देश-विदेश के मशहूर न्यूरोलॉजिस्ट और पद्मश्री डॉ. अशोक पनागड़िया की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है. सोशल मीडिया पर गुरुवार रात से ही उनके निधन की अफवाह तेजी से फैलने लगी थी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के सोशल मीडिया पर लोगों के नाम से संदेश भी वायरल हुए, हालांकि बाद में संदेशों को हटा दिया गया. पनागड़िया के करीबी सूत्रों की माने तो उनके फेफड़े काफी हद तक क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। ऐसे में देशभर में उनके और उनके करीबी लोग उनके जल्द ठीक होने की दुआ कर रहे हैं. वहीं, शीर्ष नेफ्रोलॉजिस्ट, पल्मोनोलॉजिस्ट, फिजिशियन समेत देश-विदेश के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम। इसके अलावा खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी उनके स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखे हुए हैं।
25 अप्रैल को आरयूएचएस में भर्ती कराया गया था, तब सीटी स्कोर 17 था
करीबी सूत्रों के अनुसार 24 अप्रैल को डॉ. पनगढ़िया को कावीद के लक्षण महसूस होने लगे, जब उन्होंने जेएलएन मार्ग स्थित एक निजी लैब में जाकर वहां एचआरसीटी करायी. सिटी स्कैन की रिपोर्ट में उनका स्कोर 17 था, जिसके बाद उन्हें खुद 25 अप्रैल को जयपुर के आरयूएचएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा है कि वहां उनकी तबीयत खराब होने के बाद उन्हें जयपुर के जवाहर सर्कल के पास स्थित ईएचसीसी अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया.
वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के 10 दिन बाद तबीयत बिगड़ी
पंगड़ी के करीबी माने जाते हैं तो उन्हें इस बीमारी से करीब 10-12 दिन पहले एसएमएस अस्पताल जाकर कोविशील्ड की दूसरी डोज मिल गई थी। वैक्सीन लगने के कुछ दिनों बाद उन्हें कोविड के लक्षण महसूस हुए और जब उनका परीक्षण किया गया तो कोरोना की पुष्टि हुई। बताया जा रहा है कि पिछले एक साल से उन्होंने अब घर नहीं छोड़ा है। पिछले साल जुलाई 2020 में उनके बेटे की शादी के दौरान सिर्फ 15 लोग ही कार्यक्रम में शामिल हुए थे. उदयपुर में प्रस्तावित शादी समारोह जयपुर में एक छोटे से कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया था। इसके अलावा डॉ. पनागड़िया ने भी पिछले एक साल से (कोविड शुरू होने के बाद से) मरीजों को देखना बंद कर दिया था, केवल मरीजों की ऑनलाइन काउंसलिंग की जा रही थी।
2014 में पद्म श्री और 2002 में डॉ. बीसी रॉय पुरस्कार से नवाजे गए
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