झारखंड के हैल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता मंगलवार को रांची के सदर अस्पताल का मुआयना करने पहुंचे थे। हॉस्पिटल से निकलते वक्त वे खुद ही शर्मसार हो गए, क्योंकि जिस व्यवस्था का मुआयना करने वे पहुंचे थे उस व्यवस्था की अपाहिजता वे मरीज की मौत के रूप में देख रहे थे। जब मंत्री महोदय अस्पताल परिसर में मरीजों का हाल चाल जान रहे थे तो उसी समय अस्पताल स्टाफ मंत्री जी की जी हुजूरी में व्यवस्त था और उसी समय हॉस्पिटल के बाहर मरीज ने इलाज ने मिल पाने के कारण दम तोड़ दिया।
डॉक्टर डॉक्टर चिल्लाते रह गए लेकिन कोई डॉक्टर नहीं आया….
राँची के सदर अस्पताल में एक बेटी का ग़ुस्सा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री पर फुट पड़ा क्योंकि सरकार और प्रशासन की लापरवाही के कारण इस बेटी ने अपने पिता को खो दिया.
आखिर कब अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगें मुख्यमंत्री जी? pic.twitter.com/qJDMKUR0Oj
— Deepak Prakash (@dprakashbjp) April 13, 2021
स्वास्थ्य मंत्री जब हॉस्पिटल से बाहर आए तो पिता का शव स्ट्रैचर पर लिए खड़ी बेटी ने मंत्रीजी को इतनी खरी खोटी सुनाई की मंत्रीजी कुछ बोलता न बना।
पिता को खो चुकी बेटी ने मंत्री गुप्ता के सामने चिल्लाते हुए कहा कि मंत्री जी यही मैं डॉक्टर डॉक्टर चिल्लाती रही…. लेकिन कोई डॉक्टर नहीं आया…. क्या आप मेरे पिता की जान वापस ला सकते हैं…. इस दौरान आसपास के लोग मृतक पिता की बेटी को ढांढस बंधाते रहे… लेकिन वो चिल्लती रही।
कोविड के मरीज थे,कहीं बैड नसीब नहीं हुआ
मृतक पवन गुप्ता की तबीयत ज्यादा खराब होने पर परिजन उन्हें हजारीबाग से रांची लेकर पहुंचे थे, लेकिन यहां कई अस्पतालों के चक्कर काटते रहे, लेकिन कहीं उन्हें बैड नहीं मिला। आखिरकार वे सदर अस्पताल पहुुंचे लेकिन यहां तो मंत्रीजी की खिदमत में पूरा अमला लगा पड़ा था…. और वे बाहर इलाज न मिलने के कारण तड़पते रहे और दम तोड़ दिया।
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