विजय रुपाणी के रिजाइन के 24 घंटे के भीतर ही गुजरात के नए मुख्यमंत्री पर निर्णय हो गया। बीजेपी ने फिर से भूपेंद्र रजनीकांत पटेल को गुजरात का मुखिया चुनकर राजनीतिक हलके को चौंका दिया। ऐसा इसलिए क्योंकि पहली बार विधायक बने पटेल का नाम मुख्यमंत्री की रेस में दूर दूर तक नहीं था। विधायक दल की बैठक के बाद पार्टी के पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर ने भूपेंद्र पटेल के नाम की घोषणा की।
गुजरात भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद भूपेंद्र पटेल ने कहा कि मैं नरेंद्र भाई मोदी, अमित शाह और राष्ट्रयी अध्य़क्ष जेपी नड्डा का हृदय से धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि हम उन विकास कार्यों को आगे बढ़ाएंगे जो रुके हुए हैं। हम संगठन शक्ति के साथ आगे बढ़ेंगे। इसके बाद भूपेंद्र पटेल ने राज्यपाल से मुलाकात की।
डिप्टी सीएम का पद फिलहाल होल्ड पर
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने बताया कि भूपेंद्र रजनीकांत पटेल सोमवार को गुजरात के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। उनके साथ कोई और शपथ नहीं लेगा, क्योंकि उपमुख्यमंत्री के नाम पर अभी फैसला नहीं हुआ है। शपथ ग्रहण समारोह दोपहर 2.20 बजे राजभवन में होगा।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले विजय रूपाणी ने विधायक दल की बैठक में भूपेंद्र भाई पटेल के नाम का प्रस्ताव रखा। डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने इसका समर्थन किया। इसके बाद विधायक दल ने पटेल के नाम को मंजूरी दी।
घाटलोडिया सीट पर रिकॉर्ड 1.17 लाख वोटों से जीत हासिल की थी
2017 के विधानसभा इलेक्शन में भूपेंद्र पटेल ने अहमदाबाद जिले की घाटलोडिया सीट पर रिकॉर्ड 1.17 लाख वोटों से जीत हासिल की थी। उन्हें 1.75 लाख से ज्यादा वोट मिले थे। उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के शशिकांत पटेल को उस दौरान चुनाव में केवल 57,902 वोट मिल पाए थे। पहली बार विधायक बने पटेल को अब पार्टी ने प्रदेश की कमान सौंपी दी है।
आनंदीबेन की सलाह पर विधायक का टिकट मिला था
गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ने से मना किया था।ि जसके बाद बाद उनके कहने पर ही भूपेंद्र रजनीकांत पटेल को घाटलोडिया सीट से टिकट का उम्मीदवार चुना गया। वह अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण (AUDA) के चेयरमैन और अहमदाबाद नगर निगम (AMC) की स्थायी समिति के अध्यक्ष भी रहे हैं।
ऐसे जीते सीएम की रेस
भुपेंद्र रजनीकांत को सीएम चुने जाने का कारण यह भी है कि पटेल हमेशा लो प्रोफाइल ही रहे हैं, लेकिन पाटीदार समाज में उनकी अच्छी पैठ है। इसी खूबी ने उन्हें इस रेस में सबसे आगे खड़ा कर दिया। साथ ही आरएसएस से उनका लंबा जुड़ाव और पार्टी कार्यकर्ताओं के लगातार संपर्क में रहना भी उनके पक्ष में गया। उन्हें मोदी-शाह की गुड बुक में शामिल माना जाता है।
15 जुलाई 1962 को जन्मे भूपेंद्र पटेल के पास सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा है। वह कदवा पाटीदार समाज के नेता हैं। भुपेंद्र राज्य की मुख्यमंत्री रहीं और वर्तमान में यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की करीबी माने जाते हैं। भूपेंद्र पटेल को उनके निर्वाचन क्षेत्र के कार्यकर्ता प्यार से ‘दादा’ कहते हैं।
परिवार को सीएम बनने की खबर मीडिया के जरिए मिली
भूपेंद्र पटेल की बहू देवांशी पटेल ने ससुर के मुख्यमंत्री के चुने जाने पर कहा कि आज का दिन हमारे लिए दिवाली के समान है। इसकी कभी उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि यह हमारे परिवार के लिए हैरान करने वाली बात है। हमें भी न्यूज देखने के बाद इस बारे में पता चला।
नगर पालिका अध्यक्ष से लेकर मुख्यमंत्री तक का सफर ऐसे तय किया
- भूपेंद्र भाई 1999 से 2000 और 2004 से 2005 तक मेमनगर नगर पालिका के अध्यक्ष रहे।
- वह 2010 से 2015 तक अहमदाबाद नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष थे।
- वह 2015-17 के दौरान अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण (ODA) के अध्यक्ष थे।
- 2017 में पहली बार घाटलोडिया सीट से विधायक बने। उन्होंने 1 लाख से अधिक मतों से जीत हासिल की थी।
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