प्राइवेट अस्पतालों की घोर लापरवाही: मई में 1 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन यूज नहीं कर पाए, 1.29 करोड़ डोज मिले, 22 लाख ही इस्तेमाल किए Read it later

निजी अस्पतालों में इसके स्टॉक को लेकर बड़ा खुलासा

देशभर में वैक्सीन की भारी कमी के बीच निजी अस्पतालों में इसके स्टॉक को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो प्राइवेट अस्पतालों ने पिछले महीने अपने वैक्सीन स्टॉक का केवल 17% ही इस्तेमाल किया।

4 जून को जारी स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, मई में देशभर में वैक्सीन की कुल 7.4 करोड़ खुराकें उपलब्ध कराई गईं, जिनमें से 1.85 करोड़ खुराक निजी अस्पतालों के लिए निर्धारित की गईं। 

निजी अस्पतालों ने इसमें से 1.29 करोड़ खुराकें खरीदीं, लेकिन उन्होंने केवल 22 लाख खुराक का ही इस्तेमाल किया। यानी मई में उनके पास 1.07 करोड़ डोज का स्टॉक था।

राज्यों को 25.87 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज दी गईं

राज्यों को 25.87 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज दी गईं

केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक 25.87 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक की आपूर्ति की जा चुकी है। इसमें से 24.76 करोड़ टीकों का इस्तेमाल किया जा चुका है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास अभी भी वैक्सीन की 1.12 करोड़ से अधिक खुराकें हैं।

केंद्र सरकार के अनुसार, टीके की 10.81 लाख से अधिक खुराक प्रक्रिया में हैं और अगले तीन दिनों में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को प्रदान की जाएंगी।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वैक्सीन की 25.87 करोड़ से ज़्यादा डोज़ उपलब्ध कराई गई है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास अभी वैक्सीन की 1.12 करोड़ से ज़्यादा डोज़ उपलब्ध है: स्वास्थ्य मंत्रालय #COVID19

— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 12, 2021

CoWin पोर्टल हैक नहीं हुआ, डेटा सुरक्षित

सरकार ने शनिवार को CoWin पोर्टल के हैक होने और डेटा लीक होने के दावों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम CoWin सिस्टम की कथित हैकिंग की जांच कर रही है।

वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन के इम्पावर्ड ग्रूप के चेयरमैन डॉ. आरएस शर्मा ने क्लीरिफाई किया कि डार्क वेब पर तथाकथित हैकर्स के कथित तौर पर CoWin सिस्टम को हैक करने और डेटा लीक करने के दावे बेबुनियाद हैं।

 हम यह सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर आवश्यक कदम उठाते रहेंगे कि CoWin पर लोगों का डेटा सुरक्षित रहे। को-विन पोर्टल COVID-19 टीकाकरण अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

निजी अस्पतालों में वैक्सीन लगवाने का खर्च ज्यादा

हालांकि यह बात भी सामने आइ् है कि  निजी अस्पताल में वैक्सीन लगाने का खर्चा ज्यादा होता है, इसलिए लोग सरकारी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं और यही वजह है कि निजी अस्पतालों में इतनी संख्या में वैक्सीन उपलब्ध हैं। 

सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि 25 प्रतिशत टीके निजी अस्पतालों को आवंटित किए गए थे, जिनमें से अस्पतालों के पास केवल 7.5 प्रतिशत वैक्सीन है। 

हालांकि, सरकार ने ऐसे दावों को अनुचित करार दिया है और कहा है कि वे हमारे पास उपलब्ध आंकड़ों से मेल नहीं खाते।

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