Rajya Sabha Election 2022: जिन 57 राज्यसभा सीटों पर चुनाव प्रस्तावित थे, उनमें से 41 सीटें तय हो चुकी हैं। 15 में से 11 राज्यों में सांसद निर्विरोध चुने गए। अब 10 जून को महाराष्ट्र की 6, राजस्थान और कर्नाटक की 4-4 और हरियाणा की 2 सीटों पर मतदान होना है। राज्यसभा चुनाव के नतीजे भी उसी दिन घोषित कर दिए जाएंगे। अब इन 4 राज्यों में राज्यसभा की लड़ाई इतनी भी आसान नहीं होने वाली है। बीजेपी हो या कांग्रेस या शिवसेना-NCP या जद (एस) सभी को डर सता रहा है कि कहीं एमएलए 10 जून को इधर उधर न हो जाएं।
एक बात तो खास है राज्यसभा के चुनाव हमेशा विधायकों के लिए रिजॉर्ट या होटल्स की सैर का मौका लेकर आते हैं। यहां विधायक खूब मौज मस्ती करते हैं, इसे उनकी भाषा में क्वालिटी टाइम स्पेंड करना कहा जाता सकता है। बहरहाल! इस चुनाव में साम, दाम, दंड, भेद… हर तिकड़म लगाया जाता है। 2022 का राज्यसभा चुनाव भी कोई अलग नहीं हैं। समझिए कि राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में राज्य सभा चुनाव को लेकर पार्टियों का क्या गणित चल रहा है।
कैसे होती है राज्यसभा चुनाव में वोटिंग? इसे यूं समझिए
राज्यसभा के सदस्य सीधे जनता की ओर से नहीं चुने जाते। इसमें विधान सभा के सदस्य यानि विधायक मतदान में हिस्सा लेते हैं। बत दें कि एक विधायक के पास 100 वोट होते हैं। साफ है कि किसी राज्य से वहां की सत्ताधारी पार्टी के राज्यसभा सदस्य सबसे ज्यादा ही होंगे।
राज्यसभा का चुनाव एकल संक्रमणीय पद्धति के अनुसार होता है। विधायक सभी उम्मीदवारों को वरीयता क्रम के अनुसार वोट देते हैं। सामान्य तौर पर पहली वरीयता से उम्मीदवार की हार-जीत का फैसला हो जाता है। कभी पेच फंसे तो दूसरी और तीसरी वरीयता के वोट भी गिनने पड़ते हैं।
राज्यसभा चुनाव के लिए वोटों का फॉर्मूला कुछ ऐसा होता है
कुल विधायकों की संख्याx100/(राज्यसभा की सीटें+1)+1
एक विधायक के पास 100 वोट होते हैं
उदाहरण के तौर पर किसी राज्य (उदाहरण के लिए राजस्थान) में 200 विधानसभा सीटें हैं। वहां राज्यसभा की 4 सीटों के लिए चुनाव होने हैं। तो फॉर्मूले के हिसाब से देखा जाए तो राजस्थान में किसी उम्मीदवार को जीत के लिए 4001 वोटों की जरूरत पड़ेगी। एक विधायक के पास 100 वोट होते हैं, ऐसे में विजयी होने के लिए उम्मीदवार को प्रथम वरीयता वाले 41 वोट चाहिए होंगे।
राजस्थान में कांग्रेस के लिए आफत ही आफत (Rajya Sabha Election 2022 Rajasthan)
राजस्थान की पॉलिटिक्स में इन दिनों हॉर्स ट्रेडिंग…, एलिफेंट ट्रेडिंग…, बाड़ाबंदी प्रमुख कीवर्ड्स हैं। (rajya sabha election 2022 rajasthan) मीडिया चैनल के ओनर सुभाष चंद्रा के राजस्थान से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पैराशूट एंट्री से समीकरण बदल गए हैं। सीएम अशोक गहलोत बीते दिनों बोले थे कि बीजेपी ने चंद्रा को मैदान में उतारा है…, लेकिन वे वोट कहां से लाएंगे…। उन्होंने कहा था…, वे खरीद-फरोख्त में शामिल होंगे….।’
सत्ताधारी कांग्रेस के लिए चिंता G-6 समूह क्या बनेगा परेशानी!
बसपा ने अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है कि वे चंद्रा को ही वोट दें। Getty | Images |
चंद्रा को बीजेपी का पीछे सपोर्ट है। बसपा ने अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है कि वे चंद्रा को ही वोट करेंगे। ऐसे में अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए कांग्रेस ने उदयपुर के रिसॉर्ट में विधायकों की बाड़ाबंदी कर दी है। लेकिन इधर सत्ताधारी कांग्रेस के लिए चिंता G-6 समूह। इनमें बसपा के चार और कांग्रेस के दो विधायक हैं। बसपा के विधायक जीते तो पार्टी के चुनाव चिन्ह पर थे, लेकिन बाद में कांग्रेस शामिल हो गए थे।
बीजेपी को RLP और निर्दलीय विधायकों से उम्मीद
भाजपा को उम्मीद है कि यदि 13 निर्दलीय, तीन RLP विधायक और दो BJP विधायक चंद्रा को वोट करते हैं तो वे जीत जाएंगे। Getty | Images |
200 मेंबर्स राजस्थान विधानसभा में भाजपा के पास 71 सीटें हैं जबकि सत्ताधारी कांग्रेस 108 सीटों पर काबिज है। भाजपा को उम्मीद है कि यदि 13 निर्दलीय, तीन RLP विधायक और दो BJP विधायक चंद्रा को वोट करते हैं तो वे जीत जाएंगे।
कांग्रेस ने अपने विधायकों की उदयपुर में बाड़ाबंदी कर रखी है तो वहीं भाजपा जयपुर में कैंप लगा रही है। एक होटल में 6 जून से विधायक पार्टी के बड़े नेताओं की देखरेख में हैं। बीजेपी इसे ‘ट्रेनिंग कैंप’ बता रही है, लेकिन होटल में अरुण सिंह और नरेंद्र सिंह तोमर को नजर रखने के लिए बिठाया गया है।
इधर बुधवार को राज्यसभा चुनावों में सरकार पर जासूसी के आरोप लगाकर बीजेपी ने आक्रामक रुख दिखाया। भाजपा के नेता बाड़ेबंदी वाले रिसॉर्ट के बाहर पुलिस को देखकर नाराज हो गए और उन्हें वहां से तत्काल जाने को कहा।
जब सुरक्षा का हवाला देकर पुलिस वालों ने जाने से इनकार किया तो बीजपी विधायक रामलाल शर्मा ने नाराजगी जताते हुए जयपुर कमिश्नर से बात की और सख्त लहजे में चेताया। बीजेपी नेताओं का दबाव बढ़ते देख पुलिसकर्मी रिसॉर्ट के बाहर से वापस लौट गए।
जामडोली के जिस रिसॉर्ट में बीजेपी की बाड़ेबंदी है, वहां आज ही पुलिस लगाई गई थी। बीजेपी नेताओं को जब रिसॉर्ट के बाहर पुलिस पहुंचने की सूचना मिली तो उन्होंने नाराजगी जाहिर की।
कर्नाटक: एक-दूसरे के विधायक काटने में लगे दल (Rajya Sabha Election 2022 Haryana)
कर्नाटक में सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, हर पार्टी को क्रॉस-वोटिंग का खौफ सता रहा है। यहां की चार सीट के लिए छह उम्मीदवार है। चौथी सीट के लिए जंग तगड़ी है। इस सीट के लिए किसी पार्टी के पास आशानुरूप वोट नहीं हैं, लेकिन उम्मीदवार सबने खड़े किए हैं। सबको पता है कि क्रॉस-वोटिंग हो सकती है। ऐसे में सभी एक-दूसरे के खेमे में सेंधमारी में जुटे हैं।
‘रिजॉर्ट पॉलिटिक्स’ महाराष्ट्र में भी (Rajya Sabha Election 2022 Maharashtra)
‘रिजॉर्ट पॉलिटिक्स’ अब महाराष्ट्र में भी शुरू हो चुकी है। Getty | Images |
राजस्थान की ‘रिजॉर्ट पॉलिटिक्स’ अब महाराष्ट्र में भी शुरू हो चुकी है। यहां राज्यसभा की छह सीटों के लिए सात उम्मीदवार मैदान में हैं। विधानसभा के संख्या-बल को देखें तो बीजेपी दो सीटों पर जबकि महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार तीन सीटों पर जीत सकते हैं। छठी सीट के लिए जबरदस्त जंग होगा। शिवसेना के दूसरे उम्मीदवार संजय पवार को MVA का सपोर्ट है। उनका मुकाबला बीजेपी के धनंजय महादिक से होना है।
महाराष्ट्र में बीजेपी सबसे बड़ा दल (105 विधायक) है। शिवेसना के 55 विधायक, कांग्रेस के 44 और एनसीपी के 54 एमएलए हैं। किसी उम्मीदवार के जीतने के लिए 42 वोट चाहिए। अपने आधिकारिक उम्मीदवार को जिताने के बाद कांग्रेस के पास 2 सरप्लस वोट रहेंगे।
NCP के पास 12 सरप्लस वोट हैं जो उसने शिवसेना को देने का वादा किया है। सेना के पास 13 सरप्लस वोट बचेंगे। सबको मिला दें तो MVA के सरप्लस वोट 27 होते हैं मतलब उसे बाहर से 15 वोट जुटाने होंगे। MVA को छोटे दलों और निर्दलीयों से उम्मीद है।
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