2025 तक भारतीय घरों में खाने-पीने पर होने वाले खर्च का एक तिहाई हिस्सा चिकन और मटन जैसे प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों पर होगा।
फिच रेटिंग्स की यूनिट Fitch Solutions ने भारत में भोजन पर परिवारों के खर्च पर तैयार एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट अनुसार, यह लोगों की आय में वृद्धि और महंगाई में बढ़ोतरी के कारण हो सकता है।
रोटी, चावल और अन्य अनाज पर खर्च कम हो सकता है
फिच सॉल्यूशंस ने कहा है कि 2005 की तुलना में 2025 में रोटी, चावल और अन्य अनाज पर खर्च कम हो सकता है। इसमें बताया गया है कि पिछले 20 वर्षों से लोगों की आय में वृद्धि होने के कारण परचेजिंग पावर भी बढ़ी है।
ऐसे में लोगों के आहार में प्रोटीन यानी पेट भरने के लिए जरूरी खाद्य पदार्थों के अलावा अन्य पौष्टिक भोजन भी परिवारों की पहुंच में आ गया है।
फलों पर खर्च 6.4% से बढ़कर 16% हो सकता है
फिच के एनालिसिस के अनुसार, 2025 तक, घरों के घरेलू बजट का 35.3% हिस्सा खाने-पीने पर खर्च किया जाएगा, यह 2005 में 33.2% था। इसके खर्च का 30.7% हिस्सा मटन, चिकन और अन्य प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों पर खर्च होगा, जो 2005 में 17.5% था।
रोटी, चावल और अनाज पर खर्च 28.8% से घटकर 23.8% हो सकता है, जबकि फलों पर खर्च 6.4% से बढ़कर 16% हो सकता है।
मांसाहारी भोजन में चिकन की खपत सबसे अधिक 71 प्रतिशत होगी
2025 तक मांसाहारी भोजन में सबसे ज्यादा 71 फीसदी चिकन की खपत होगी। तब तक इसकी खपत 2005 के 1.1 किलोग्राम से 2.9 किलोग्राम हो जाएगी।
भारत में मांस की खपत कम रहेगी, जिसका सबसे बड़ा कारण इसका प्रभाव है। खाने-पीने का विश्वास। यहां चावल और अन्य अनाज आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, क्योंकि वे सस्ते होते हैं और वे विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाते हैं।
2005 से 2025 के बीच मटन का खर्च 17% बढ़ सकता है
भारत में चिकन-मटन की खपत ज्यादा बढ़ने की संभावना नहीं है। इस मामूली वृद्धि का सबसे बड़ा कारण महंगाई होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक साल 2005 से 2025 के बीच मटन पर होने वाला खर्च सालाना 17% बढ़ सकता है। इस दौरान पूरा खाना खाने का खर्च 12 फीसदी तक बढ़ सकता है।
2012 और 2021 के बीच मटन और मछली की कीमतों में सालाना 7.9% की वृद्धि हुई
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मटन की प्रति व्यक्ति खपत 2005 में 3.1 किलोग्राम से बढ़कर 1.4% प्रति वर्ष की दर से 4 किलोग्राम तक बढ़ने की संभावना है।
2012 और 2021 के बीच, मटन और मछली की कीमत में 7.9% की वृद्धि हुई है। जबकि इस दौरान औसत महंगाई दर 5.8% रही है।
आटे पर खर्च सालाना 11.9% बढ़ सकता है
फिच सॉल्यूशंस की रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रति व्यक्ति चावल की खपत 2005 और 2025 के बीच 70.4 किलोग्राम से बढ़कर 77.1 किलोग्राम होने की उम्मीद है।
इस पर होने वाले खर्च में सालाना औसतन 10.7% की वृद्धि होने का अनुमान है। आटा जैसे खाद्य पदार्थों पर खर्च सालाना औसतन 11.9% बढ़ सकता है।
Indian household | Indian households | Fitch Solutions | Fitch Ratings | report on India dietary spending
Like and Follow us on :