Employees Enrolment Scheme 2025: छूटे हुए कर्मचारियों के लिए नया EPF मौका Read it later

EPFO : भारत सरकार ने 1 नवंबर 2025 को Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) के 73वें Foundation Day पर एक नई पहल शुरू की है — Employees Enrolment Scheme 2025। इस स्कीम का उद्देश्य उन कर्मचारियों को EPF (Employees’ Provident Fund) कवरेज देना है जो पहले किसी वजह से शामिल नहीं हो पाए थे। इस योजना के तहत उन्होंने 1 नवंबर 2025 से 30 अप्रैल 2026 तक छह महीने की अवधि दी है। यानी अब तक जिन संस्थानों ने पुराने या छूटे हुए कर्मचारियों को EPF में शामिल नहीं किया था, उनके लिए ये सुनहरा अवसर है।

Employees Enrolment Scheme 2025 क्या है?

इस स्कीम के अंतर्गत उन एम्प्लॉयर्स (employers) यानी संस्थानों को मौका दिया गया है जिन्होंने अपने योग्य कर्मचारियों को EPF कवरेज में शामिल नहीं किया था और इसके चलते वे डिफॉल्ट स्थिति में थे। इसमें संस्थान पुरानी कमPLIance (compliance) को दुरुस्त कर सकते हैं। इस पहल का उद्देश्य EPF Act, 1952 के अंतर्गत समय से नहीं की गई घोषणाओं तथा योगदान को नियमित बनाना है।

कौन कौन एलिजिबल है?

इस योजना के अंतर्गत वे कर्मचारी शामिल किए जा सकते हैं — जिन्होंने 1 जुलाई 2017 से लेकर 31 अक्टूबर 2025 के बीच किसी संस्था में जुड़ने के बाद भी EPF कवरेज में शामिल नहीं हुए थे और अभी भी उसी संस्था में कार्यरत हैं। संस्थान द्वारा उन्हें “Employees Enrolment Scheme 2025” के अंतर्गत एनरोल करना संभव है। इसके लिए संस्थान को कर्मचारी के हिस्से, अपने हिस्से, प्रशासकीय शुल्क (administrative charges) और ₹100 का पेनल्‍ट डैमेज जमा करना होगा। कर्मचारी को अपना हिस्सा जमा नहीं करना है।

कैसे काम करेगी EPF Scheme प्रक्रिया?

संस्थान को अपने छूटे हुए कर्मचारियों को एनरोलमेंट फॉर्म के माध्यम से शामिल करना होगा। इसके बाद उन कर्मचारियों के EPF खाते को सक्रिय करने की प्रक्रिया शुरू होगी। कर्मचारियों को अपना हिस्सा जमा नहीं करना होगा — पिछले वक्त के योगदान को सरकार ने माफ किया है। इस प्रकार संस्थान को सिर्फ अपना हिस्सा, कर्मचारी का हिस्सा नहीं, और ₹100 पेनल्‍ट शुल्क जमा करना होगा।

क्यों सरकार ने यह कदम उठाया?

सरकार का मानना है कि बहुत‑सारे कर्मचारी विभिन्न कारणों से EPF कवरेज से छूट गए थे — या तो संस्थान ने समय पर नहीं किया था, या कर्मचारियों की संख्या कुछ वजह से सही तरीके से अपडेट नहीं हुई थी। इस तरह उनकी भविष्य की सेविंग्स पर असर पड़ता रहा। इसलिए “Employees Enrolment Scheme 2025” के जरिये उन कर्मचारियों को सुनिश्चित लाभ देना है।

स्कीम की अवधि और समय‑सीमा

यह योजना 1 नवंबर 2025 से सक्रिय हुई और 30 अप्रैल 2026 तक चलेगी। इस छह‑महीने की खिड़की में संस्थानों को अपनी ओर से पुरानी देनदारियों को नियमित करने का पूरा अवसर दिया गया है। आपातकालीन नहीं, बल्कि सुव्यवस्थित तरीके से।

संस्थान के लिए क्या लाभ हैं?

संस्थान इस स्कीम के माध्यम से पुराने कर्मचारियों को EPF में शामिल कर अवसरात्मक जोखिम, पेनल्टी और सरकारी कार्रवाई से बच सकते हैं। साथ ही कर्मचारियों के हित में यह एक सकारात्मक कदम है, जिससे उनकी सेविंग्स पक्का होती हैं।

कर्मचारियों को क्या‑क्या मिलेगा?

चूंकि कर्मचारियों का हिस्सा माफ़ है, इसलिए उन्हें पिछले योगदान की चिंता नहीं करनी होगी। उन्हें EPF कवरेज मिलेगा और भविष्य में बेहतर पेंशन वाईभव मिलेगा। यह उनके सामाजिक सुरक्षा कवच को मज़बूत करेगा।

क्या ध्यान रखने योग्य बातें हैं?

– यह सुविधा केवल उन्हीं कर्मचारियों हेतु है जो 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच शामिल हुए और अब भी उसी संस्था में कार्यरत हैं।
– कर्मचारी की ओर से भागीदारी राशि नहीं माँगी जाएगी।
– योजना अवधि समाप्त होने के बाद इस तरह की राहत नहीं मिलेगी।
– संस्थान को अपनी ओर से प्रक्रिया समय से पूरी करनी होगी।

किस तरह आवेदन करें?

संस्थान को EPFO द्वारा निर्धारित एनरोलमेंट फॉर्म और पद्धति द्वारा आवेदन करना होगा। विवरणों को सही तरह से भरना तथा योगदान राशि एवं पेनल्टी जमा करना आवश्यक होगा। कर्मचारी‑जानकारी को अपडेट करना आवश्यक है।

इलेक्ट्रॉनिक चालान से होगा कंट्रीब्यूशन जमा

Employees Enrolment Scheme 2025 के तहत एक महत्वपूर्ण शर्त यह है कि एम्प्लॉयर्स को प्रत्येक कर्मचारी के लिए UMANG ऐप के माध्यम से फेस ऑथेंटिकेशन-बेस्ड UAN जनरेट करना अनिवार्य होगा। इसके बाद, EPF में कंट्रीब्यूशन जमा करने की प्रक्रिया पूरी तरह से ECR (Electronic Challan cum Return) सिस्टम के जरिए ही करनी होगी। यह डिजिटल प्रोसेस सुनिश्चित करेगा कि सभी डाटा पारदर्शिता के साथ अपलोड और प्रोसेस हो।

EPFO का नया होमपेज हुआ लॉन्च, अब और आसान होगी एक्सेस

लेबर एंड एम्प्लॉयमेंट मिनिस्टर द्वारा EPFO का नया होमपेज भी लॉन्च किया गया है, जिसका डोमेन नाम है – www.epfo.gov.in यह नया पोर्टल अब पहले से कहीं ज्यादा user-friendly और interactive है। इसमें उपयोगकर्ताओं के लिए बेहतर इंटरफेस, आसान नेविगेशन और प्रमुख सेवाओं व जानकारी तक सरल पहुंच सुनिश्चित की गई है। Stakeholders को अब अपनी जरूरत की सुविधाएं कम समय में और कम क्लिक में मिलेंगी।

EPFO एम्प्लॉई एनरोलमेंट स्कीम 2025: जानिए जरूरी बातें

स्कीम अवधि
यह योजना 1 नवंबर 2025 से शुरू होकर 30 अप्रैल 2026 तक प्रभावी रहेगी।

स्कीम का उद्देश्य
2017 से 2025 के बीच EPF कवरेज से वंचित रह गए योग्य कर्मचारियों को स्वैच्छिक एनरोलमेंट का मौका देना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है।

एनरोलमेंट के लिए अनिवार्य शर्तें
  • UMANG ऐप के माध्यम से फेस ऑथेंटिकेशन आधारित UAN जनरेशन अनिवार्य होगी।

  • ऑनलाइन डिक्लेरेशन केवल EPFO पोर्टल पर TRRN लिंक के साथ मान्य होगा।

  • यह स्कीम केवल जीवित और वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों के लिए लागू होगी।

  • एक से अधिक बार डिक्लेरेशन की अनुमति नहीं है यानी मल्टीपल डिक्लेरेशन अमान्य होंगे।

फाइनेंशियल प्रोविजन
  • यदि पहले कर्मचारी का हिस्सा जमा नहीं हुआ है, तो एम्प्लॉई शेयर माफ किया जाएगा।

  • एम्प्लॉयर को अपना हिस्सा, ब्याज, एडमिनिस्ट्रेटिव चार्ज और ₹100 की पेनल्टी देनी होगी।

अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान
  • अंडर ट्रायल संस्थाएं भी इस स्कीम का लाभ उठा सकती हैं।

  • गलत जानकारी देने पर डिक्लेरेशन रद्द किया जाएगा और पेनल एक्शन लिया जा सकता है।

  • योजना के तहत आने वाले कर्मचारियों को PM-VBRY बेनिफिट्स भी दिए जाएंगे।

FAQs
Employees Enrolment Scheme 2025 का क्या उद्देश्य है?
इस स्कीम का उद्देश्य उन कर्मचारियों को EPF कवरेज देना है जो पहले किसी वजह से छूट गए थे और अभी भी अपने संस्थान में कार्यरत हैं।

यदि मैं 1 नवंबर 2025 के बाद जुड़ा हूं, तो क्या मैं इस स्कीम के अंतर्गत आता हूं?
नहीं। इस योजना में वह कर्मचारी शामिल हो सकते हैं जिन्होंने 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच किसी संस्था में जुड़ने के बाद भी EPF कवरेज नहीं पाया और अब भी उसी संस्था में हैं।

Employees Enrolment Scheme 2025 स्‍कीम से जुड़ने के लिए संस्थान को क्या‑क्या जमा करना होगा?
संस्थान को कर्मचारी के हिस्से, अपने हिस्से, प्रशासकीय शुल्क और ₹100 पेनल्‍ट जमा करना होगा। कर्मचारियों से हिस्सा नहीं लिया जाएगा।

क्या कर्मचारी को Employees Enrolment Scheme 2025 के लिए अपनी ओर से कोई राशि देने होगी?
नहीं। इस स्कीम में कर्मचारियों का हिस्सा माफ किया गया है।

Employees Enrolment Scheme 2025 स्कीम की अवधि कितनी है?
यह स्कीम 1 नवंबर 2025 से 30 अप्रैल 2026 तक चलेगी।

अगर संस्थान ने इस अवधि में आवेदन नहीं किया, तो क्या होगा?
यदि अवधि के बाद आवेदन नहीं किया गया, तो पुराने योगदान‑माफ़ी का लाभ नहीं मिलेगा और संस्थान पर सामान्य प्रवर्तन कार्रवाई हो सकती है।

यह नई पहल “Employees Enrolment Scheme 2025” निश्चित रूप से कर्मचारियों और संस्थानों दोनों के लिए एक सुनहरा अवसर है — सामाजिक सुरक्षा को विस्तार देने वाला, और पुरानी कमPLIance को सही करने वाला। यदि आप कर्मचारी हों या संस्थान के प्रतिनिधि, तो इस अवसर का लाभ उठाना महत्वपूर्ण होगा।

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