Rural India Expenditure: देश के ग्रामीण इलाकों में उपभोग व्यय शहरों की तुलना में तेजी से बढ़ा है। पिछले 11 वर्षों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में खर्चे का अंतर 11 फीसदी कम हुआ है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार ग्रामीण और शहरी परिवारों के बीच औसत मासिक उपभोग व्यय का अंतर कम होकर 71.2 प्रतिशत हो गया। यह आंकड़ा 2011-12 में 83.09 प्रतिशत था। सर्वेक्षण के मुताबिक शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में औसत मासिक प्रति व्यक्ति व्यय में सर्वाधिक अंतर मेघालय (83 प्रतिशत) में रहा। इसके बाद छत्तीसगढ़ में यह अंतर 82 प्रतिशत था।
सर्वेक्षण के मुताबिक 2011-12 में देश में ग्रामीण उपभोग व्यय प्रति माह 1,430 रुपए था, जो 2022-23 में बढ़कर 3,773 रुपए हो गया। इसमें 164 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। शहरी क्षेत्र में 2011-12 में 2,630 रुपए की तुलना में 2022-23 में उपभोग व्यय में 6,459 रुपए से अधिक हो गया। इसमें 146 प्रतिशत की वृद्धि हुई। घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण (एचसीईएस) परिवारों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की खपत पर जानकारी एकत्र करता है। मंत्रालय ने कहा कि इसे लेकर जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट जारी की जाएगी।
गैर-खाद्य वस्तुओं पर अधिक खर्च
ग्रामीण क्षेत्रों में 2022-23 में खाद्य पदार्थों की तुलना में गैर-खाद्य वस्तुओं पर अधिक खर्च किया गया। भोजन पर मासिक प्रति व्यक्ति औसत व्यय 1,750 रुपए और गैर-खाद्य वस्तुओं पर 2,023 रुपए था। शहरी क्षेत्रों में भोजन पर मासिक प्रति व्यक्ति औसत व्यय 2,530 रुपए था, जबकि गैर-खाद्य वस्तुओं पर यह खर्च 3,929 रुपए था।
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