Root Of Israel Palestine Conflict : अरब की रेगिस्तानी धरती एक बार फिर झुलस रही है। कुदरत ने इस धरती को पहले ही वीरान किया हुआ है, लेकिन अब रॉकेट और मिसाइलें यहां इंसानी खून की दुश्मन बन गई है। विवाद धरती का है, लेकिन यह भी सच है कि इसे धार्मिक नजरिये से देखा जाता है। इज़राइल में यहूदी वहीं अरब देशों में सुन्नी मुसलमान हैं।
अंग्रेजों की छोड़ी गई समस्या
जहां इजरायल-फिलिस्तीन विवाद है वह मध्य पूर्व यानि मिडिल ईस्ट का हिस्सा है। यह एशिया के बाद का भाग है। यहां की 95 फीसदी आबादी मुस्लिम है। यदि हम इसे सीधे मानचित्र पर देखते हैं, तो हम ऐसे माने कि भारत, पाकिस्तान और ईरान के माध्यम से इज़राइल पहुंचा जाता है। 1948 में, फिलिस्तीन के दो टुकड़े कर इज़राइल को बनाया गया था। हालांकि कहा जाता है कि पहले भी यहां यहूदी रहते थे। यह विवाद वस्तुत: अंग्रेजों का ही किया धरा है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1948 में फ़िलिस्तीन दो भागों में बँट गया। इज़राइल और फ़िलिस्तीन। ठीक इसी के एक साल पहले भारत के टुकड़े कर पाकिस्तान बनाया गया था। यहां भी अंग्रेज कश्मीर की समस्या को छोड़ कर चले गए।
इजराइल-फिलिस्तीन और भारत-पाकिस्तान दोनों इन चारों को बांटने का काम लंदन में हुआ (Root Of Israel Palestine Conflict)
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद या उससे भी पहले अंग्रेज़ जहाँ भी पहुंचे, अपनी सल्तनत जमाते गए। (Root Of Israel Palestine Conflict) वहीं जहां अंग्रेज सत्ता नहीं काबिज कर पाए वहां लोगों को ऐसे बांट दिया कि वे लाेग हमेशा के लिए आपस में लड़ते रहे। इजराइल और फिलिस्तीन के बीच भी कुछ ऐसा ही है। क्योंकि इज़राइल और फिलिस्तीन बनाने का निर्णय लंदन में किया गया था। भारत और पाकिस्तान भी लंदन की देन हैं।
अपने हित साधने के लिए UNO को ढाल बनाया
ब्रिटिश साम्राज्य एक समय के बाद गुलाम देशों को स्वतंत्र तो करता गया‚ लेकिन उन देशों में आपस में किसी नकिसी विवाद का बीज बोता चला गया। (Root Of Israel Palestine Conflict) वहीं इन्हीं आजाद देशों को ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देश हथियार बेचने लगे। (hamas israel palestine) जब विवाद UNO तक पहुंचता जाता और UNO ऐसे मसलों पर कुछ नहीं कर पाता। UNO के अब तक के ऐसे मसलों पर लिए गए निर्णय पर नजर डालें तो यूएनओ कभी ऐसे विवादों का हल नहीं निकाल पाया।
BALFOUR कॉन्सेप्ट ने किया फिलिस्तीन का विभाजन
यरूशलम पर विवाद आखिर है क्या
फ़िलिस्तीन अब 48% से घटकर मात्र 12% पर सिमटा
Image: Reuters/Mohammed Salem |
मुस्लिमों की ये इसलिए हक की लड़ाई
नया विवाद कैसे शुरू हुआ
यरूशलेम में एक जगह है शेख जर्राह‚ यहां के लिए इज़राइल के सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि इस जगह को खाली कर दिया जाए, क्योंकि यह जगह यहूदियों की है। Root Of Israel Palestine Conflict) लगभग 150 वर्ष पूर्व जब ब्रिटिश शासन ने यहूदियों को यह आश्वासन दिया था कि वे इस स्थान पर आबाद होंगे तो यहूदियों ने यह भूमि अरबों से बहुत महँगे मूल्य पर खरीदी थी। इसके दस्तावेज भी यहूदियों यानी इस्राइल के पास मौजूद हैं। अब इजराइल के सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि शेख जर्राह क्षेत्र में फिलिस्तीनियों के 500 घरों को ध्वस्त कर दिया जाए क्योंकि जमीन पर यहूदियों का कब्जा 150 साल से है। (Root Of Israel Palestine Conflict) अल अक्सा मस्जिद शेख जर्राह से कुछ ही दूरी पर है। 13 अप्रैल को नमाज के बाद इजरायली पुलिस और मुसलमानों के बीच यहीं झड़प हुई थी. पुलिस इस मस्जिद में घुस गई थी।
नेतन्याहू पर कई देशों का प्रेशर
Photo | AP |
फ़िलिस्तीन की 12 प्रतिशत जमीन पर भी अब दो हिस्से
जब साल 1948, 1956, 1967, 1973 और 1982 में फ़िलिस्तीन और इजराइल के बीच संघर्ष हुआ तो इजराइल ही इस संघर्ष में भारी रहा और हर बार फ़िलिस्तीन की ज़मीन पर कब्जा करता रहा। इधर अब फ़िलिस्तीन 1948 में मिले हिस्से का 44% ही देने को कह रहा है। (Root Of Israel Palestine Conflict) लेकिन अब इजराइल ऐसा नहीं करना चाहता क्योंकि उसने ये जमीन संघर्ष से हासिल की है। दूसरी ओर फ़िलिस्तीन अपनी 12 प्रतिशत ज़मीन भी नहीं संभाल सका। उसके दो हिस्से हैं। पहला वेस्ट बैंक और दूसरा गाजा पट्टी। वेस्ट बैंक में रहने वाले लोग समस्या का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं। वहीं गाजा पर हमास का कब्जा है और वो इजराइल से युद्ध कर अपनी जमीन हासिल करना चाहता है।
शिया बाहुल देश होने के बावजूद इजराइल का कट्टर दुश्मन
इजराइल पर गाजा पट्टी से रॉकेट दागे जाते हैं। यह हमास के कब्जे वाले क्षेत्र का हिस्सा है और ईरान हमास को सपोर्ट करता है और इसकी वजह ये है कि ईरान और इस्राइल एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं। (Root Of Israel Palestine Conflict) दिलचस्प बात यह है कि ईरान शिया बहुल देश है, जबकि अरब, फिलिस्तीन या हमास सभी सुन्नी समुदाय से हैं।
57 मुस्लिम देशों में से एक भी ऐसा नहीं है जो फ़िलिस्तीन की खुलकर मदद कर सकें
Reuters Image |
इजराइल (israel) इसलिए मजबूत
इजराइल हर मामले में आत्मनिर्भर है।
वहीं उसके पास (अघोषित) एटमी पावर है।
उसके पास दुनिया के सबसे घातक हथियार हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हर देश से उसके अच्छे संबंध हैं।
ग्रेटर कॉन्सेप्ट पर काम कर रहा इजराइल
रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो इस्राइल अब ग्रेटर इजराइल कॉन्सेप्ट पर काम कर रहा है। (Root Of Israel Palestine Conflict) इसके जरिए वह मिस्र, सऊदी अरब, कुवैत, ईरान और फिर सीरिया पर फिलिस्तीन की तरह कब्जा करना चाहता है। 1967 में इन 6 देशों ने ही मिलकर इजराइल पर हमला किया था जिसका इजराइल ने करारा जवाब दिया था।
हो सकता है सीज फायर
इस बीच इस्राइल और फ़िलिस्तीनियों के बीच 12 दिनों से चल रहा युद्ध शुक्रवार को समाप्त होने की उम्मीद है। (Root Of Israel Palestine Conflict) इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि दुनिया के कई देशों की कोशिशें जल्द रंग ला सकती हैं। इज़राइल और हमास युद्धविराम समझौते के करीब आ गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार कुछ पार्टियों ने हमास के साथ भी गुपचुप बातचीत की है।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस जताई चिंता (Root Of Israel Palestine Conflict)
गुरुवार को एक भावुक बयान में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने कहा- गाजा इस धरती पर बच्चों के लिए नर्क बन चुका है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने इस्राइल से गाजा पट्टी में अपनी कार्रवाई रोकने को कहा। गुटेरेस ने 193 सदस्यों की आम सभा में यह बात कही। इस दौरान गाजा में चल रहे हमलों को लेकर भी चिंता जताई गई। उन्होंने कहा- गाजा को युद्ध में भारी नुकसान हुआ है। बुनियादी व्यवस्थाएं नष्ट हो गई हैं। स्वास्थ्य सुविधाएं तो दूर की बात वहां बिजली और पानी की आपूर्ति भी ठप हो गई है।
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