RBI Monetary Policy: ब्याज दरें 0.50% बढ़ीं‚ आसान भाषा में जानें आपकी जेब पर क्या होगा असर Read it later

RBI Repo Rate Increase
मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक के बाद प्रेस काॅन्फ्रेंस में रेपो रेट बढ़ाने की घोषणा करते RBI गर्वनर शक्‍तिकांत दास।  Photo | Getty Images

दिनोंदिन भारत बढ़ रही बढ़ती (High Inflation In India) महंगाई पर चिंता जताते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने रेपो रेट (RBI Repo Rate Increase) में 0.50% बढ़ोतरी कर दी है।  इससे रेपो रेट 4.90% से बढ़कर 5.40% हो गई है। मतलब कि होम लोन‚ ऑटो और पर्सनल लोन सबकुछ जल्द ही आपको महंगा मिलेगा। यहां असान भाषा में जानिए इसका आपकी जेब पर कैसे असर होगाॽ किस तरह आपको अपने लोन की किश्त कैसे ज्यादा चुकानी होगी। 

रेपो रेट बढ़ने से एक बार फिर से इंटरेस्ट रेट्स अगस्त 2019 के स्तर के समान हो चुकी हैं।  ज्ञात हो कि ब्याज दरों पर निर्णय लेने के लिए  3 अगस्त से मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी Monetary Policy Committee (MPC) की मीटिंग चल रही थी। इसके बाद RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इंटरेस्ट रेट बढ़ाने की घोषणा की है।

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RBI गवर्नर शक्तिकांत दास क्या बोलेॽ 

  • शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंकों के लिए 50 बीपीएस की दर में बढ़ोतरी करना ‘न्यू नॉर्मल’ हो गया है
  • रेपो रेट में 0.50% बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
  • Financial Year 2023 रियल ग्रोस डॉमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) ग्रोथ का अंदाजा 7.2 प्रतिशत पर बरकरार।
  • उत्पाद आपूर्ति बढ़ने से एडिबल ऑयल यानी खाद्य तेल की कीमतों में कमी आई।
  • Financial Year 2023 में इन्फ्लेशन रेट 6.7% संभव।
  • करेंट अकाउंट डेफिसिट में टेंशन की कोई बात नहीं।
  • इंडियन इकोनॉमी पर महंगाई का प्रभाव तो है।
  • वर्ल्ड लेवल पर महंगाई चिंता की बात है।
  • मार्जिनल स्टेडिंग फेसिलिटी (Marginal Standing Facility) 5.15 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.65 प्रतिशत की गई है।
  •  मार्जिनल प्रोपेंसिटी कंज्यूम (Marginal Propensity to Consume) की मीटिंग में। अकोमोडेटिव नजरिया वापस लेने पर ध्यान दे रहे हैं।
  • अप्रैल 2022 की तुलना में महंगाई में कमी देखी गई है।
  • सिटी लेवल पर डिमांड में सुधार देख रहा है।
  • बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ में ईयरली 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
  • बेहतर मानसून से रूरल डिमांड में बढ़ोतरी होने की संभावना है। 

    RBI hikes repo rate by 50 basis points to 5.4% with immediate effect pic.twitter.com/axs5EMdvIM

    — ANI (@ANI) August 5, 2022

0.50% रेट बढ़ने से ऐसे चुकाने होंगे 20 साल ड्यूरेशन के 30 लाख रुपए होम लोन पर लगभग 58 लाख रुपए

उदाहरण के तौर पर रमेश नाम के  व्यक्ति ने 7.55% के रेट पर 20 वर्ष के लिए 30 लाख रु. का  होम लोन किसी बैंक से लिया। ऋण की किश्त  24,260 रुपए निर्धारित हुई। 20 वष में उसे इस रेट से 28,22,304 रुपए का इंटरेस्ट देना होगा। मतलब कि रमेश को 30 लाख के बदले टोटल 58,22,304 रुपए अदा करने होंगे।

यदि ऋण लेने के एक माह के बाद रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 0.50 प्रतिशत बढ़ा दी है। तो बैंक भी 0.50 प्रतिशत इंटरेस्ट रेट बढ़ाएंगे। ऐसे में रमेश की जगह उसका अन्य मित्र उसी बैंक से ऋण लेता है तो उसे बैंक  7.55 प्रतिशत के स्थान पर 8.05%  ब्याज दर से लोन देगा।

 सुनिए RBI गर्वनर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा

Post Monetary Policy Press Conference by Shri Shaktikanta Das, Governor RBI – Aug 05, 2022 https://t.co/cQ0HOI6z2h

— ReserveBankOfIndia (@RBI) August 5, 2022

पढे़ं – 5G Service Countdown : बढ़ सकते हैं 4G प्राइस‚ शुरुआत में 5G सेवा के लिए भी देने होंगे ज्यादा पैसे 

यदि रमेश का मित्र भी 30 लाख रुपए का ही ऋण 20 साल के लिए लेता हैं‚ लेकिन रेपो रेट बढ़ने के कारण उसकी किश्त 25,187 रुपए बनेगी। मतलब कि रमेश की इसी लोन पर तय किश्त से 927 रुपए ज्यादा रमेश के मित्र को देने होंगे। 

ऐसे रमेश को 30 लाख के लोन पर 20 साल में जहां 58 लाख 22 हजार 304 रुपए चुकाने होंगे वहीं उसके मित्र को इतने ही लोन पर  20 साल में 60 लाख,44 हजार 793 रुपए चुकाने होंगे। उसके मित्र को रमेश के अमाउंट से 2 लाख 22 हजार 489 ज्यादा बैंक को चुकाने होंगे।

जाने इस सवालों के जवाब

क्या पहले से चले आ रहे ऋण की किश्त भी अब बढ़ने वाली हैॽ

गृह ऋण यानी हउस लोन क इंटरेस्ट रेट्स 2 तरह की होती हैं पहली फ्लोटर और दूसरा फ्लेक्‍सिबल। यदि आपने फ्लोटर के तहत लोन लिया है तो आपके लोन की ब्याज दर शुरू से अंत तक एक समान ही रहेगी। इस पर रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं है। दूसरी ओर, जब आप फ्लेक्‍सिबल ब्याज दर लेते हैं तो रेपो रेट्स में परिवर्तन आपके ऋण की ब्याज दर को भी प्रभावित करेगा। ऐसे में यदि आपने पहले से ही फ्लेक्सिबल ब्याज दर पर कर्ज लिया है तो आपके कर्ज की किश्त बढ़ कर आएगी।

Reserve Bank of India | RBI Monetary Policy | RBI Repo Rate Increase | Monetary Policy Committee (MPC) | Marginal Standing Facility | Marginal Propensity to Consume | 

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