Ram Mandir: अयोध्या के राम मंदिर के लिए 100 से ज्यादा भव्य दरवाजों को तेलंगाना के हैदराबाद में तैयार किए जा रहा है। बता दें कि महाराष्ट्र की सागौन या सागवान (टीकवुड) की लकड़ी के इन दरवाजों को नागर शैली में डिजाइन तैयार किया जा रहा है। यह मंदिर वास्तुकला की उत्तर भारतीय शैली है। इसमें नक्काशी के जरिए कमल, मोर और अन्य पक्षियों के चित्र उकेरे जाते हैं।
दरवाजे तैयार कर रही हैदराबाद की कंपनी की मानें तो 18 दरवाजे करीब-करीब बनकर तैयार हैं। बाकी भी 10-15 दिन में पूरे हो जाएंगे। दरवाजों के साथ राम मंदिर के लिए 100 से ज्यादा खिड़कियां भी तैयार की जा रहीं हैं। राम मंदिर के गर्भ गृह के 14 दरवाजे विशेष रूप से आकर्षक होंगे। इन घुमावदार दरवाजों पर तांबे की परत चढ़ाई जा रही है। बाद में इन्हें स्वर्ण जड़ित किया जाएगा। इन पर वैभव के प्रतीक गजराज, कमल और स्वागत मुद्रा में देवी के चित्र होंगे। ये दरवाजे आठ फीट ऊंचे, 12 फीट चौड़े और छह इंच मोटे होंगे। इन्हें कन्याकुमारी के कारीगर तैयार कर रहे हैं। दरवाजों की कोटिंग का काम दिल्ली में होगा।
तीन हजार साल तक सलामत रहेंगे द्वार
सागौन की लकड़ी 3,000 साल तक चलने के लिए जानी जाती है। इस पर मौसम और दीमक का असर नहीं होता। सर्वोत्तम लकड़ी चुनने के लिए महाराष्ट्र के बल्हारशाह जंगल में सागौन के ऐसे पेड़ खंगाले गए, जो 100 साल पुराने हों। पेड़ मिलने के बाद यह भी परखा गया कि उनकी लकड़ी में दरारें, गांठें और ज्यादा रस नहीं हो। बेहतरीन पेड़ों की लकड़ी राम मंदिर के दरवाजों के लिए चुनी गई।
महर्षि वाल्मीकि के नाम पर होगा अयोध्या का एयरपोर्ट (Maharishi Valmiki International Airport)
अयोध्या रेलवे स्टेशन के बाद अब अयोध्या के एयरपोर्ट का नाम भी बदल दिया गया है। अब इसे ’महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, अयोध्या धाम’ के नाम से जाना जाएगा। अभी तक इसका नाम मर्यादा पुरुषोत्तम राम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस एयरपोर्ट का उद्घाटन 30 दिसंबर को करेंगे।
प्राण प्रतिष्ठा के बाद देशभर से श्रद्वालु और स्वयंसेवक दर्शन के लिए पहुंचेंगे अयोध्या
गौरतलब है कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir inauguration) में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा 4,000 से अधिक संत और 2,500 “प्रतिष्ठित नागरिक” मौजूद रहेंगे। इसके बाद देश के विभिन्न राज्यों से आरएसएस से जुड़े संगठनों के स्वयंसेवक भी राम मंदिर के दर्शन करने पहुंचेंगे। वहीं काशी क्षेत्र से करीब 25 हजार स्वयंसेवक 30 जनवरी को अयोध्या पहुंचने वाले हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, देहरादून में एक आरएसएस पदाधिकारी ने कहा कि कई प्रमुख मंदिर देवभूमि उत्तराखंड में स्थित हैं, जोकि ज्यादातर एक पहाड़ी राज्य है, ऐसे में हमें इन मंदिरों में अक्षत वितरित करने, पूजा आयोजित करने और राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की लाइव-स्ट्रीमिंग करने की जरूरत होगी। इसके लिए 1,000 से अधिक स्वयंसेवकों की जरूरत होगी।
शनिवार को पीएम मोदी करेंगे 8KM तक रोड शो, संत-महंत करेंगे स्वागत और पुष्पवर्षा
प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir pranpratishtha) से पहले प्रधानमंत्री मोदी 30 दिसंबर यानी कल शनिवार को अयोध्या पहुंच रहे हैं। वे महर्षि वाल्मिकी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रेलवे स्टेशन तक 8 किमी लंबा रोड शो निकालेंगे। रोड शो के दौरान 51 स्थानों पर पीएम के भव्य स्वागत और पुष्पवर्षा की व्यवस्था होगी. इसमें 12 स्थानों पर संत-महंत द्वारा उनका स्वागत किया जाएगा।
वहीं 21 संस्कृत विद्यालयों के 500 वैदिक विधार्थी वेद मंत्रों और शंख ध्वनि से स्वागत करेंगे। रोड शो स्थलों को फूलों से सजाया गया है। इसी तरी सुरक्षा के लिहाज से ड्रोन से शहर की निगरानी की जा रही है। पीएम का ये तीसरा अयोध्या दौरा है. पीएम पहली बार 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर के भूमि पूजन में शामिल हुए थे। इसके बाद 23 अक्टूबर 2022 को दीपोत्सव समारोह में शिरकत की थी।
पीएम के दौरे से पहले सीएम योगी शुक्रवार दोपहर अयोध्या पहुंचे। यहां से सबसे पहले हनुमानगढ़ी और राम जन्मभूमि पर दर्शन-पूजन किया। वहीं उन्होंने अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन, श्रीराम एयरपोर्ट और जनसभा स्थल का निरीक्षण किया।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण पर विपक्षी दलों की स्थिति
मंदिर उद्घाटन में नहीं आएंगी ममता बनर्जी, नीतीश-लालू के आने पर भी संशय!
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी रामलला के प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कार्यक्रम में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से कोई भी हिस्सा नहीं लेगा. हालांकि टीएमसी की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन पार्टी पहले ही इसे राजनीतिक घटना बता चुकी है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से सभी मुख्यमंत्रियों और बड़े नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कार्यक्रम में कौन-कौन से नेता शामिल होंगे। चर्चा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।
सीताराम येचुरी ने निमंत्रण ठुकरा दिया
वहीं, सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी ने रामलला के अभिषेक का निमंत्रण ठुकरा दिया है. उन्होंने कहा- धर्म एक निजी पसंद है, जिसका इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए नहीं किया जाना चाहिए. उनकी पार्टी ने एक धार्मिक कार्यक्रम को राज्य प्रायोजित कार्यक्रम बनाने के लिए भाजपा और आरएसएस की निंदा करते हुए एक्स पर पोस्ट किया है।
डिंपल यादव ने कहा- अगर न्योता मिला तो जरूर जाऊंगी.
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा कि अगर उन्हें निमंत्रण मिलेगा तो वह जरूर जाएंगी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह स्वास्थ्य कारणों से इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे। मंदिर ट्रस्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी को भी निमंत्रण भेजा है. हालांकि, इन नेताओं ने अभी तक कार्यक्रम में शामिल होने पर सहमति नहीं जताई है।
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