World Malaria Day: दस साल में जानिए कैसे घटे मलेरिया के मरीज, आप भी यूं रखें ध्‍यान Read it later

World Malaria Day: जयपुर जिले में अब मलेरिया दम तोड़ रहा है। जिले में एक हजार पार रहने वाले मलेरिया के केस अब केवल 15 ही हैं। हालांकि अभी भी इसको लेकर सचेत रहने की जरूरत है। क्योंकि इसका सीजन अभी शुरू नहीं हुआ है। आंकड़े देखें तो वर्ष 2013 में मलेरिया के 1001 मामले थे, जो लगातार कम हो रहे हैं। कोराना काल में इसमें बड़ी राहत मिली, क्योंकि उसमें इसका (World Malaria Day) ग्राफ 100 से भी नीचे आया, जो वर्ष 2022 में 14 ही केस रह गए। चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की माने तो, इस साल भी इसमें गिरावट हो सकती है। हालांकि इस साल मलेरिया का मीटर पूरी तरह से चालू नहीं हुआ है। फिलहाल इसका एक ही केस मिला है। हालांकि यह मानसून के सीजन में यह रंग दिखाता है।

दम तोड़ रहा मलेरिया

वर्ष-मरीजों की संख्‍या
2013-1,001
2014-457
2015-356
2016-309
2017-184
2018-128
2019-83
2020-03
2021-13
2022-14
2023-01

 

2025 में आंकड़ा शून्य लाने की तैयारी

जिले में मलेरिया को खात्मे की तैयारी है। इस संबंध में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इसी तरह केसों में गिरावट होती रही तो, वर्ष 2025 तक यहां केस शून्य हो जाएंगे।
सब कुछ ठीक रहा तो, आगामी दो-चार साल में जयपुर जिला मलेरिया मुक्त हो सकता है। मौतों की बात रके तो, मलेरिया से दस साल में जयपुर जिले में केवल तीन ही मौत हुई है।

 

हर सप्ताह मनाए ड्राई-डे

टीम बनाकर सर्वे कराया जा रहा है। लोगों को घर घर जाकर जागरूक कर रहे हैं। फोगिंग करवा रहे हैं। दवा डलवा रहे हैं। लोगों को चाहिए कि वे पानी से भरे कूलर, पानी की टंकियां आदि को साफ रखें।  डॉ. इंदिरा गुप्ता, उप मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी

 

विश्व मलेरिया दिवस का यह है इतिहास

विश्व मलेरिया दिवस मनाने से पहले अफ्रीका में मलेरिया दिवस मनाया गया, जिसके मद्देनजर विश्वभर में मलेरिया दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। इसके बाद साल 2008 से 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

 

विश्व मलेरिया दिवस की थीम Ready To Combat Malaria

विश्व मलेरिया दिवस हर साल एक नई थीम के साथ मनाया जाता है। साल 2023 के लिए थीम ‘Ready To Combat Malaria’ है। इस थीम का मकसद लोगों को मलेरिया से जागरूक करना है।

 

मलेरिया के लक्षण (malaria symptoms)

डब्ल्यूएचओ की मानें तो मलेरिया के सिम्‍पटम्स आमतौर पर संक्रमित मच्छर के काटने के 10-15 दिनों में दिखने लगते हैं। कुछ लोगों में लक्षण हल्के दिखाई देते हैं तो किसी में गंभीर। शुरुआती लक्षण कंपकंपी ठंड लगना, तेज बुखार और सिरदर्द का लक्षण माना जाता है। वहीं बदन दर्द, जी मिचलाना, उल्टी आना, पसीना आना आदि भी इसके लक्षण हो सकते हैं।

वहीं गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई, आंखों व स्किन का पीला पड़ना, ज्‍यादा थकावट, पेशाब में खून आना, असामान्य रक्तस्राव, स्मृति समस्याएं आदि हो सकती हैं। संक्रमण को गंभीर होने से रोका जा सकता है, लक्षण दिखने पर मरीज को तुरंत आपातकाल ले जाना जरूरी है। प्रेग्नेनसी के दौरान मलेरिया का संक्रमण भी समय से पहले प्रसव या जन्म के समय कम वजन वाले बच्चे के जन्म की वजह बन सकता है।

बचाव का तरीका क्या है (malaria prevention)

  • मच्छरदानी लगाकर सोएं व आस-पास सफााई रखें।
  • घर में मॉस्किटो रिपेलेंट का छिड़काव करें।
  • घर के दरवाजों और खिड़कियों पर बारीक जाली का इस्‍तेमल करें।
  • कमरे में एसी और पंखे का प्रयोग करें, क्‍योंकि मच्‍छर ठंडी हवा में जाने से बचते हैं।
  • पूरी बाजू के कपड़े पहनें ताकि आपके शरीर के अंग ढके रहें।
  • ऐसी जगहों पर रहने से बचें जहां झाड़ियां हों या जहां पानी जमा हो क्‍योंकि यही मच्‍छरों को पैदा होने का माहौल मिलता है।

 

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