New Year Money Saving: नए साल में करें होमलोन का प्री-पेमेंट‚ मुश्किल पर होगा स्मार्ट फैसला Read it later

New Year Money Saving: लम्बे समय तक चलने वाला होम लोन किसी के लिए भी एक समस्या से कम नहीं है और जब आरबीआइ के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी कह दें, कि नया साल अर्थव्यवस्था के लिए खराब साबित हो सकता है, तो ऐसे में बढ़ती होमलोन की ब्याज दरें किसी भी परिवार को झटका दे सकती हैं। आर्थिक विशेषज्ञों की राय में अगर आपकी सैलरी या कमाई का बड़ा हिस्सा होमलोन की ब्याज दरों में जा रहा है, तो इसके प्री-पेमेंट के बारे में जरूर सोचें। महंगाई को काबू में करने के लिए केंद्रीय बैंक मई से अब तक रीपो दर में 225 आधार अंक की बढ़ोतरी कर चुका है। रीपो दर बढऩे से आवास ऋण (होम लोन) की ब्याज दरों पर भी असर पड़ा है।

 

पूर्व भुगतान का ऐसे समझें लेखा-जोखा

अगर आपने 7.50 फीसदी ब्याज दर पर 20 साल यानी 240 महीने के लिए 20 लाख रुपए का होम लोन लिया है तो..

पहली स्थिति: आप पूरी अवधि तक नियमित 16,112 रुपए की ईएमआइ चुकाते हैं तो पूरी लोन अवधि में आपको 38,66,847 रुपए का भुगतान करना होगा। इसमें ब्याज का हिस्सा 18,66,847 रुपए होगा।

दूसरी स्थिति: अगर आप 16,112 रुपए की ईएमआई के साथ हर माह 1,000 रुपए प्रीपेमेंट करते हैं तो ब्याज के मद में 2.70 लाख की बचत हो सकती है। कुल 240 में से 29 ईएमआइ की बचत कर सकते हैं।

 

होमलोन एडवांटेज जैसे विकल्प (New Year Money Saving)

होम लोन के लिए सही समय का इंतजार करना बेकार होता है क्योंकि यह लंबे समय की देनदारी होती है और इस दौरान ब्याज दर में उतार-चढ़ाव होता ही रहता है, जिससे कर्ज लेने वाले बच नहीं सकते। नए होम लोन वाले वाले होम एडवांटेज, मैक्ससेवर जैसे विकल्प अपना सकते हैं। इनके तहत ऋणदाता संस्था आपको ओवरड्राफ्ट खाता, बचत या चालू खाता खोलने की सुविधा देती है। कर्ज लेने वाला अपने पास मौजूद अतिरिक्त रकम को इस खाते में जमा कर सकता है और जरूरत पडऩे पर उसे निकाल सकता है।

 

प्री-पेमेंट की योजना बनाएं

ब्याज दरें बढऩे पर मौजूदा कर्जदार को ईएमआई बढ़ाने का विकल्प चुनना चाहिए। ईएमआई बढ़ाने से ब्याज लागत कम होती है। साथ ही आप कम ब्याज दर वाले ऋणदाताओं के पास अपना लोन ट्रांसफर करा सकते हैं। बैंकिंग नियामक आरबीआइ ने बैंकों से कहा है कि अगर कोई ग्राहक होम लोन का प्रीपेमेंट करना चाहता है तो उससे कोई भी प्रीपेमेंट पेनाल्टी ना ली जाए।

 

थोड़ा-थोड़ा कर नियमित प्रीपेमेंट करें…

प्रीपेमेंट कुछ समय के लिए वित्तीय बोझ लगता है, लेकिन वास्तव में यह एक स्मार्ट फैसला है। लंबी अवधि में यह आपको वित्तीय के साथ मनोवैज्ञानिक लाभ भी देता है। बड़ी रकम जुटाना मुश्किल काम होता है। इसलिए, जब भी संभव हो, थोड़ा-थोड़ा कर नियमित प्रीपेमेंट करें।

 

ऊंची रह सकती हैं ब्याज दरें (New Year Money Saving)

अगले कुछ साल तक ब्याज दरें ऊंची बनी रह सकती हैं। बैंक शुरुआती वर्षों में ब्याज की वसूली करते हैं। इसलिए ईएमआइ का बोझ घटाने के लिए जरूरी है कि प्रीपेमेंट का भुगतान लोन अवधि के शुरुआती वर्षों में ही करें।

 

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