Dermatomyositis बीमारी क्या है: दंगल गर्ल सुहानी भटनागर का महज 19 की उम्र में दुनिया को अलविदा कहना हर किसी को आश्चर्य में डाल रहा है। उनके चाहने वालों के जहन में एक ही सवाल है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि सुहानी इतनी कम उम्र में दुनिया छोड़ गईं। बता दें कि सुहानी का शनिवार को सुबह दिल्ली एम्स में निधन हो गया। सुहानी का अजरौंदा श्मशान घाट पर विधिवत अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। उनके पिता ने बताया कि दो महीने पहले ही उनके शरीर पर अचानक लाल चकत्ते पड़ने लगे और डर्मेटोमायोसिटिस से पीड़ित होने के बाद बॉडी पार्ट्स में पानी भर जाने और फेफड़ों के डैैमेज होने के कारण सुहानी जिंदगी की जंग हार गई। यहां हम आपको बता रहे हैं कि आखिर ये बीमारी क्या है और इसके प्रमुख लक्षण क्या है, ये कैसे होती है? और इससे कैसे बचा जा सकता है?
AIIMS के चिकित्सकों ने कहा सुहानी के शरीर में पानी भरने से फेफड़े खराब हो गए थे
एम्स के डॉक्टरों का कहना था कि इस बीमारी का इलाज सिर्फ स्टेरॉयड है। इलाज के दौरान जब डॉक्टरों ने स्टेरॉयड देना शुरू किया तो सुहानी के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लग गई थी। उसके शरीर में इंफेक्शन होने लगा था। उन्हें जो भी दवाएंं दी जा रही थी उससे पानी उनकी मांसपेशियों के माध्यम से उनके शरीर में जाता चला गया।
शरीर में पानी भरने लगा था। फिर उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया। उनके फेफड़े भी खराब हो गए। ऑक्सीजन लेवल बहुत कम हो गया था। वेंटिलेटर पर भी रखा गया लेकिन ऑक्सीजन लेवल नहीं बढ़ पाया। इसके चलते शुक्रवार 16 फरवरी शाम डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सुहानी के माता-पिता ने बताया कि जब सुहानी को दंगल में कास्ट किया गया था तब वो लगभग 6 साल की ही थी। बेटी को शुरू से ही मॉडलिंग का शौक था। इसी के चलते फिल्म दंगल के निर्माताओं ने उन्हें दिल्ली में इंटरव्यू के लिए बुलाया।
Dermatomyositis बीमारी क्या है
Dermatomyositis एक गंभीर इंफ्लमेट्री डिजीज है। इस डिजीज में स्किन पर लाल चकते, मांसपेशियां कमजोर और मायोपैथी यानी कि मांसपेशियों में दर्द आदि की समस्याएं होले लगती हैं। बता दें कि यह तीन मायोपैथियों में से एक मायोपैथी होती है।
Dermatomyositis होना कितना सामान्य हो सकता है?
डर्मेटोमायोसाइटिस डिजीज बड़ों को और बच्चे दोनों को ही प्रभावित करता है। वहीं यह महिला और पुरुष दोनों को ही होने वाली बीमारी है। बड़ों में ये परेशानी 40 से 60 साल के उम्र के बीच होती है। वहीं, Dermatomyositis 5 से 15 साल के बच्चों में भी देखने को मिलती है। Dermatomyositis पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को होता है। इस बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर्स से संपर्क करना चाहिए।
Dermatomyositis बीमारी के लक्षण (symptoms of dermatomyositis)
- इसमें त्वचा और मांसपेशियों को सप्लाई करने वाली ब्लड वेसल में सूजन आ जाती है।
- धूप के कॉन्टेक्ट में आने वाले क्षेत्रों पर लाल या बैंगनी दाने निकल आते हैं जिनमें दर्द या खुजली हो सकती है।
- ऊपरी पलकों में लाल या बैंगनी कलर और सूजन (हेलियोट्रोप)
- कोहनियों, घुटनों और पैर की उंगलियों पर लाल या बैंगनी रंग के धब्बे उभर आते हैं (गॉट्रॉन पपल्स)
- जोड़ जो ठंड की स्थिति में जकड़न महसूस करते हैं ये पीले और दर्दनाक हो जाते हैं
- इसमें पपड़ीदार, खुरदुरी, शुष्क त्वचा हो जाती है जिससे बाल पतले हो सकते हैं।
- नाखूनों के आसपास सूजे हुए लाल क्षेत्र उभर आते हैं।
- इसमें गर्दन, कूल्हे, पीठ और कंधों की मांसपेशियों में कमजोरी आने लगती है।
- इसमें कुछ भी भोजन या पानी निगलने में परेशानी होती है और आवाज बदल जाती है।
- थकान, बुखार और वजन कम होने लगता है।
- मांसपेशियों में निरंतर दर्द होता है।
- मांसपेशियों में कमजोरी के कारण कुर्सी से उठने या बिस्तर से उठने में भी परेशानी महसूस होती है।
- कभी-कभी मांसपेशियों की कमजोरी हृदय, जीआई ट्रेक्ट और लंग्स तक भी फैल जाती है। इससे सांस लेने में परेशानी होने लगती है और खांसी हो सकती है। बड़ों को हल्के बुखार के साथ-साथ फेफड़ों में सूजन और लाइट के प्रति सेंसटिविटी हो सकती है।
Dermatomyositis का मुख्य कारण क्या है (causes dermatomyositis)
Dermatomyositis का मुख्य कारण क्या है, इस पर शोध जारी है, लेकिन डर्मेटोमायोसिटिस के लक्षणों के आधार पर इसे एक ऑटोइम्यून बीमारी माना जाता है। ऑटोइम्यून बीमारियों में, बैक्टीरिया या वायरस से लड़ने वाले एंटीबॉडी स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करना शुरू कर देते हैं। जिसके कारण संबंधित व्यक्ति के शरीर में संक्रामक रोग जैसे वायरल संक्रमण या कैंसर उत्पन्न हो जाते हैं। डर्मेटोमायोसिटिस भी इसी तरह ही होता है।
क्या Dermatomyositis ठीक हो सकता है? (dermatomyositis diagnosed)
Dermatomyositis का कोई सटीक उपचार तो नहीं है। लेकिन उपचार से Dermatomyositis की स्थिति में सुधार किया जा सकता है। जिसमें दवाइयों के साथ-साथ फिजिकल थैरेपी और सर्जरी भी की जाती है। दवाओं में कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स दिए जाते हैं। जिसे त्वचा पर लगाया जाता है और ओरल रूप से सेवन किया जाता है। यह डर्मेटोमायोसिटिस के लिए जिम्मेदार एंटीबॉडी को ठीक करने में सहायक होता है।
इंट्रावेनस इम्यूनोग्लोब्यूलिन यानी IVIG
Dermatomyositis में एंटीबॉडीज बनती हैं, यह त्वचा और मांसपेशियों को प्रभावित करती हैं। हैल्दी एंटीबॉडी को इंट्रावेनस इम्यूनोग्लोब्यूलिन (आईवीआईजी) के माध्यम से इंजेक्ट किया जाता है जो डर्मेटोमायोसिटिस पैदा करने वाले एंटीबॉडी को रोकता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि को समाचार के रूप में प्रस्तुतीकरण के लिए दिया गया है, आपको सलाह दी जाती है कि किसी भी बीमारी का इलाज अपने चिकित्स की गाइडेंस में ही करें।
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