खास बात यह है कि इंसानी जीवन की शुरूआत के कई सालों बाद समझ आया कि ऐसे बीजों में सेहत के कई राज छिपे हैं। छोटे से नजर आने वाले ये बीज कई गुणों से भरपूर और अनाज, दाल और सूखे मेवों से भी ज्यादा सेहत के लिए अत्‍यंत लाभकारी होते हैं। जिन्हें खाने से इंस्‍टेंट एनर्जी, ढेरों विटामिन और मिनरल्स मिलते हैं। यही वजह है कि करीब 10 हजार साल में इन बीजों का इस्तेमाल खाने-पीने से लेकर धार्मिक कर्मकांडों तक में किया जाता रहा है।

What Are Seeds : वेदों पुरणों से लेकर विदेशी सभ्यताओं में इनके गुणों का बड़ा वर्णन किया गया है। कई सभ्यताओं में तो लोगों ने बीजों में अलौकिक शक्ति तक देखी तो कई ने उनमें कई बीमारियों का इलाज खोजा निकाला। न्यूट्रिशनिस्ट कोमल अग्रवाल बताती हैं कि अगर इन बीजों को सही तरीके से खाने में इस्‍तेमाल किया जाए तो खुद को स्वस्थ रखने और बीमारियों से बचने में काफी मददगार साबित होते हैं।

 

Table of Contents

वैजिटेरियन्‍स के लिए अलसी मछली का शानदार विकल्‍प

अलसी की खेती हमारे देश भारत में ही शुरू हुई (Healthy seeds story) और फिर यह हजारों साल पहले ही दुनियाभर में फैल गई। पुरातत्व विशेषज्ञों को बेबीलोन की सभ्‍यता में 3 हजार साल पुराने अलसी के बीज मिले हैं। भारत में अथर्ववेद, चरक संहिता से लेकर सुश्रुत संहिता में अलसी से उपचार का उल्लेख मिलता है। मछली में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड के अलावा अलसी में ओमेगा-6, एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर, प्रोटीन समेत कई विटामिन और मिनरल्स होते हैं। इसमें शरीर की कई बीमारियों को दूर करने की क्षमता होती है।

 

Healthy seeds story

अलसी के बीज के न्‍यूट्रीशन फैक्‍ट्स

  • 150 कैलोरी
  • 8.1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट
  • 5.1 ग्राम प्रोटीन
  • 11.8 ग्राम वसा
  • 7.6 ग्राम आहार फाइबर
  • 0.7 मिलीग्राम मैंगनीज (35 प्रतिशत डीवी)
  • 0.5 मिलीग्राम थायमिन (31 प्रतिशत डीवी)
  • 110 मिलीग्राम मैग्नीशियम (27 प्रतिशत डीवी)
  • 180 मिलीग्राम फास्फोरस (18 प्रतिशत डीवी)
  • 0.3 मिलीग्राम तांबा (17 प्रतिशत डीवी)
  • 7.1 माइक्रोग्राम सेलेनियम (10 प्रतिशत डीवी)

 

बीज हेल्दी फैट, फाइबर और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। ये बीज इम्यूनिटी बूस्टर होने के साथ शरीर को पोषक तत्व भी देते हैं, जिसकी वजह से हमें बीमारियों नहीं घेर पाती हैं। कोमल अग्रवाल, न्यूट्रिशनिस्ट, दिल्‍ली

 

अलसी से बन रहीं हजारों साल से दवाइयां

(Healthy seeds story) भारत से लेकर प्राचीन चीन, ग्रीस और इजिप्ट तक दवाएं बनाने में अलसी का इस्तेमाल करते रहे हैं

अलसी के फायदे- 
डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करे। प्रोस्टेट और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम करे। जोड़ों के दर्द, दांत दर्द से राहत दिलाए । वजन घटाए, जवां बनाए रखे। लिवर दुरुस्त रखे। सर्दी-जुकाम में फायदेमंद है।

कैसे खाएं-
अलसी भूनकर पीस लें। दलिया, दही, स्मूदी, सलाद में खाएं
अलसी के लड्डू भी बनाकर खा सकते हैं

नुकसान-
एलर्जी, डिप्रेशन, लो ब्लड शुगर या लो ब्लड प्रेशर की समस्या है तो अलसी न खाएं
ज्यादा खाने से कब्ज, दस्त, डायरिया हो सकता है

 

चीया सीड्स खाकर योद्धा अपनी ताकत में इजाफा करते थे

लगभग 5500 साल से (Healthy seeds story) इंसान चिया सीड्स यानी सब्जा का सेवन करता आ रहा है। प्राचीन माया सभ्यता में इसका उपयोग दवाओं, तेलों, सौंदर्य प्रसाधनों और धार्मिक अनुष्ठानों में प्रसाद के रूप में किया जाता था। (Healthy seeds story) कई प्राचीन सभ्यताओं में लोगों का मानना था कि चिया बीज खाने से उन्हें अलौकिक शक्तियां प्राप्त होती हैं। इन बीजों को योद्धा और अन्‍य शारीरिक श्रम करने वाले लोग अपनी ताकत बढ़ाने के लिए खाते थे। चिया सीड्स में कैलोरी, प्रोटीन, मोनोअनसैचुरेटेड फैट, ओमेगा-3, फाइबर, थायमिन, मैग्नीशियम, मैंगनीज, एंटीऑक्सीडेंट, फॉस्फोरस होता है।

 

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सुपर एथलीट्स की तेज रफ्तार का राज चिया सीड्स

मेक्सिको की तराहुमारा जनजाति अपने एथलीट्स के लिए फेमस है। तेज रफ्तार से दौड़ने वाले ये एथलीट चिया सीड्स से बनी ड्रिंक पीते हैं।

चिया सीड्स के फायदे
दिल की बीमारियों, कैंसर से बचाता है । त्वचा- हड्डियों के लिए फायदेमंद है। भूख घटाए, वजन कम करने में कारगर। डायबिटीज से बचाए। अच्छी नींद लाए। प्रेग्नेंसी में भ्रूण के रेटिना, ब्रेन के विकास में मददगार है।

कैसे खाएं
पानी में चिया सीड्स भिगोकर खाएं
दही, स्मूदी, सूप, दलिया में इसका पाउडर डाल सकते हैं

नुकसान क्‍या
ज्यादा खाने से पेट से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं
चिया सीड्स से खून पतला होता है, सर्जरी के बाद न खाएं

 

भांग से महादेव का अभिषेक, बीजों से इंसानी औषधियोंं का निर्माण

प्राचीन काल (Healthy seeds story) से ही भगवान शिव को भांग चढ़ाई जाती रही है। पुरातकाल से लेकर अब भी औषधि में भांग के बीज और पत्तियों का उपयोग किया जाता है। कहा जाता है कि कैनबिस यानी भांग मूल रूप से चीन में इसकी पहली बार पैदावार हुई। यहां से यह दवा के रूप में दुनिया के बाकी हिस्सों में यह भांग फैली। (Healthy seeds story) भांग के बीज के फायदों की बात करें तो चीनी सम्राट शेंनोंग के करीब 4,000 साल पुराने दस्तावेजों में भी इसका जिक्र मिलता है। भांग में फाइबर, प्रोटीन, मैग्नीशियम, जिंक, विटामिन-बी-1 और ई के साथ कई प्रकार के मिनरल्‍स की शक्ति भी इसमें मौजूद होती है।

 

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 भांग के बीज के न्‍यूट्रीशन फैक्‍ट्स

  • 161 कैलोरी
  • 3.3 ग्राम कार्बोहाइड्रेट
  • 9.2 ग्राम प्रोटीन
  • 12.3 ग्राम वसा
  • 2 ग्राम आहार फाइबर
  • 2.8 मिलीग्राम मैंगनीज (140 प्रतिशत डीवी)
  • 15.4 मिलीग्राम विटामिन ई (77 प्रतिशत डीवी)
  • 300 मिलीग्राम मैग्नीशियम (75 प्रतिशत डीवी)
  • 405 मिलीग्राम फास्फोरस (41 प्रतिशत डीवी)
  • 5 मिलीग्राम जिंक (34 प्रतिशत डीवी)
  • 3.9 मिलीग्राम लोहा (22 प्रतिशत डीवी)

 

भांग के बीज में एंटी-कैंसर तत्व, हजारों साल से बचा रहे इंसान

प्राचीन भारत, चीन, ग्रीस, रोम से लेकर असीरियन सभ्यता तक भांग का इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में होता रहा है।

भांग के बीज के फायदे
सूजन, ट्यूमर, अल्सर और कैंसर से बचाने में कारगर | डायबिटीज, दिल के रोगों, हाई बीपी का खतरा कम होता है। पीरियड्स दर्द और मेनोपॉज में फायदेमंद। पाचन सुधारने और त्वचा रोगों के इलाज में मददगार।

कैसे खाएं
भांग के बीज भिगोकर दही, सलाद, चटनी में खा सकते हैं
इन्हें पानी, दूध या दलिया में मिलाकर पी सकते हैं

नुकसान
भांग की लत है, तो इसके बीज न खाएं। प्रेग्नेंसी में खाने से अबॉर्शन का खतरा |
ज्यादा इस्तेमाल करने से दिमाग से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं

 

पुरातत्‍व विशेषज्ञों को साढ़े 7 हजार साल पुराने कद्दू के बीज मेक्सिको में मिले (Healthy seeds story)

(Healthy seeds story) पुरातत्‍व विशेषज्ञों को मेक्सिको में 7.5 हजार साल पुराने कद्दू के बीज मिले हैं। पुरी दुनिया के कल्‍चर में कद्दू के साथ इसके बीजों को भी खाने का रिवाज है। किसी ने इससे दवाई बनाई तो कहीं ये बीज नाश्ते का हिस्सा हैं। फूड एक्‍सपर्ट्स की मानें तो एक कद्दू में लगभग 500 बीज पाए जाते हैं और प्रत्येक बीज पोषक गुणों से भरपूर होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, प्रोटीन, फोलेट, फाइबर, जिंक समेत कई तरह के विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं।

 

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कद्दू के बीज के न्‍यूट्रीशन फैक्‍ट्स

  • 151 कैलोरी
  • 5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट
  • 6.9 ग्राम प्रोटीन
  • 12.8 ग्राम वसा
  • 1.1 ग्राम आहार फाइबर
  • 0.8 मिलीग्राम मैंगनीज (42 प्रतिशत डीवी)
  • 150 मिलीग्राम मैग्नीशियम (37 प्रतिशत डीवी)
  • 329 मिलीग्राम फास्फोरस (33 प्रतिशत डीवी)
  • 4.2 मिलीग्राम लोहा (23 प्रतिशत डीवी)
  • 0.4 मिलीग्राम कॉपर (19 प्रतिशत डीवी)
  • 14.4 माइक्रोग्राम विटामिन के (18 प्रतिशत डीवी)
  • 2.1 मिलीग्राम जिंक (14 प्रतिशत डीवी)

 

रोज एक मुट्ठी कद्दू के बीज रखेंगे तंदुरुस्त

(Healthy seeds story) भारत से अमेरिका की प्राचीन सभ्यताओं तक में कद्दू के बीज खाने और दवाओं में यूज होते रहे हैं

कद्दू के बीज के फायदे
आंखों, दिमाग, दिल, हड्डियों, त्वचा और पाचन तंत्र के लिए हेल्दी। मोटापा, एनीमिया से बचाए । ब्लड प्रेशर, डायबिटीज कंट्रोल में रखे । तनाव, गठिया, ब्लैडर स्टोन में फायदेमंद। गुड कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ाए।

कैसे खाएं
रोज एक मुट्ठी कच्चे, अंकुरित या भुने कद्दू के बीज नाश्ते में खाएं
सब्जियों और सलाद में भी खा सकते हैं

नुकसान
ज्यादा खाने से पेट में गैस, दर्द, ऐंठन, कब्ज हो सकता है
पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होने से हाइपरकैलेमिया का खतरा

 

300 साल पहले रूस पहुंचा सूरजमुखी,नीदरलैंड के राजा ने पहली बार देखा था

17वीं सदी में रूस के सम्राट पीटर द ग्रेट ने पहली बार नीदरलैंड में सूरजमुखी का पुष्‍प देखा था। सम्राट को ये फूल इतने पसंदीदा लगे कि वह उन्हें अपने साथ रूस ले गया। जब रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया तो ये फूल उसके विरोध का प्रतीक बने। युद्ध का विरोध करने वाले लोग सूरजमुखी लेकर सड़कों पर उतर आए। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, जिंक समेत कई तरह के विटामिन पाए जाते हैं।

 

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58 साल पहले भारत में शुरू हुई सूरजमुखी की खेती

(Healthy seeds story) अमेरिका में 5 हजार साल से सूरजमुखी की खेती हो रही है। भारत में वनस्पति घी बनाने के लिए 1965 में इसकी खेती शुरू हुई

सूरजमुखी के बीज के फायदे
ब्रेस्ट कैंसर, डायबिटीज से बचाए। ये घाव भरने में मददगार होता है। सूजन, कब्ज दूर करे। त्वचा चमकाए । बाल झड़ना रोके। एनर्जी से भरपूर। दिल, दिमाग और हड्डियों के लिए फायदेमंद है।

कैसे खाएं
सूरजमुखी के बीज छीलकर कच्चा या भूनकर खा सकते हैं सलाद, सैंडविच, पास्ता में डालें

नुकसान
अस्थमा समेत कई तरह की एलर्जी हो सकती है
छिलका खाने से पेट दर्द, उल्टी की समस्या हो सकती है

 

अफ्रीकी तरबूज 1300 साल पहले भारत आया

(Healthy seeds story) तरबूज मूल रूप से अफ्रीका में उत्पन्न हुए, फिर प्राचीन मिस्र और दुनिया के बाकी हिस्सों में फैल गए, लेकिन भारत को तरबूजों के लिए हजारों साल इंतजार करना पड़ा। भारतीयों ने इसे पहली बार 7वीं शताब्दी में चखा था। तरबूज 300 साल बाद चीन और यूरोप पहुंचे। जिंक, नियासिन, कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम और सोडियम पाया जाता है।

 

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image courtesy | eatier

 

प्राचीन इजिप्ट में तरबूज का शाही रुतबा

(Healthy seeds story) इजिप्ट में 5 हजार साल पहले तरबूज की खेती होती थी। पिरामिड में फैरोहो राजवंश के राजाओं की कब्र के साथ तरबूज के बीज रखे जाते थे

तरबूज के बीज के फायदे
स्पर्म क्वॉलिटी सुधारे। दिल, दिमाग और त्वचा के लिए फायदेमंद। नर्वस सिस्टम और पाचन तंत्र के लिए हेल्दी । बढ़ती उम्र का असर कम करे, बिटीज से बचाए । हड्डियां मजबूत बनाए और बालों को

कैसे खाएं
तरबूज के बीज कच्चे
या फिर सलाद, ब्रेड, पोहा नमकीन में डालकर खा सकते हैं
इनका इस्तेमाल मिठाइयों में भी होता है

नुकसान
ज्यादा खाने से डायरिया, जी मिचलाने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं
किडनी की समस्या है तो न खाएं। पोटैशियम लेवल बढ़ सकता है

 

मिस्र और रोम में बनता था खसखस से तेल, केक और शराब

(Healthy seeds story) सुमेरियन, मिस्र, यूनान, रोम से लेकर हर प्राचीन साम्राज्य तक पोस्ता को बेहद कीमती माना जाता था। इन जगहों पर इसकी खेती तेल, खली और शराब के लिए की जाती थी। खसखस और अफीम एक ही पौधे से पैदा होते हैं, लेकिन खसखस व्यसनी नहीं होता। कैलोरी, प्रोटीन, फैट, फाइबर, कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन, जिंक, विटामिन-ई से भरपूर।

 

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खसखस के बीज के न्‍यूट्रीशन फैक्‍ट्स

  • 147 कैलोरी
  • 7.9 ग्राम कार्बोहाइड्रेट
  • 5 ग्राम प्रोटीन
  • 11.6 ग्राम वसा
  • 5.5 ग्राम आहार फाइबर
  • 1.9 मिलीग्राम मैंगनीज (94 प्रतिशत डीवी)
  • 403 मिलीग्राम कैल्शियम (40 प्रतिशत डीवी)
  • 97.2 मिलीग्राम मैग्नीशियम (24 प्रतिशत डीवी)
  • 244 मिलीग्राम फास्फोरस (24 प्रतिशत डीवी)
  • 0.5 मिलीग्राम कॉपर (23 प्रतिशत डीवी)
  • 0.2 मिलीग्राम थायमिन (16 प्रतिशत डीवी)
  • 2.2 मिलीग्राम जिंक (15 प्रतिशत डीवी)
  • 2.7 मिलीग्राम लोहा (15 प्रतिशत डीवी)

मुगलकाल में शुरू हुई खसखस की खेती

(Healthy seeds story) मेसोपोटामिया में 5 हजार साल पहले खसखस का इस्तेमाल शुरू हुआ। मुगलकाल में 16वीं सदी के दौरान भारत में इसकी खेती शुरू हुई

खसखस के बीज के फायदे
दिल, दिमाग, हड्डियों, आंखों के लिए फायदेमंद। एनर्जी से भरपूर | कई तरह के कैंसर का खतरा कम करे। कैंसर, थायराइड, डायबिटीज, किडनी स्टोन से बचाए । महिला की प्रजनन क्षमता, पाचन तंत्र और नींद सुधारे।

कैसे खाएं
ग्रेवी गाढ़ी करने के लिए खसखस के बीज डालते हैं
ब्रेड, टोल, सलाद, पेस्ट्री का जायका बढ़ाता है

नुकसान
एलर्जी, कब्ज, जी मिचलाने जैसी समस्याएं हो सकती हैं
ज्यादा खाने से नींद आएगी और काम में मन नहीं लगेगा

 

8 हजार साल पुराना है अनार का इतिहास

(Healthy seeds story) रिसर्च के अनुसार अनार की खोज करीब 8 हजार साल पहले ईरान देश के आसपास हुई थी। जब इसे इसके गुणों के बारे में इंसानों केा पता चला तो इसे बादशाहों के खाने में शामिल किया जानें लगा। रोम से लेकर भारत तक अनार के दानों से दवाइयां और तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते थे। अनार के बीज फोलेट, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, प्रोटीन, पोटेशियम और कई विटामिन से भरपूर होते हैं।

 

pomegranate seeds

 

अनार के बीज के न्‍यूट्रीशन फैक्‍ट्स

  • 72 कैलोरी
  • 16.3 ग्राम कार्बोहाइड्रेट
  • 1.5 ग्राम प्रोटीन
  • 1 ग्राम वसा
  • 3.5 ग्राम आहार फाइबर
  • 14.3 माइक्रोग्राम विटामिन के (18 प्रतिशत डीवी)
  • 8.9 मिलीग्राम विटामिन सी (15 प्रतिशत डीवी)
  • 33 माइक्रोग्राम फोलेट (8 प्रतिशत डीवी)
  • 205 मिलीग्राम पोटेशियम (6 प्रतिशत डीवी)
  • 0.07 मिलीग्राम विटामिन बी6 (4 प्रतिशत डीवी)
  • 31 मिलीग्राम फास्फोरस (3 प्रतिशत डीवी)

 

प्रजनन क्षमता का प्रतीक अनार

(Healthy seeds story) 2100 साल पहले फोनिशिया साम्राज्य पर हमला करने पहुंचे रोम के योद्धा वहां से अनार लेकर इटली लौटे। प्राचीन ग्रीस और रोम में अनार को प्रजनन क्षमता का प्रतीक मानते थे

अनारदाना के फायदे
कैंसर से बचाए, वजन और ब्लड प्रेशर कंट्रोल करे। सूजन और जोड़ों के दर्द में राहत दिलाए, खून बढ़ाए। कब्ज, गैस और अपच जैसे पेट के रोगों में अनारदाना फायदेमंद है। अल्जाइमर, ल्यूकेमिया और ट्यूमर से बचाने में मददगार

कैसे खाएं
अनारदाने से चटनी, सूप, शर्बत बनता है
इसके पाउडर से बनीं खट्टी-मीठी गोलियां पाचन के लिए फायदेमंद

नुकसान
ज्यादा खाने से पेट से जुड़ी समस्याएं और ब्लड प्रेशर कम हो सकता है
एसिडिटी और सर्दी-खांसी में अनारदाना खाने से परहेज करें

 

प्रेग्नेंसी के बाद हलीम खिलाने से मां को ताकत मिलती है

(Healthy seeds story) हलीम को चमसूर और चंद्रशूर के नाम से भी पुकारा जाता है। इसकी खेती प्राचीन मिस्र में शुरू होने लगी और धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैलीी। प्रसव के बाद इसके बीजों को घी में भूनकर शक्कर के साथ मां को खिलाने से मां को ताकत मिलती है। हलीम में प्रोटीन, फाइबर, पोटैशियम, कैल्शियम, विटामिन ए और कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है।

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हलीम के बीज खाकर बना रहे मसल्स

(Healthy seeds story) हलीम के बीज वजन घटाते हैं और मांसपेशियां मजबूत करते हैं। इन दिनों जिम जाने वालों के बीच मसल्स बनाने के लिए हलीम के बीज खाने का क्रेज बहुत बढ़ गया है

हलीम के बीज के फायदे
दिल की बीमारी, एनीमिया, इंफेक्शन से बचाते हैं। कब्ज और पेट दर्द से राहत दिलाते हैं। इनमें मौजूद प्रोटीन बॉडी बिल्डर्स के लिए मददगार। इसका पाउडर नींबू के रस में मिलाकर लगाने से सूजन कम होती है।

कैसे खाएं
हलीम के बीज पीसकर सूप, स्मूदी, योगर्ट में डाल सकते हैं
भूनकर लड्डू और बर्फी या फिर आटे में गूंथकर रोटी बना सकते हैं

नुकसान
हाइपरथायराइड और गर्भपात का खतरा । मां बनने वाली महिलाएं न खाएं
पोटैशियम की कमी है तो खाने से बचें। ब्लड प्रेशर लो हो सकता है

 

रामदाना यानी राम का दान किए हुए राजगिर 500 साल पहले अर्जेंटीना से भारत आया

(Healthy seeds story) अमरनाथ यानी चौलाई के बीजों को रामदाना और राजगिरी भी कहा जाता है। एक शोध में अर्जेंटीना में 8 हजार साल पुराने रामदाने के बीज मिले हैं। माना जाता है कि रामदाना 500 साल पहले अफ्रीका के रास्ते होते हुए भारत पहुंचे। विटामिन-ए, बी-6, बी-12, डी और ई के अलावा यह प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस और सोडियम से भरपूर होते हैं।

 

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रामदाना को मानते भगवान राम का वरदान

चौलाई के बीज से बने व्यंजन व्रत में खाते हैं। पौष्टिक तत्वों से भरपूर राजगिरा पहले गरीब लोग खाते थे और इसे भगवान राम का दान मानते थे, जिससे इसे रामदाना नाम मिला

रामदाना के फायदे
कैंसर, एनीमिया, डायबिटीज, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से बचाए । हड्डियों, आंखों के लिए फायदेमंद। वजन, कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करे। दिल, स्किन और बालों के लिए यह फायदेमंद है। गंजापन भी रोकता है।

कैसे खाएं
हलवा, खिचड़ी, लड्डू, में रामदाना डाल सकते हैं।
रामदाना और चीनी की चाशनी से पट्टी बनाकर खा सकते हैं

नुकसान
ज्यादा खाने से पोटैशियम लेवल, ब्लड प्रेशर और किडनी स्टोन का खतरा
फाइबर की मात्रा ज्यादा होने से पेट से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं

 

मिस्र में तूतनखामेन के मकबरे में मिले थी कलौंजी, रोम में यह बीमारी की दवा

(Healthy seeds story) सदियों पहले आई कलाैंजी भारत में दवाई से लेकर चटकारे अचार तक हर चीज का जरूरी हिस्सा बन चुकी है। रोम में इसे हर बीमारी की दवा के रूप में इस्‍तेमाल किया जाता था। कलौंजी को मिस्र में बादशाहों के मकबरों में भी रखा जाता था। यह इससे साबित होता है कि तूतनखामेन की कब्र में कलौंजी भी मिली थी। प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन लिए हुए कलौंजी में एंटीडायबिटिक भरपूूर गुण होते हैं। बालों के लिए तो इसे वरदान माना जाता है।

 

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3 हजार साल से हो रही कलौंजी की खेती (Healthy seeds story)

प्राचीन मिस्र में कलौंजी का इस्तेमाल पाचन क्षमता सुधारने और त्वचा रोगों के इलाज में करते थे । आयुर्वेद में भी इसके फायदे बताए गए हैं

कलौंजी के फायदे
वजन, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करता है। लिवर किडनी के लिए फायदेमंद। कैंसर, इनफर्टिलिटी, सूजन और त्वचा रोगों में कारगर । बाल हेल्दी होते हैं। दिल की बीमारियों से बचाए ।

कैसे खाएं
कलौंजी सब्जी में मसाले के तौर पर डाल सकते हैं
नमकीन, ब्रेड, नान, पुलाव, दाल, अचार में भी डालते हैं

नुकसान
कलौंजी के बीज में मौजूद थाइमोक्विनोन खून जमने से रोकता है
चोट लगने पर कलौंजी खाना नुकसानदेह हो सकता है

 

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