Congress Party President:कांग्रेस प्रेसिडेंड इलेक्शन (congress party president election 2022) के नामांकन में अब गिनती के दिन हैं‚ पार्टी की पूरी टॉप लीडरशिप मौजूदा समय में राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ (Bharat Jodo Yatra) में खप रही है। इस बीच अंदरखाने से खबर आ रही है कि पार्टी हाईकमान ने अध्यक्ष पद के लिए उम्ममीदवारी के तौर पर राजस्थान के सीएम अशाेक गहलोत (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) के नाम पर मुहर लगा दी है। लेकिन ये पिक्चर यहीं समाप्त नहीं हो रही है‚ बल्कि कांग्रेस पार्टी का ये पॉलिटिकल ड्रामा तो अब शुरू होगा।
दरअसल खबर है कि अशोक गहलोत के सामने पार्टी के अन्य कद्दावर नेता शशि थरूर या जी-23 का कोई अन्य बड़ा और गहलोत की टक्कर का अनुभवी नेता अध्यक्ष पद (Congress Party President) के लिए खड़ा हो सकता है। हालाकि ये कयास है‚ लेकिन यदि ऐसा हुआ तो काफी समय बात ऐसी पिक्चर दिखेगी जिसमें कांग्रेस को अपनी ही पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराना पड़ रहा हो। कांग्रेस के इतिहास में झांकें तो ऐसी स्थिति सिर्फ दो बार बनी थी। जब पार्टी में ही बागी होकर चुनाव लड़ा और उनके खाते में जीत आई।
बागी होकर कौन अध्यक्ष पद पर काबिज हुएॽ
दरअसल नेताजी सुभाष चंद्र बोस और पुरुषोत्तम दास टंडन बागी होकर पार्टी में अध्यक्ष पद (Congress Party President) पर जीत गए थे। इस स्थिति में भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को महात्मा गांधी का विरोध झेल पीछे हटना पड़ा तो वहीं इसी तरह पुरुषोत्तम दास टंडन को नेहरू के विरोध का सामना करना पड़ा था। बहरहाल कांग्रेस सूत्रों की मानें तो आलाकमान गहलोत की उम्मीदवारी को परफेक्ट मानता है।
ऐसा इसलिए क्योंकि पार्टी हाइकमान को लगता है कि गैर- गांधी फेस के तौर गहलोत सही उम्मीदवार होंगे और दूसरी वजह ये कि वे ओबसी कम्यूनिटी से हैं। वहीं तीन बार राजस्थान के सीएम पद पर काबिज रहते हुए राष्ट्रीय स्तर पर उनका कद बड़ा हो चुका है। (Congress Party President) वहीं तीसरी वजह ये कि गांधी परिवार में चाहे सोनिया या राहुल गांधी हों या प्रियंका गांधी तीनों से उनके बेहतर संबंध हैं। ऐसे में हाइकमान उनकी उम्मीदवार पर पूरी तरह से संतुष्ट है।
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गहालोत पार्टी अध्यक्ष बने तो राजस्थान की कांग्रेस इकाई में आ सकता है संकटॽ
ऐसी चर्चाएं भी हैं कि 24 से 30 सितंबर के बीच सीएम अशोक गहलोत अपना पार्टी अध्यक्ष (Congress Party President) के तौर पर अपना नाम आगे दे सकते हैं। ऐसा हुआ तो कांग्रेस प्रदेश इकाई के सभी बड़े नेता इस स्थिति पर टकटकी लगाएं बैठे हैं कि गहलोत के बाद राजस्थान में सीएम की कुर्सी किसे मिलेगी।
हालांकि सचिन पायलट के नाम की चर्चा तो खूब हो रही है‚ लेकिन अशोक गहलोत भी राजनीति के धुरंधर माने जाते हैं‚ गहलोत अंतिम समय में अपने पत्ते खोल कर हैरान करने के लिए जाने जाते हैं। दूसरी ओर गहलोत अपने विश्वासपात्र को उत्तराधिकारी नियुक्त करना चाह रहे हैं।
यदि ये स्थिति आई तो हो सकता है कि राजस्थान में सीएम की कुर्सी को लेकर बड़ा बवाल देखने को मिले। वहीं ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि राजस्थान में सिचुएशन को बैलेंस करने के लिए आलाकमान अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को नए सीएम के अंडर में किसी पद पर काबिज कर दें।